VIDEO: घर लौटे भारतीय रेसलिंग के 'बजरंगी भाईजान', हुआ शानदार स्वागत
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VIDEO: घर लौटे भारतीय रेसलिंग के 'बजरंगी भाईजान', हुआ शानदार स्वागत

बजरंग पूनिया का स्वागत ढोल और बैंड-बाजे की आवाज़ के साथ हुआ, साथ ही समर्थकों ने बजरंगी को फूलों की माला भी पहनाई.

हरियाणा सरकार ने बजरंग पूनिया को 3 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने का ऐलान किया है.

नई दिल्ली (त्रषभ शर्मा). जकार्ता में जारी एशियन गेम्स के पहले ही दिन भारत की झोली में गोल्ड मेडल डालने वाले पहलवान बजरंग पूनिया मंगलवार रात भारत लौट आए. उम्मीद के मुताबिक दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर बजरंग का स्वागत उसी शानदार अंदाज़ में हुआ जिसका ये चैंपियन हकदार था. घंटों पहले से अपने हाथों में पोस्टर और बजरंग की तस्वीर लिए सैकड़ों की भीड़ एयरपोर्ट पर जमा होने लगी थी, इस भीड़ में युवा पहलवानों के अलावा हर उम्र के फैन्स भी थे.

रात करीब सवा नौ बजे बजरंग की फ्लाइट एयरपोर्ट पर लैंड हुई लेकिन फैन्स का हुजूम ऐसा था कि उन्हें बाहर आने में डेढ़ घंटे का वक़्त लग गया. इस दौरान CISF कर्मी लोगों से शांत होने की मिन्नतें करते रहे. आखिरकार लंबे इंतज़ार के बाद एयरपोर्ट से बजरंग बाहर निकले जहां  उनका स्वागत ढोल और बैंड-बाजे की आवाज़ के साथ हुआ, साथ ही समर्थकों ने बजरंगी को फूलों की माला भी पहनाई.

योगी भाई की उम्मीद पर खरे उतरे
भारत लौटने के बाद ज़ी मीडिया से बातचीत में बजरंग ने कहा कि, 'योगी भाई (योगेश्वर दत्त) ने मुझे कहा कि 2014 एशियन गेम्स में ये गोल्ड मेडल मैंने जीता था और इस बार ये मेडल तुम्हें जीतकर लौटना है. मुझे खुशी है कि मैं एशियन गेम्स में शुरू हुई जीत की परंपरा को कायम रख सका.'  बजरंग ने उम्मीद जताई  कि जीत का सफ़र वर्ल्ड चैंपियनशिप और फिर उसके बाद 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक्स में भी जारी रहेगा. भारत लौटने पर मिले शानदार स्वागत से जुड़े सवाल पर बजरंग ने कहा- ‘लोगों से मिलने वाला ये प्यार ही और बेहतर करने की प्रेरणा देता है.’

कॉमनवेल्थ गेम्स में भी जीता था गोल्ड मेडल
अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय पहलवानों में 'बजरंगी भाईजान' नाम हासिल कर चुके बजरंग पूनिया ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था.  यही वजह थी कि जकार्ता एशियन गेम्स में शुरूआत से ही 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती कैटेगरी में बजरंग मेडल के दावेदार माने जा रहे थे. फाइनल मुकाबले में बजरंग ने जापान के तकातानी दाईची को 11-8 मात दी. फाइनल में पहुंचने से पहले बजरंग पूनिया ने अपने तीनों मुकाबलों में विरोधी पहलवान को एकतरफा अंदाज़ में मात दी. एशियन गेम्स के फाइनल तक के सफर में बजरंग ने उज्बेकिस्तान के खासानोव सिरोजिद्दीन को 13-3 और तजाकिस्तान के फेजिएव अब्दुलकोसिम को 12-2 और मंगोलिया के बातचुलुन्न बातमागनाई को 10-0 से हराया.

अटलजी को समर्पित मेडल
बजरंग ने जीत के बाद अपने गोल्ड मेडल को पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अपने मार्गदर्शक पहलवान योगेश्वर दत्त को समर्पित किया था. 24 साल के बजरंग लंडन ओलंपिक के ब्रॉज़ मेडेलिस्ट पहलवान योगेश्वर दत्त के साथ लंबे वक्त से ट्रेनिंग ले रहे हैं. बजरंग का स्वागत करने के लिए योगेश्वर भी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. उन्होंने वादा किया कि ‘बजरंग के साथ ट्रेनिंग का सिलसिला वो जारी रखेंगे, और उनकी मेहनत आने वाले ओलंपिक्स में बजरंग को भी ओलंपिक्स में मेडल विजेता ज़रूर बनाएगी.

एशियन गेम्स में बजरंग के अलावा दो बार के ओलंपिक मेडेलिस्ट सुशील कुमार और संदीप तोमर से भी मेडल्स की उम्मीद थी. लेकिन दोनों ही दिग्गज पहलवान अपनी-अपनी 74 किलोग्राम और 57 किलोग्राम कैटेगरी से बाहर हो गए. हालांकि एशियन गेम्स में महिला रेस्लिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाली विनेश फोगाट के प्रदर्शन और उपलब्धि की दोनों गुरू-शिष्य ने तारीफ़ की. बजरंग ने कहा- ‘विनेश की उपलब्धि शानदार है और उनकी जीत पर पूरे देश को गर्व होगा.’

3 करोड़ रुपए मिलेंगे
एशियन गेम्स के पहले दिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी बजरंग पूनिया की जीत से खुश होने के बाद उन्हें बधाई दी थी. वहीं हरियाणा सरकार ने बजरंग को उनकी उपलब्धि के लिए 3 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने का ऐलान किया है. रेलवे में भी बजरंग को प्रमोशन मिलेगा. बजरंग फ़िलहाल रेलवे में टीटीई हैं.

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