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Science News

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China Tiantong Satellite: मोबाइल तकनीक के मामले में चीन बाकी दुनिया से कई कदम आगे निकल गया है. चीन ने दुनिया का पहला ऐसा सैटेलाइट बना लिया है जिससे सीधे स्मार्टफोन से कॉल हो सकती है. इसके लिए धरती पर टावरों का नेटवर्क या अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ेगी.  मेनस्ट्रीम होने के बाद, सैटेलाइट फोन की जरूरत भी नहीं रह जाएगी. सैटेलाइट कम्युनिकेशंस की फील्ड में चीन की यह उपलब्धि 'मील का पत्थर' साबित साबित हो सकती है. चीन ने इस प्रोजेक्ट को 'टियांटांग' (Tiantong) नाम दिया है जिसका मतलब होता है, 'स्वर्ग से जुड़ना'. Tiantong-1 सैटेलाइट सीरीज का पहला लॉन्‍च 6 अगस्त, 2016 को हुआ था. अब ऐसे तीन सैटेलाइट 36,000 किलोमीटर वाले ऑर्बिट में मौजूद हैं. इनकी मदद से चीन पूरे एशिया-पैसिफिक को कवर कर लेता है. पिछले साल सितंबर में Huawei ने दुनिया का पहला स्मार्टफोन लॉन्च किया था जिससे सैटेलाइट कॉल की जा सकती थी. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, Xiaomi, Honor और Oppo जैसे अन्य मोबाइल निर्माता भी ऐसे स्मार्टफोन डेवलप कर रहे हैं. चीन की यह खोज आपातकालीन परिस्थितियों में कारगर साबित हो सकती है. (Photo : Dall-E AI)
Apr 15,2024, 15:14 PM IST
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Apr 12,2024, 15:01 PM IST
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NASA LRO Images: अमेरिकी स्पेस एजेंसी, नासा के लूनर ऑर्बिटर (LRO) ने चांद के चक्कर लगाते हुए दिलचस्प तस्वीरें भेजी हैं. इन तस्वीरों में सर्फबोर्ड जैसी कोई चीज चांद पर मंडराती दिख रही है. यह कोई UFO या एलियन ऑब्जेक्ट नहीं है. दरअसल, NASA के LRO ने साउथ कोरिया के लूनर ऑर्बिटर 'दानुरी' को देख लिया था. दोनों ही स्पेसक्राफ्ट चांद के चक्कर लगाते हैं. चूंकि दोनों लगभग समानांतर कक्षा में घूम रहे थे, इसलिए नासा की टीम फोटो ले पाई. यह घटना 5-6 मार्च के बीच हुई. नासा के LRO में जो कैमरा लगा है, उसका शार्ट एक्सपोजर टाइम बेहद कम (0.338 मिली सेकंड) है. इस वजह से दानुरी का फोटो लेना बड़ा मुश्किल हो गया था. फिर भी LRO ने दो-तीन फोटो तो ले ही लिए. 'दानुरी' साउथ कोरिया का पहला स्पेसक्राफ्ट है जो चांद की कक्षा में पहुंचा था. (All Photos: NASA/Goddard/Arizona State University)
Apr 11,2024, 17:48 PM IST
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Peter Higgs God Particle Discovery: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक पीटर हिग्स का निधन हो गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग ने उनकी मृत्यु की जानकारी दी. हिग्स 94 साल के थे. हिग्स ने अपने काम से यह समझाया कि ब्रह्मांड में द्रव्यमान कैसे है. यह फिजिक्स की सबसे बड़ी गुत्थियों में से एक था. पीटर हिग्स ने छह दशक पहले हिग्स बोसॉन 'गॉड पार्टिकल' के होने की भविष्यवाणी की थी. करीब 50 साल चली रिसर्च के बाद हिग्स की भविष्यवाणी सच साबित हुई. यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) के लॉर्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) में चले प्रयोगों ने 2012 में हिग्स को सही साबित किया. अगले साल उन्हें बेल्जियन फिजिसिस्ट फ्रेंकोइस एंगलर्ट के साथ फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. हिग्स बोसॉन या 'गॉड पार्टिकल' की खोज ने पीटर हिग्स को अल्बर्ट आइंस्टीन और मैक्स प्लांक जैसे वैज्ञानिकों की कतार में ला दिया था. (Photos : Reuters)
Apr 10,2024, 10:45 AM IST
