Ancient Calendar: तुर्की में प्राचीन स्मारक के खंभों पर खुदा मिला 'दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर', 12000 साल पहले होता था सटीक कैलकुलेशन
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Ancient Calendar: तुर्की में प्राचीन स्मारक के खंभों पर खुदा मिला 'दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर', 12000 साल पहले होता था सटीक कैलकुलेशन

World’s oldest calendar: तुर्की के गोबेकली टेपे में 12,000 साल पुराने स्तंभ पर मौजूद चिह्नों को दुनिया का सबसे पुराना सौर कैलेंडर माना जाता है. यह एक भयावह धूमकेतु के हमले की याद दिलाता है. ब्रिटिश आर्कियोलॉजिस्ट ने इसकी खोज कर दुनिया को चौंका दिया है.

Ancient Calendar: तुर्की में प्राचीन स्मारक के खंभों पर खुदा मिला 'दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर', 12000 साल पहले होता था सटीक कैलकुलेशन

Turkish Solar Calendar: तुर्की के गोबेकली टेपे में लगभग 12,000 साल पुराने स्मारकों के स्तंभ पर मौजूद चिह्नों को दुनिया का सबसे पुराना सौर कैलेंडर माना जा रहा है. एक प्राचीन स्तंभ पर उकेरे गए दुनिया के सबसे पुराने इस कैलेंडर को ब्रिटेन के पुरातत्वविदों द्वारा खोजा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की में अनातोलिया के पहाड़ों में गोबेकली टेपे साइट पर खोजी गई टाइमकीपिंग सिस्टम से पता चलता है कि लोग 150 ईसा पूर्व ग्रीस में इसके दस्तावेजीकरण से 10,000 साल पहले की तारीखों को सटीक रूप से रिकॉर्ड कर रहे थे.

10,000 साल पहले भी था पृथ्वी की धुरी के हिलने-डुलने का ज्ञान

एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में एक टीम को चिह्नों का विश्लेषण करते हुए साइट पर एक खंभे पर 365 "वी" निशान खुदे हुए मिले. इनमें से हरेक को एक-एक दिन का प्रतिनिधित्व करने के लिए सोच कर उकेरा गया था. रिसर्चर्स ने कहा कि यह कैलेंडर 11 अतिरिक्त दिनों के साथ 12 चंद्र महीनों को भी प्रदर्शित करता है. यह 150 ईसा पूर्व में हिप्पार्कस द्वारा उकेरे गए 10,000 साल पहले पृथ्वी की धुरी के हिलने-डुलने के प्राचीन ज्ञान की पुष्टि करता है.

13,000 साल पहले एक धूमकेतु के हमले को भी दर्शाया गया

टीम ने 27 दिनों तक चलने वाली उल्का धारा को दर्शाने वाला एक दूसरा स्तंभ भी खोजा. इसके अलावा, प्राचीन स्तंभों पर की गई नक्काशी में 13,000 साल पहले एक धूमकेतु के हमले को भी दर्शाया गया है, जिसने बड़े जानवरों को नष्ट कर दिया और 1,200 साल तक चलने वाले छोटे हिमयुग की शुरुआत की थी. ऐसा माना जाता है कि इस घटना ने कृषि और धर्म में नए विकास के साथ मानव सभ्यता को आकार दिया है. 

एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के डॉ. मार्टिन स्वेटमैन के नेतृत्व में रिसर्च

रिसर्च टीम का नेतृत्व करने वाले एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के प्रमुख डॉ. मार्टिन स्वेटमैन ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि गोबेकली टेपे के रहने वाले आकाश में होने वाली खगोलीय घटनाओं को लेकर काफी उत्सुक रहा करते थे. इसकी उम्मीद की जा सकती है. क्योंकि उनकी दुनिया एक धूमकेतु के हमले से तबाह हो गई थी."

खगोलीय घटना से ही पश्चिम एशिया में प्रारंभिक सभ्यता की शुरुआत

डॉ. मार्टिन स्वेटमैन ने आगे कहा, "इस घटना ने एक नए धर्म की शुरुआत करके और ठंडी जलवायु से निपटने के लिए कृषि में विकास को प्रेरित करके नई सभ्यता को भी जन्म दिया होगा. शायद उन्होंने जो देखा उसे रिकॉर्ड करने का उनका प्रयास हजार साल बाद के लेखन के विकास की दिशा में पहला कदम है." माना जाता है कि इस खगोलीय घटना से ही पश्चिम एशिया में प्रारंभिक सभ्यता की शुरुआत हुई.

समय और मौसम को ट्रैक करने के लिए एक सौर कैलेंडर भी शामिल

जर्नल टाइम एंड माइंड में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चलता है कि इन प्राचीन मनुष्यों ने तारीखों को रिकॉर्ड करने के लिए प्रीसेशन, पृथ्वी की धुरी में उतार-चढ़ाव का उपयोग किया था, जो आकाश में नक्षत्रों की गति को प्रभावित करता है. इस परिसर में मंदिर जैसे घेरे हैं, जिन पर नक्काशी की गई है. यह मानव सभ्यता को प्रभावित करने वाली किसी खगोलीय घटना का दस्तावेजीकरण कर सकती है. इसमें समय और मौसम को ट्रैक करने के लिए एक सौर कैलेंडर भी शामिल है.

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गोबेकली टेप साइट में अब तक ज्ञात सबसे पुरानी मानव निर्मित संरचनाएं

गोबेकली टेप साइट में अब तक ज्ञात सबसे पुरानी मानव निर्मित संरचनाएं हैं. इसका निर्माण 9,600 और 8,200 ईसा पूर्व के बीच शिकारियों द्वारा किया गया था. वह स्टोनहेंज से 6,000 साल से भी पहले का था. इस स्मारक का सटीक मकसद दशकों से विशेषज्ञों को हैरान कर रहा है. हालांकि, कई लोग मानते हैं कि इस जगह का उपयोग अंतिम संस्कार जैसे अनुष्ठानों के संबंध में किया जाता था.

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