Kalpana Chawla: कल्पना पहली भारतीय मूल की महिला थीं जिन्होंने अंतरिक्ष में कदम रखा था. उनकी अधूरी वापसी आज भी एक टीस छोड़ जाती है. सुनीता की लैंडिंग के साथ वो पुराना दुख फिर से सामने आ गया है.
Trending Photos
Sunita Williams Return: इस समय पूरी दुनिया में अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की चर्चा है. धरती पर उनकी वापसी ने हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान ला दी है. इसका कारण यही कि वे भारतीय मूल की हैं. बुधवार 19 मार्च सुबह करीब साढ़े तीन बजे सुनीता अपने साथी बुच विल्मोर के साथ स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर फ्लोरिडा के समुद्री तट पर सुरक्षित उतरीं. नौ महीने से ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे रहने के बाद उनकी यह वापसी किसी चमत्कार से कम नहीं. लेकिन इस खुशी के बीच एक पुराना दर्द फिर से उभर आया है. उस दर्द का नाम कुछ और नहीं बल्कि कल्पना चावला के साथ घटी वो घटना थी.
कोलंबिया अंतरिक्ष यान हादसा
असल में 22 साल पहले 1 फरवरी 2003 को एक और भारतीय बेटी कल्पना चावला अंतरिक्ष से लौट रही थी. उस समय कोलंबिया अंतरिक्ष यान हादसे में कल्पना की मौत हो गई थी. उस दिन हर भारतीय की आंखें नम थीं. अब सुनीता की वापसी उस अधूरी उम्मीद को फिर से याद दिला रही है कि काश कल्पना का यान भी धरती पर लौट पाता.
अंतरिक्ष मिशन STS-107 पर
नासा के मुताबिक कल्पना चावला अपने दूसरे अंतरिक्ष मिशन STS-107 पर गई थीं. 16 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद कोलंबिया अंतरिक्ष यान धरती की ओर लौट रहा था. लेकिन लैंडिंग से महज 16 मिनट पहले यान के बाएं पंख में खराबी के कारण यह हादसे का शिकार हो गया. टेक्सास और लुइसियाना के ऊपर आसमान में बिखरते कोलंबिया ने कल्पना सहित सात अंतरिक्ष यात्रियों को दुनिया से छीन लिया. उस दिन आसमान का मंजर देख हर भारतीय दुखी था.
कल्पना पहली भारतीय मूल की महिला थीं जिन्होंने अंतरिक्ष में कदम रखा था. उनकी अधूरी वापसी आज भी एक टीस छोड़ जाती है. सुनीता की लैंडिंग के साथ वो पुराना दुख फिर से सामने आ गया है.
सुनीता की वापसी पर भारत में जश्न..
सुनीता और कल्पना दोनों भारतीय मूल की हैं और दोनों ने अंतरिक्ष में लंबे मिशन पूरे किए. दोनों ने अपने साहस से दुनिया को चौंकाया. उस समय कोलंबिया हादसे ने नासा को सबक दिया था कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए. शायद यही वजह है कि सुनीता की वापसी को इतना सावधानी से अंजाम दिया गया. फिलहाल सुनीता की वापसी पर भारत में जश्न है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें पत्र लिखकर कहा कि भारतीयों को आप पर गर्व है.
17 घंटे की यात्रा के बाद धरती पर
बता दें कि सुनीता विलियम्स का सफर जून 2024 में शुरू हुआ था, जब वो और बुच विल्मोर बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से ISS के लिए रवाना हुए थे. यह मिशन सिर्फ 8 दिन का था, लेकिन यान में तकनीकी खराबी हीलियम रिसाव और थ्रस्टर की समस्या के कारण उनकी वापसी रुक गई. नासा ने स्टारलाइनर को बिना क्रू के वापस भेज दिया और सुनीता को लाने के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल का इंतजाम किया. 17 घंटे की यात्रा के बाद सुनीता धरती पर लौटीं.