इसके इतिहास की बात करें तो नॉर्वे के हेनरिक एल्वेस्टेड-जोहान गोल्डन वर्ष 2014 में एक टीवी शो में इस खेल को लोगों के सामने लेकर आए थे.
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बेंगलुरू : हम बात कर रहे हैं बबल फुटबॉल की. ये खेल अब तक मनोरंजन के लिए खेला जाता रहा है. लेकिन अब इसका बाकायदा वर्ल्डकप का आयोजित किया जाएगा. अगर हम इसके इतिहास की बात करें तो नॉर्वे के हेनरिक एल्वेस्टेड-जोहान गोल्डन वर्ष 2014 में एक टीवी शो में इस खेल को लोगों के सामने लेकर आए थे. इसके बाद से लगातार इस खेल की लोकप्रियता बढ़ती गई. धीमें धीमें इस खेल ने और भी जगह अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए. पहले इसे बिजनेस पार्टी में खेला गया. इसके बाद लोगों ने इसे बर्थडे पार्टी और दूसरी जगह पर खेलना शुरू कर दिया.
अब इस खेल की लोकप्रियता पश्चिमी देशों में इतनी बढ़ चुकी है कि अब इस खेल का विश्वकप होने जा रहा है. अब हम आपको बताते हैं कि इस खेल का वर्ल्डकप कहां आयोजित होगा. पहला बबल फुटबॉल वर्ल्डकप अगले साल लंदन में मई में खेला जाएगा.
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इस पहले वर्ल्डकप में इंग्लैंड, ब्राजील, जर्मनी, स्कॉटलैंड, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, फिनलैंड सहित दुनिया की 16 टीमें हिस्सा लेंगी. हालांकि आपको ये भी बता दें कि इस टूर्नामेंट को अभी तक फीफा से मान्यता नहीं मिली है. इस टूर्नामेंट का उद्देश्य बबल फुटबॉल को ग्लोबली प्रमोट करना है.
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एक रिसर्च में ये सामने आया है कि ब्रिटेन में 55 हजार लोग बबल फुटबॉल खेलते हैं. अमेरिका में 3 साल में इसकी करीब 39 लीग हो चुकी हैं. इस खेल में मैचएस्ट्रो टर्फ पर होते हैं. एक मैच बस 10 मिनट में खत्म हो जाता है. मैच में 5-5 मिनट के दो हाफ होते हैं. हर टीम में 5-5 खिलाड़ी और 3 सब्स्टिट्यूट होते हैं. हाथ को छोड़कर शरीर के किसी भी हिस्से से किया गया गोल मान्य होता है. मजे की बात ये है कि इस खेल में कोई गोलकीपर नहीं होता है. 5 में से एक खिलाड़ी गोल बचाता है. गलती करने पर खिलाड़ी को दो मिनट के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है.