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अंटार्कटिका को बाकी दुनिया बर्फ में दबे एकांत महाद्वीप के रूप में जानती है. लेकिन यह बात पूरी तरह सच नहीं. बाकी भूभाग की तरह, अंटार्कटिका के नीचे भी जमीन धधक रही है. अंटार्कटिका में बर्फ की मोदी चादर के नीचे सैकड़ों ज्वालामुखी मौजूद हैं. यहां पर मौजूद बर्फ की पश्चिमी परत को दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी क्षेत्र माना जाता है. वहां कम से कम 138 ज्वालामुखी मौजूद हैं. इनमें से 91 की खोज पहली बार 2017 में छपी एक स्टडी में की गई थी. क्या अंटार्कटिका में मौजूद ज्वालामुखियों में कभी विस्फोट हो सकता है? जियोलॉजिस्‍ट्स की मानें तो यह ज्वालामुखी पर निर्भर करता है. 2017 वाली स्‍टडी में रिसर्चर्स ने कहा था कि तमाम ज्वालामुखी बेहद नौजवान हैं. वैज्ञानिक यह पता नहीं लगा पाए थे कि वे ज्वालामुखी के लिहाज से सक्रिय हैं या नहीं. अभी अंटार्कटिका के केवल दो ज्वालामुखियों को सक्रिय माना जाता है- डिसेप्‍शन आइलैंड और माउंट एरेबस. (All Photos : NASA)
Apr 8,2024, 15:11 PM IST
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Megadroughts In Australia: ऑस्ट्रेलिया पर भयानक सूखे का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों ने चेताया है कि जल्द ऐसा सूखा पड़ सकता है जो 20 साल से ज्यादा समय तक रहेगा. Hydrology and Earth System Sciences जर्नल में यह स्टडी छपी है. ऑस्‍ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटीज ने मिलकर एक मॉडल तैयार किया है. इसके मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में जल्‍दी ही एक मेगाड्रॉट (भयंकर सूखा) देखने को मिल सकता है दशकों तक चलेगा. रिसर्चर्स ने अभी इस मॉडल में औद्योगिक क्रांति के बाद से जलवायु पर पड़े इंसानी प्रभाव को शामिल नहीं किया है. साइंटिस्‍ट्स ने यह भी पाया कि 20वीं सदी में पड़े सूखे भी औद्योगिक क्रांति से पहले के सूखों से ज्यादा लंबे थे. मेगाड्रॉट बेहद गंभीर, लंबे चलने वाले और बड़े इलाके में फैले सूखे को कहते हैं. वे कई दशकों यहां तक कि सदियों तक चल सकते हैं. अमेरिका के दक्षिणपश्चिमी इलाके में 21वीं सदी की शुरुआत में सूखा पड़ा था. अभी तक उस एरिया को सूखे से राहत नहीं मिली है. (Photo : Reuters)
Apr 3,2024, 16:52 PM IST
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NASA CADRE Mission Rovers: नासा के मिनी ऑटोनॉमस रोवर्स की टेस्ट ड्राइव सफल रही. सूटकेस के साइज वाले ये रोवर्स अगले साल चांद पर जाएंगे. वहां चहलकदमी करते हुए ये चांद की सतह का मैप बनाएंगे. इन रोवर्स को Cooperative Autonomous Distributed Robotic Exploration यानी (CADRE) के तहत बनाया गया है. यह ऐसा मिशन है जिसके जरिए वैज्ञानिक यह दिखाने की कोशिश करेंगे कि बिना इंसान के कंट्रोल किए भी रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट साथ काम कर सकते हैं. NASA ने सूटकेस जितने साइज वाले इन रोवर्स को जेट प्रपल्‍शन लैबोरेटरी (JPL) के मार्स यार्ड में दौड़ाया. इस यार्ड की सतह बेहद ऊबड़-खाबड़ है, काफी कुछ वैसी ही जैसी चांद की है. NASA की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मिनी CADRE रोवर्स ने एक साथ चलकर दिखाया. रास्ते में आई रुकावटों पर उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया. (Photos : NASA-JPL)
Apr 2,2024, 18:39 PM IST
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South Korea Artificial Sun: साउथ कोरिया के वैज्ञानिकों ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. उन्होंने 'आर्टिफिशियल सूर्य' के तापमान  को 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक ले जाने में सफलता पाई है. यही नहीं, न्यूक्लियर फ्यूजन एक्सपेरिमेंट के दौरान, वैज्ञानिक इस तापमान को 48 सेकेंड तक बरकरार रख पाए. इससे पहले का वर्ल्‍ड रिकॉर्ड सिर्फ 31 सेकेंड तक का था. साउथ कोरियाई वैज्ञानिकों ने लैब के भीतर हमारे सूर्य के कोर से सात गुना ज्यादा गर्म तापमान पैदा किया. यह भविष्‍य की एनर्जी टेक्नोलॉजी के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. न्यूक्लियर फ्यूजन वह प्रक्रिया होती है जिससे सूर्य के भीतर ऊर्जा पैदा होती है. इसमें दो परमाणुओं को एक साथ लाया जाता है जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा बाहर निकलती है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि न्यूक्लियर फ्यूजन से क्‍लीन एनर्जी हासिल की जा सकती है. इस प्रक्रिया से ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार कार्बन प्रदूषण नहीं निकलता. हालांकि, पृथ्वी पर न्यूक्लियर फ्यूजन की प्रक्रिया को मास्टर करने में अभी काफी मुश्किलें आएंगी.
