पिछले कुछ दशकों में बिल्लियों के स्वभाव में आए हैं बहुत तेज़ी से बदलाव
Advertisement

पिछले कुछ दशकों में बिल्लियों के स्वभाव में आए हैं बहुत तेज़ी से बदलाव

न्यूयॉर्क में हुए एक रिसर्च के मुताबिक बिल्ली में चूहे का शिकार करने की क्षमता पहले के मुकाबले कम हो गई है .

पिछले कुछ दशकों में बिल्लियों के स्वभाव में आए हैं बहुत तेज़ी से बदलाव

पिछले कुछ दशकों में बिल्लियों के स्वभाव में बहुत तेज़ी से बदलाव आए हैं... और अब बिल्लियां चूहों का शिकार नहीं कर पातीं

आपको याद होगा, 8 अक्टूबर को हमने बिल्ली और चूहे के बीच बदलते समीकरणों का एक DNA टेस्ट किया था. जिसमें हमने आपको ये बताया था, कि कैसे छोटे-छोटे चूहे, अब बिल्लियों की ताकत और उनके साम्राज्य को चुनौती दे रहे हैं. बिल्लियों के संदर्भ में अक्सर एक बात कही जाती है, कि 900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. इस कहावत से ये बात स्पष्ट होती है कि बिल्ली, बहुत तेज़ी से चूहों का शिकार करती है. तमाम कहानियों से लेकर एनिमेशन फिल्मों तक चूहे-बिल्ली की लड़ाई वाले किस्से पूरी दुनिया में बहुत मशहूर हैं. अब तक ये देखा गया है कि चूहे को देखकर बिल्ली, शिकार वाली मुद्रा में आ जाती है और शिकार के लिए पूरी मेहनत करती है . लेकिन अब ये बातें पुरानी हो गई है . वक़्त के साथ चूहे के खिलाफ़ बिल्ली का गुस्सा ठंडा हो रहा है. और अब 21वीं सदी की बिल्ली, चूहे का शिकार करने के काबिल ही नहीं है.

न्यूयॉर्क में हुए एक रिसर्च के मुताबिक बिल्ली में चूहे का शिकार करने की क्षमता पहले के मुकाबले कम हो गई है . इस रिसर्च को करने के लिए न्यूयॉर्क शहर में CCTV कैमरों से चूहे और बिल्ली की हरकतों पर नज़र रखी गई . और करीब 80 दिन में 306 Video Clips का विश्लेषण करने के बाद ये निष्कर्ष निकाला गया कि सिर्फ़ 20 Videos में ही बिल्ली ने .. चूहों को पकड़ने की कोशिश की. हैरानी की बात ये है कि बिल्ली को जैसे ही 30 ग्राम से ज़्यादा भारी और बड़े चूहे दिखाई देते थे.... तो वो शिकार करने का विचार ही त्याग देती थी. 

चाहे Luxembourg का वीडियो हो, या फिर न्यूयॉर्क का.. हर बार इस बात की पुष्टि हुई कि बिल्लियां ज़्यादा मेहनत नहीं करना चाहतीं. अब ये बिल्ली का आलस है या चूहों में उसकी दिलचस्पी कम हो गई है ये रिसर्च विषय है.

चार्ल्स डारविन ने अपनी Theory of Evolution में कहा था कि जीव जंतुओं की प्रजातियों में समय के साथ साथ बदलाव आते हैं ताकि वो अपने आसपास हो रहे बदलावों के बीच खुद को सुरक्षित रख सकें. ऐसे बदलाव बहुत सारे जीवों और पौधों में देखे गये हैं. हो सकता है कि बिल्ली के अंदर भी ऐसे ही बदलाव आ रहे हों.

Trending news