शार्दुल विहान : क्रिकेट और फिर बैडमिंटन में हाथ आजमाने के बाद निशानेबाजी में जीता गोल्ड
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शार्दुल विहान : क्रिकेट और फिर बैडमिंटन में हाथ आजमाने के बाद निशानेबाजी में जीता गोल्ड

शार्दुल विहान ने पहले क्रिकेट और फिर बैडमिंटन में हाथ आजमाए और बाद निशानेबाजी से जुड़े. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2014 में उत्तर क्षेत्र प्रतियोगिता में पदक जीता. तब मुझे लगा कि मैं लंबे समय तक इस खेल से जुड़ा रह सकता हूं.’’ 

15 वर्षीय शार्दुल विहान ने एशियाई खेलों में रचा इतिहास (PIC: PTI)

पालेमबांग: सौरभ चौधरी के सबसे कम उम्र में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने के कुछ दिन बाद  15 वर्षीय शार्दुल विहान रजत पदक जीतकर एशियाई खेलों में सबसे कम उम्र में पदक जीतने वाले भारतीय बन गए. वह डबल ट्रैप में दूसरे स्थान पर रहे. मेरठ के रहने वाले विहान ने क्वालिफिकेशन में शीर्ष पर रहने के बाद फाइनल में 73 अंक बनाए. दक्षिण कोरिया के 34 वर्षीय ह्यूनवू शिन ने स्वर्ण और कतर के 42 वर्षीय हमद अली अल मारी ने कांस्य पदक जीता. 

अमूमन शॉटगन प्रतियोगिताओं में उम्रदराज निशानेबाजों का दबदबा रहता है लेकिन मोदीपुरम में दयावती मोदी अकादमी में दसवीं के छात्र विहान पर अपने से दोगुनी उम्र के अनुभवी निशानेबाजों की उपस्थिति का असर नहीं पड़ा. कांस्य पदक विजेता की उम्र तो उनसे तीन गुना थी. 

मेरठ के रहने वाले 16 वर्षीय चौधरी ने 10 मीटर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. विहान का रजत भारत का निशानेबाजी में आठवां पदक है. भारत के युवा निशानेबाजों ने पदक जीतना अपनी आदत बना ली है. अनीस भानवाला तब 15 और मनु भाकर 16 साल की थी जब उन्होंने इस साल के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे. 

विहान ने केवल चार साल पहले निशानेबाजी को गंभीरता से लिया. उनके कोच अनवर सुल्तान अपने शिष्य की सफलता पर बेहद खुश थे. सुल्तान ने कहा, ‘‘चाहे टेबल टेनिस हो या बैडमिंटन या कोई अन्य खेल उसका जवाब नहीं. अब मैं उसे ट्रैप स्पर्धा के लिए तैयार करूंगा.’’ 

विहान के चाचा मनोज विहान भी उनके साथ यहां आ रखे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह हर सुबह पांच बजे जाग जाता है और मेरठ से कर्णीसिंह शूटिंग रेंज (दिल्ली) जाता है और फिर रात नौ बजे ही घर लौट पाता है. जरा सोचो कि 15 साल का बच्चा ऐसा कर रहा है.’’ 

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विहान का परिवार जमीन के कारोबार से जुड़ा है. उन्होंने पहले क्रिकेट और फिर बैडमिंटन में हाथ आजमाए और बाद निशानेबाजी से जुड़े. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2014 में उत्तर क्षेत्र प्रतियोगिता में पदक जीता. तब मुझे लगा कि मैं लंबे समय तक इस खेल से जुड़ा रह सकता हूं.’’ 

भारतीय कोच मनशेर सिंह ने विहान को सही समय पर उचित सलाह दी. विहान ने कहा, ‘‘सर ने बोला कि सब तेरे से बड़ी उमर के होंगे. बेपरवाह होकर खेलना.’’ 

डबल ट्रैप में भारत के अन्य प्रतिभागी अंकुर मित्तल फाइनल में जगह नहीं बना पाये. महिलाओं की डबल ट्रैप में श्रेयासी सिंह और वर्षा वर्मन ने भी निराश किया तथा क्रमश: छठे और सातवें स्थान पर रहीं. 

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