Apr 2,2024, 22:13 PM IST
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Antarctica Ice Shelf Melting News: अंटार्कटिका में मौजूद बर्फ का समंदर डोल रहा है. हर दिन यह थोड़ा इधर-उधर खिसक जाता है. एक नई स्टडी में यह बात पता चली है. Ross Ice Shelf अंटार्कटिका की सबसे बड़ी बर्फीली चट्टान है. हालिया रिसर्च के मुताबिक, फ्रांस के आकार की यह चट्टान रोज एक-दो बार 6 से 8 सेंटीमीटर खिसकती है. इस चट्टान का नाम ब्रिटिश एक्सप्लोरर सर जेम्स क्लार्क रॉस के नाम पर रखा गया है. रॉस ने ही 19वीं सदी में इस चट्टान की खोज की थी. जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में छपी स्टडी के अनुसार, Ross Ice Shelf के रोज खिसकने की वजह एक बर्फीली धारा है. स्टडी के लीड ऑथर, डग वीन्‍स के मुताबिक, यह धारा सीधे चट्टान में बहती है. वैज्ञानिक बर्फीली धाराओं और बर्फीली चट्टानों के बीच ऐसी घटनाओं से चकित हैं. अंटार्कटिका में मौजूद कई बर्फीली चट्टानों को ग्लोबल वार्मिंग की वजह से खतरा पैदा हो गया है. वैज्ञानिकों को चिंता है कि बर्फीली चट्टानों पर दबाव का नतीजा बड़े भूकंप के रूप में सामने आ सकता है.
Apr 1,2024, 16:40 PM IST
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Six Legged Mouse Embryo: पुर्तगाल के बायोसाइंटिस्‍ट्स ने लैब में छह पैरों वाला चूहा बनाया है. चूहे के भ्रूण में जहां पर जननांग होने चाहिए थे, वहां पर दो अतिरिक्त पैर हैं. 'नेचर कम्युनिकेशंस' जर्नल में छपी स्टडी में पुर्तगाली वैज्ञानिकों ने इस अजीब प्रयोग की जानकारी दी. नई रिसर्च से यह समझने में मदद मिली कि DNA के 3D स्‍ट्रक्‍चर में बदलाव का भ्रूण के विकास पर कैसा असर होता है. पुर्तगाली वैज्ञानिक एक तरह के रिसेप्‍टर प्रोटीन Tgfbr1 पर स्‍टडी कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने लैब में चूहे के कई भ्रूण बनाए. जब भ्रूण आधे विकसित हो चुके थे, तब उन्‍होंने Tgfbr1 जीन को निष्क्रिय कर दिया, यह देखने के लिए उससे स्‍पाइनल कॉर्ड के विकास पर क्‍या असर पड़ता है. फिर एक दिन, जूनियर साइंटिस्ट ने देखा कि एक भ्रूण के जननांग ऐसे दिख रहे हैं जैसे कि एक्स्ट्रा पैर हों.
