चाहे बाएं हाथ में दर्द हो या पीठ में कभी भी अनदेखा न करें
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चाहे बाएं हाथ में दर्द हो या पीठ में कभी भी अनदेखा न करें

कुछ दिनों पहले मेरे बाएं हाथ में काफी दर्द हुआ. चूंकि मुझे यह सामान्य लगा, इसलिए इसे नजरंदाज कर दिया. मगर दर्द ने मुझे नजरंदाज नहीं किया, उल्टा वह नियमित हो गया.

चाहे बाएं हाथ में दर्द हो या पीठ में कभी भी अनदेखा न करें

अपनी सेहत को लेकर मैं अक्सर बेपरवाह रहता हूं. हालांकि, कुछ समय पहले तक सबकुछ बढ़िया था. हर रोज 5-6 किलीमीटर की वॉक हो जाया करती थी, लेकिन कोरोना ने मन के किसी कोने में छिपे बैठे आलस को पुन: जागृत किया और जहां से शुरुआत की थी वहीं वापस पहुंच गया. वैसे, काम का बोझ भी कुछ कम नहीं है, मगर मुझे यह सच स्वीकारने में कोई हिचक नहीं कि आलस इस बोझ पर भारी है.

गूगल पर मर्ज का इलाज खोजना
कुछ दिनों पहले मेरे बाएं हाथ में काफी दर्द हुआ. चूंकि मुझे यह सामान्य लगा, इसलिए इसे नजरंदाज कर दिया. मगर दर्द ने मुझे नजरंदाज नहीं किया, उल्टा वह नियमित हो गया. दिन में कई दफा दर्द उठता और चला जाता. फिर मैंने वही किया जो मौजूदा दौर में अधिकांश लोग करते हैं, यानी गूगल पर मर्ज का इलाज खोजना. कुछ लेख पढ़े और संतुष्ट हो गया कि सबकुछ ठीक है. घरवाले मुझे लगातार डॉक्टर को दिखाने की बात करते रहे, मगर कोरोना काल में यह हिम्मत मैं नहीं जुटा पाया. घरवाले अपनी जगह सही थे और मेरा डर अपनी जगह, पर इस बीच कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरे डर को और भी बढ़ा दिया.

खबर मिली कि शर्मा जी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. शर्मा जी मेरे पड़ोस में रहते हैं और अपनी सेहत का काफी ख्याल करते हैं. नियमित सैर, योग उनकी दिनचर्या में शुमार है. उन्हें भी पिछले कई दिनों से बाएं हाथ में दर्द की शिकायत थी. डॉक्टर के पास गए तो पहले उनके ट्रेडमिल सहित कई टेस्ट कराए गए और फिर तुरंत ही भर्ती कर लिया गया. उनकी 95% धमनियां ब्लॉक हो चुकी थीं, लिहाजा ऑपरेशन के अलावा कोई रास्ता नहीं था.

वर्चुअल डॉक्टर पर यकीन
अब मुझे लगा कि ‘गूगल ज्ञान’ से बाहर निकलकर असली डॉक्टर से मिलने का समय आ गया है. लिहाजा मैं बिना देर किए एक परिचित डॉक्टर के पास पहुंच गया. डॉक्टर ने कुछ सवाल पूछे, मसलन, घबराहट हो रही है, पसीना आता है आदि. इसके बाद कुछ दवाएं दीं और साथ ही यह भी कहा कि वर्चुअल डॉक्टर पर यकीन करने से मर्ज बढ़ता है कम नहीं होता. इसलिए बाएं हाथ में दर्द जैसे गंभीर मसले को नजरंदाज करना भारी पड़ सकता है.

कोरोना महामारी की वजह से ज्यादा पेशेंट नहीं थे, मैंने इसका लाभ उठाया और एक के बाद एक कई सवाल पूछ लिए. वैसे भी मुझे सवाल पूछना पसंद है, यहां चूंकि मामला मेरी सेहत से जुड़ा था इसलिए यह पसंद कई गुना ज्यादा बढ़ गई. मसलन, बाएं हाथ के दर्द का दिल के दौरे से कितना गहरा नाता है? जवाब मिला, बहुत गहरा, लेकिन कुछ बातों पर ध्यान देना होगा. जैसे क्या दर्द के साथ पसीना आता है, अचानक ब्लड प्रेशर कम -ज्यादा होता है, क्या टहलने पर दर्द बढ़ता है, घबराहट होती है? यदि ये सभी लक्षण एकसाथ महसूस होते हैं, तो हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है.

दर्द को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
इसके अलावा, मेरी जिज्ञासु प्रवृत्ति को देखते हुए वह यह बताना भी नहीं भूले कि अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है या उसका कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक नहीं रहता है, तो बाएं हाथ के दर्द को नजरअंदाज करना बहुत भारी पड़ सकता है. अब जब बात दर्द की निकली, तो मैंने पीठ दर्द पर भी कुछ सवाल दाग दिए, क्योंकि इस समस्या से मैं काफी पीड़ित रहा हूं और आज भी यह दर्द मुझे अपनी चपेट में ले लेता है.

