11वीं क्लास में पढ़ते हैं सौरभ चौधरी, किसान पिता के साथ खेती में बंटाते हैं हाथ
Advertisement

11वीं क्लास में पढ़ते हैं सौरभ चौधरी, किसान पिता के साथ खेती में बंटाते हैं हाथ

तीन साल पहले निशानेबाजी में उतरे सौरभ चौधरी ने कहा कि मुझे कोई दबाव महसूस नहीं हुआ.

सौरभ चौधरी घर पर अपने पिता की खेती बाड़ी में मदद करते हैं.

पालेमबांग. सोलह बरस के सौरभ चौधरी 10 मीटर एयर पिस्टल में विश्व और ओलंपिक चैंपियनों को पछाड़ते हुए पीला तमगा जीतने के साथ ही एशियन गेम्स के इतिहास में स्वर्ण जीतने वाले भारत के पांचवें निशानेबाज बन गए. एशियन गेम्स में उनसे पहले जसपाल राणा, रणधीर सिंह, जीतू राय और रंजन सोढी स्वर्ण जीत चुके हैं. पहली बार सीनियर स्तर पर खेल रहे चौधरी ने बेहद परिपक्वता और संयम का परिचय देते हुए 2010 के विश्व चैंपियन तोमोयुकी मत्सुदा को 24 शॉट के फाइनल में हराया.

मेरठ के कलिना गांव में रहने वाले एक किसान के बेटे सौरभ चौधरी ने 240-7 का स्कोर किया. वहीं जापान के 42 साल के मत्सुदा ने 239-7 का स्कोर करके रजत पदक जीता. उन्होंने 23वें शॉट पर 8-9 स्कोर किया जबकि चौधरी ने खेलों का रिकॉर्ड बनाते हुए आखिरी दो शॉट में 10-2 और 10-4 स्कोर किया. चौधरी ने कुछ महीने पहले जर्मनी में जूनियर विश्व कप में रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था.

तीन साल पहले निशानेबाजी में उतरे सौरभ चौधरी ने कहा कि मुझे कोई दबाव महसूस नहीं हुआ. क्वालीफिकेशन में भी उन्हें दबाव महसूस नहीं हुआ था और उन्होंने 586 स्कोर किया था. ओलंपिक और विश्व चैंपियन कोरिया के जिन जिंगोह दूसरे और वर्मा छठे स्थान पर रहे थे.

11वीं के छात्र चौधरी ने बागपत के पास बेनोली में अमित शेरोन अकादमी में निशानेबाजी के गुर सीखे. घर पर वह अपने पिता की खेती बाड़ी में मदद करते हैं. सौरभ ने कहा, ''मुझे खेती पसंद है. हमें अभ्यास से ज्यादा छुट्टी नहीं मिलती, लेकिन जब भी मैं गांव जाता हूं तो अपने पिता की मदद करता हूं.''

वर्मा ने 3 साल पहले शुरू की निशानेबाजी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण कर रहे भारत के अभिषेक वर्मा ने भी 219-3 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता. हरियाणा के रोहतक के वर्मा ने तीन साल पहले ही निशानेबाजी शुरू की. उन्होंने कहा कि शुरूआत में मैं नर्वस था लेकिन फिर संयम रखकर खेला. यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है और पदक जीतकर अच्छा लग रहा है.

Asian Games 2018 : 16 साल के सौरभ चौधरी का कमाल, शूटिंग में दिलाया पहला गोल्ड

पांचवीं सीरीज में उन्होंने 10-7 का स्कोर करके खुद को पदक की दौड़ में बनाए रखा. इससे पहले वह मनु भाकर के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके थे. अभिषेक ने कहा कि मनु और मैं मिश्रित टीम फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके थे लेकिन हम निराश नहीं थे. हमने उससे काफी कुछ सीखा.

 

Trending news