Mar 30,2024, 14:08 PM IST
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Ancient Shipwreck Discovery: समुद्र की गहराइयों में न जाने कितने राज दफन हैं. हाल ही में, ग्रीक रिसर्चर्स ने विदेशी एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर महत्वपूर्ण खोज की है. उन्‍हें कासोस आइलैंड के पास 5000 साल से भी पुराने जहाज का मलबा मिला है. पुरातत्व विज्ञानियों और इतिहासकारों के लिए यह किसी 'खजाने' से कम नहीं. रिसर्चर्स ने 20 से 47 मीटर गहरे पानी में कुल 10 जहाजों के मलबे खोजे हैं. इनमें से एक जहाज तो 3000 BC (ईसा पूर्व) पुराना है. ग्रीक की मिनिस्‍ट्री ऑफ कल्चर (संस्कृति मंत्रालय) ने बताया कि उन्हें क्‍लासिकल पीरियड (460 ईसा पूर्व), हेलेनिस्टिक पीरियड (100 ईसा पूर्व से 100 ईस्वी), रोमन पीरियड (200 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी), बीजान्टिन पीरियड (800 से 900 ईस्वी) के साथ-साथ मिडल पीरियड और ओटोमन पीरियड के भी अवशेष मिले हैं. रिसर्चर्स ने 20,000 से ज्‍यादा तस्वीरें ली हैं और काफी सारा मैटीरियल अपने साथ लेकर आए हैं. प्राचीन काल से जुड़ी इस खोज के बारे में आगे विस्तार से जानिए. (All Photos : Greek Ministry of Culture)
Mar 24,2024, 16:01 PM IST
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World Water Day 2024: हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है. हमारी धरती का 70% हिस्सा पानी में डूबा है. एक अनुमान के मुताबिक, पृथ्वी पर 1.38 बिलियन लीटर पानी है. 97% से ज्‍यादा पानी महासागरों और सागरों में भरा है. यह पानी खारा है मतलब इंसान के पीने लायक नहीं. महासागरों में जमा पानी की वजह से ही हमारी धरती का रंग नीला मालूम पड़ता है. पृथ्वी पर उपलब्ध कुल पानी का सिर्फ 2.5% ही पीने लायक है और उसका भी दो-तिहाई ग्‍लेशियरों में जमा है. UNICEF के मुताबिक, 2025 तक दुनिया की आधी आबादी ऐसे इलाकों में रह रही होगी जहां पानी की किल्लत होगी. वर्ल्‍ड इकॉनमिक फोरम (WEF) ने जल संकट दुनिया के लिए सबसे बड़े खतरों की लिस्ट में रखा है. इस खतरे को टालने के मकसद से वर्ल्ड वाटर डे की शुरुआत हुई थी. पानी का केमिकल फॉर्म्युला H2O है. पानी के हर अणु में ऑक्सीजन का एक और हाइड्रोजन के दो परमाणु होते हैं. क्‍या हम हवा में मौजूद इन दो गैसों से पानी नहीं बना सकते?
Mar 22,2024, 17:19 PM IST
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Arctic Sea Melting: आर्कटिक सर्कल में तमाम देशों के वैज्ञानिक एक अनूठा प्रयोग कर रहे हैं. वे खारा पानी डालकर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्‍या समुद्र की बर्फ को पिघलने से रोका जा सकता है. इन वैज्ञानिकों का लक्ष्य है, ग्लोबल वार्मिंग की रफ्तार को धीमा करना. समुद्र की बर्फ जैसे-जैसे पिघलती है, गहरे समुद्र की सतह सूरज की और ज्‍यादा ऊर्जा अवशोषित करती है जिससे गर्माहट में तेजी आती है. वैज्ञानिक इस कोशिश में लगे हैं कि आर्कटिक में जमा बर्फ की परत को और गाढ़ा किया जा सके. यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के डॉ. शॉन फिट्जगेराल्ड की अगुवाई में वैज्ञानिकों की टीम समुद्री बर्फ को और गाढ़ा बनाने में लगी है ताकि बर्फ पिघलने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सके. तमाम रिसर्चर्स आर्कटिक सर्किल में मौजूद एक कनाडाई गांव, कैम्ब्रिज बे में चुनौतीपूर्ण हालात में डटे हैं. जानिए आर्कटिक में चल रहे इस अनोखे प्रयोग के बारे में. (All Photos : NASA Earth Observatory)
Mar 22,2024, 15:59 PM IST
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ESA Discovers 'Shiva' and 'Shakti': आकाशगंगा के कई रहस्य अबतक अनसुलझे हैं. जैसे तारों को लेकर कहा जाता है कि उनकी गिनती सबसे मुश्किल है. तारे आकार में सूरज से कई गुना बड़े होते हैं. एक दूसरे से करोड़ों किलोमीटर दूरी पर स्थित होने के बावजूद धरती से देखने पर एकदम नजदीक दिखते हैं. ऐसे रहस्यों को खंगालने के लिए अंतरिक्ष एजेंसियों ने टेलिस्कोप लगाए हैं. जिनसे अंतरिक्ष के अजूबों की पड़ताल हो रही है. यूरोपीय स्पेस एजेंसी ईएसए की बात करें तो उसके स्पेस टेलीस्कोप से ली गई तस्वीरों से अक्सर ब्रह्मांड के रहस्यों की जानकारी मिलती है. इस कड़ी में एक बार फिर उसने कमाल करते हुए आकाशगंगा में 'शिव' और 'शक्ति' नाम के प्राचीन तारों के उस प्वाइंट को एक साथ कैप्चर किया है, जिनका निर्माण अरबों साल पहले हुआ था. माना जाता है कि आकाशगंगा (Milky way) के निर्माण में इनका अहम रोल था.
Mar 22,2024, 10:07 AM IST
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