वासिंद्र मिश्र
एडिटर (न्यूज़ ऑपरेशंस), ज़ी मीडिया


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पंजाब के राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के बाद ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या देश एक नए तरह के आतंकवाद के मुहाने पर खड़ा है। नशे के चलते पंजाब आज अगर तबाही की कगार पर है तो देश पर भी बर्बादी का खतरा ज्‍यादा दूर नहीं है। हम आपको इतिहास की ओर ले चले तों पंजाब की ज्यादातर वही इलाके नशे की चपेट में है जहां से पंजाब में आतंकवाद की शुरुआत हुई थी। अमृतसर, तरनतारन, गुरुदासपुर, अबोहर, फजिल्का, फिरोजपुर...।


कहना गलत नहीं होगा कि ये महज ड्रग्स का मामला नहीं है बल्कि ड्रग्स के जरिए देश को खोखला करने की साजिश हो रही है। देश की युवा ताकत को खत्म करने की कोशिश हो रही है। एक बार फिर भारत को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है और अगर इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया तो देश के सामने आतंकवाद से भी बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार ये कहा था कि देश की सबसे बड़ी ताकत उसका मानव संसाधन है। युवा शक्ति है लेकिन आज यही युवा शक्ति खोखली होती जा रही है।


देश में ड्रग्स की तस्करी का सबसे बड़ा रूट भी इसी इलाके से आता है। पंजाब के जिन इलाकों में इसका सबसे ज्यादा असर है, आतंकियों को फंडिग के लिए ड्रग्स के कारोबार को मुख्य जरिया बना दिया गया है। ड्रग्स की तस्करी के इस नए पैटर्न ने सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़ा दिए हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से मादक पदार्थों की खेप की मात्रा हर साल तेजी से बढ़ रही है। पाकिस्तान से अफगान निर्मित हजारों किलो हशीश देश में लायी जाती है।


नारकोटिक्स अधिकारियों के मुताबिक नारकोटिक्स में सबसे ज्यादा तस्करी पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हेरोइन की होती है जिसका मुख्य केन्द्र भारत-पाक सीमा है और इसका ज्यादातर पंजाब के इन्ही नशा प्रभावित जिलों से आता है।


थोड़ा और पीछे चलें तो पंजाब की सबसे बडी ताकत उसकी एग्रो इकॉनॉमी होती थी। देश के दूसरे हिस्सों से लोग पंजाब के इसी सेक्टर में रोजगार के लिए जाते थे। तो क्या पंजाब एक बार फिर से सन 84 के दौर में वापस लौट रहा है। उस वक्त भी आतंकियों ने पंजाब को बर्बाद कर दिया था और इस बार नशे के जरिए फिर एक बार उसी दौर को वापस लाने की साजिश हो रही है और वर्तमान हालातों को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये हमारे देश के सामने सबसे बड़ा खतरा है। पहले से ही नॉर्थ ईस्ट के कई प्रदेश बडी समस्याओं से घिरे हैं। इसके साथ ही अब ड्रग्स ट्रैफिकिंग कॉरीडोर पूरे देश में बनता जा रहा है।


गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2013 और इस साल अब तक देशभर में मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े 34 हजार 684 मामले सामने आए हैं। इनमें से सबसे अधिक मामले पंजाब से हैं और दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो ने देश में 2010 से 2013 के बीच 4,77,850 किलोग्राम नशीले पदार्थ जब्त किए जिसमें हेरोईन, गांजा, मोर्फिन, चरस, अफीम, कोकीन आदि शामिल है। देश में 2013 में मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े 22,516 मामले सामने आए हैं जबकि इस वर्ष अब तक ऐसे 12,168 मामले दर्ज किये गए हैं। बात करें 2011 से 2014 के दौरान बरामद ड्रग्स के आंकड़ों की तो, पंजाब में- 380 लाख किलो ड्रग्स, मिजोरम- 474 लाख किलो ड्रग्स, मणिपुर-90 लाख किलो ड्रग्स, असम-27 लाख किलो ड्रग्स,
यूपी- 20 लाख किलो ड्रग्स, नगालैंड- 42 लाख किलो ड्रग्स बरामद किए गए।


बीते दिनों देश की सर्वोच्च अदालत ने देश के नौनिहालों में तम्बाकू, ड्रग्स, भांग, सूंघने वाले मादक पदार्थों और नशे की खतरे की हद तक बढ़ रही लत पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार, सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। लिहाजा अब वक्त आ गया है कि इसको पॉलिटिक्स से दूर रखा जाए। सियासी बयानों से बचा जाए नहीं तो पंजाब के साथ साथ पूरा देश तबाह और बर्बाद हो जाएगा।