Explainer: 1,07,92,52,848 KM प्रति घंटा! प्रकाश की गति से चलने पर इंसान का क्या हाल होगा?
Travel At The Speed of Light: प्रकाश की गति से यात्रा कर पाना असंभव है. हां, सैद्धांतिक रूप से उसके करीब जरूर पहुंचा जा सकता है. उस स्थिति में मानव शरीर का क्या होगा?
Speed of Light: Star Wars या वैसी ही कोई और साइंस-फिक्शन फिल्म याद कीजिए. प्रकाश की गति या उससे भी तेज चलने वाले अंतरिक्ष यान कल्पनाओं की उड़ान में नए नहीं, इनकी जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है. प्रकाश की अनुमानित गति, निर्वात में 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड या 1,079,252,848.8 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. यानी, प्रकाश घंटे भर में एक अरब किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर लेता है.
प्रकाश ऐसा कर सकता है क्योंकि उसके कण (फोटॉन) लगभग द्रव्यमानहीन होते हैं. यानी प्रकाश की गति वह गति है जिस पर द्रव्यमानहीन चीजें यात्रा करती हैं. इसलिए, द्रव्यमान वाली कोई भी चीज उस गति तक नहीं पहुंच सकती. और तो और, द्रव्यमानहीन कण भी प्रकाश की गति से तेज नहीं चल सकते. तभी तो, प्रकाश की गति को अक्सर 'ब्रह्मांडीय गति सीमा' कहा जाता है क्योंकि कोई भी चीज इससे तेज नहीं चल सकती.'
यह भी देखें: प्रकाश की गति सबसे तेज कहां होती है?
नजदीकी गैलेक्सी तक पहुंच पाना भी असंभव
ब्रह्मांडीय गति की इसी सीमा के चलते हम चाहकर भी ब्रह्मांड में बहुत दूर की यात्रा नहीं कर सकते. इंसान का एक जीवन उसके लिए बहुत छोटा है. अगर हम किसी तरह से, प्रकाश की गति के 99% से यात्रा करने में सक्षम हो भी जाएं तो पृथ्वी से हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे के केंद्र तक पहुंचने में लगभग 20 साल लग जाएंगे. वहां से सबसे नजदीकी, एंड्रोमेडा गैलेक्सी तक पहुंचने में 25 लाख साल से ज्यादा ही लगेंगे. हमारी आकाशगंगा का केंद्र एंड्रोमेडा आकाशगंगा से लगभग 2.5 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है.
प्रकाश की (लगभग) गति से यात्रा कैसे होगी?
विज्ञान कहता है कि प्रकाश की गति के करीब यात्रा करना असंभव है, और न ही जीवित रहना संभव है. प्रकाश की गति के सबसे करीब हम तब आए हैं जब हमने लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) में बेहद छोटे एटॉमिक कणों को प्रकाश की गति के 99.99999896% तक त्वरित किया. मानव सवार किसी अंतरिक्ष यान को प्रकाश की गति के उतना करीब तक पहुंच पाना असंभव है. NASA का यह वीडियो देखिए, आपको समझ आ जाएगा क्यों.
अगर हम कुछ समय के लिए सारा विज्ञान एक किनारे रख दें. और यह मान लें कि किसी तरह हमने प्रकाश की गति से यात्रा कर सकने वाला अंतरिक्ष यान बना लिया है तो? फिर इतनी तेज रफ्तार वाले यान में सवार इंसान के शरीर पर क्या असर पड़ेगा?
प्रकाश की गति से चलने पर क्या होगा?
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर एमेरिटस, गेर्ड कोर्टेमेयर और उनके साथियों ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में रहते हुए, 2012 में एक सिमुलेशन बनाया था. इसमें उन्होंने दिखाया था कि (लगभग) प्रकाश की गति से यात्रा करने पर रंग और चमक विकृत हो जाएंगे और बहुत अलग दिखेंगे.
Explainer: ब्रह्मांड के जन्म के बाद क्या एक और बिग बैंग हुआ था?
वैज्ञानिकों के अनुसार, आपको एक डॉप्लर प्रभाव का विजुअल अनुभव होगा. किसी वस्तु की ओर बढ़ने से वह नीली दिखाई देगी, क्योंकि उसकी तरंगदैर्घ्य दृष्टिगत रूप से छोटी हो जाती है. किसी वस्तु से दूर जाने पर इसका उल्टा होगा, जिससे उसका रंग लाल दिखाई देगा.
किसी चीज की ओर तेजी से बढ़ने पर, स्पॉटलाइट इफेक्ट के चलते उसकी चमक के बारे में आपकी धारणा बढ़ जाएगी. प्रकाश की गति के करीब दौड़ने का मतलब है कि ज्यादा प्रकाश कण एक बार में आपकी आंखों पर पड़ेंगे.
अब जरा समय के बारे में सोचिए. टाइम डाइलेशन का कॉन्सेप्ट महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की 'थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी' से उपजा था. यह कहता है कि प्रकाश की गति के करीब अंतरिक्ष में यात्रा करने वाला व्यक्ति पृथ्वी पर मौजूद अन्य सभी मनुष्यों की तुलना में अधिक धीरे-धीरे बूढ़ा होगा. अगर आप 299,792,450 मीटर प्रति सेकंड (प्रकाश की गति से थोड़ा कम) की स्पीड तक पहुंच पाए तो, अंतरिक्ष में उस गति से दो मिनट की यात्रा, हमारे ग्रह पर लगभग छह दिनों के समय के बराबर होगी.
बेहद तेज गति से चलने में सबसे बड़ी रुकावट त्वरण यानी एक्सीलरेशन है. याद रहे कि हम पहले से ही, अपेक्षा से कहीं अधिक तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं. पृथ्वी पर हम सभी लगभग 67,000 मील प्रति घंटे की गति से सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन, चूंकि यह गति बदलती नहीं है, इसलिए हम इसे महसूस नहीं कर पाते. फिर भी पृथ्वी से उड़ान भरकर प्रकाश की गति नहीं पहुंचा जा सकता. कोर्टेमेयर के मुताबिक, 'आपका शरीर चपट जाएगा.'
यह भी देखें: 10 लाख मील प्रति घंटा! ब्रह्मांड में भयानक स्पीड वाली रहस्यमय चीज मिली, खोज से NASA वैज्ञानिक भी हैरान
अब गुरुत्वाकर्षण की बात कर लेते हैं. हम पृथ्वी पर 1g पर जीवित रहने के लिए बने हैं. अधिकतर लोग कुछ सेकंड से लेकर मिनटों के छोटे समय में 4-6 g तक का दबाव झेल सकते हैं. लेकिन लंबे समय तक या बेहद तीव्र गुरुत्वाकर्षण बल घातक हो जाता है. कोर्टेमेयर के अनुसार, अगर आप g को 3 ग्राम से कम रखना चाहते हैं, तो किसी को प्रकाश की गति तक पहुंचने में लगभग एक साल लगेगा. लेकिन इससे शरीर पर लॉन्ग-टर्म में क्या असर पड़ेगा, यह हम नहीं जानते.