मेरे सवालों का निचोड़ जवाब था, ‘पीठ, कमर या पैरों में लगातार दर्द रहना सायटिका जैसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है. अक्सर लोग इसे थकान के चलते होने वाला दर्द मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं. यह दर्द पीठ में सियाटिक नर्व के दब जाने से उत्पन्न होता है. दरअसल, यह नर्व हमारी मांसपेशियों को शक्ति देने का काम करती है और इसी की वजह से हमें संवेदना महसूस होती है. जब यह नस दब जाती है, तो यह दूसरी नसों को भी दबाने लगती है. जिस वजह से कमर, पीठ और पैरों में दर्द शुरू हो जाता है.

जरूरी नहीं कि बाएं हाथ का दर्द हार्ट अटैक की ही निशानी हो
मैं डबल श्योर करने में विश्वास रखता हूं. कई बार मेरी इस आदत को लोग दिल पर ले लेते हैं, लेकिन क्या करूं मैं आदत से मजबूत हूं. वैसे कोरोना काल में यह सही भी है. अपनी इसी आदत और उत्सुकता के चलते मैंने दिल्ली के मशहूर डॉक्टर डॉक्टर अंशुमान कुमार से बात की. उन्होंने कई ऐसी बातें बताईं जिनसे मैं अभी तक परिचित नहीं था, शायद मेरी तरह कई और भी लोग हों. उन्होंने कहा कि बाएं हाथ में दर्द को नजरंदाज नहीं करना चाहिए. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि बाएं हाथ का दर्द हार्ट अटैक की ही निशानी हो, लेकिन इसे नकारा भी नहीं जा सकता. यदि आपके बाएं हाथ में दर्द के साथ सीने में भारीपन, पसीना आने, घबराहट या बेचैनी जैसी शिकायत है, तो यह बेहद खतरनाक है और आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. वैसे हार्ट अटैक का दर्द केवल बाएं हाथ ही नहीं बल्कि, गर्दन और जबड़े तक भी जाता है. कभी-कभी इसके चलते पेट के ऊपरी हिस्से में भी दर्द होता है, जिसे लोग बदहजमी या गैस की समस्या कहकर टाल देते हैं. ऐसी स्थिति में संबंधित व्यक्ति को खट्टी डकार नहीं आतीं और ऊपरी हिस्से में दर्द होता रहता है.

दिल की तीन मुख्य नलियां होती हैं, दो दिल के बाएं और एक दिल के दाएं तरफ. इन्हें हम कोरोनरी आर्टरीज कहते हैं. बढ़ती उम्र और बदलती लाइफस्टाइल के चलते इन रक्त नलिकाओं में अंदर धीरे-धीरे रुकावट पैदा होने लगती है, इनमें कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है. परिणामस्वरूप नली सिकुड़ने लगती है और रक्त का प्रवाह कम होता जाता है. हार्ट अटैक की मुख्य वजह दिल को खून की आपूर्ति करने वाली नसों का सिकुड़ना ही है.

इस्कीमिया यानी लो फ्लोइंग ब्लड
डॉक्टर कुमार के मुताबिक, ‘दिल को रक्त की बराबर आपूर्ति नहीं मिलने को इस्कीमिया यानी लो फ्लोइंग ब्लड कहते हैं, जिसकी वजह से कई बीमारियों का अंदेशा रहता है. ऐसे में यह अंतर पहचानना जरूरी हो जाता है कि कोई दर्द हार्ट अटैक की निशानी है या किसी दूसरी बीमारी से जुड़ा हुआ है. उदाहरण के तौर पर, गर्दन में दर्द सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस भी हो सकता है और दिल के दौरे का संकेत भी. इसमें अंतर यह है कि यदि दर्द दिल से जुड़ा है तो सीढ़ियां चढ़ते, भारी सामान उठाते या वॉक करते समय दर्द बढ़ेगा, लेकिन सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में ऐसा नहीं होगा. उस स्थिति में गर्दन हिलाने पर ही आपको दर्द का अनुभव होगा’.

तो मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि चाहे बाएं हाथ में दर्द हो या पीठ में उसे कभी भी अनदेखा न करें. कभी-कभी दर्द होना सामान्य है, लेकिन यदि यह बार-बार आपको बेचैन करता है, तो समय है कि आप डॉक्टर से मिलकर उसे बेचैन करें. मुझे सही समय पर यह अहसास हो गया वरना शायद मेरा हाल भी शर्मा जी जैसा हो गया होता. आप भी सतर्क और सजग रहें और सबसे महत्वपूर्ण बात वर्चुअल ज्ञान पर ही निर्भर न रहें.

(डिस्क्लेमर: लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं. इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.)

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