CBSE ने पहली बार खिलाड़ियों के लिए उठाया बड़ा कदम, अलग से ली बोर्ड परीक्षा
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CBSE ने पहली बार खिलाड़ियों के लिए उठाया बड़ा कदम, अलग से ली बोर्ड परीक्षा

ये खिलाड़ी नियमित बोर्ड परीक्षा के समय अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग ले रहे थे.

CBSE ने ली भारतीय खिलाड़ियों की अलग से बोर्ड परीक्षा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पहली बार वैश्विक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों के लिए 10 वीं और 12 वीं कक्षा के छह छात्रों की अलग से परीक्षा ली. ये खिलाड़ी नियमित बोर्ड परीक्षा के समय अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग ले रहे थे. छह में से चार खिलाड़ियों ने अपनी स्पर्धाओं में पदक भी जीते जिसमें राष्ट्रमंडल खेलों की रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने वाले अनीष भानवाला के अलावा के वेंकटाद्री, सहजप्रीत और रेखा शामिल हैं, जिन्होंने 10वीं के छात्र हैं. 

वेंकटाद्री ने दक्षिण एशिया तीरंदाजी चैम्पियनशिप में तीन रजत पदक अपने नाम किए. सहजप्रीत उस महिला रिकर्व टीम का हिस्सा थी जिसने इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता. दिल्ली की रेखा बैंकाक में हुए पैरा एशियाई खेलों में चैम्पियन बनी बॉस्केटबाल टीम की सदस्य थी.

अमोलिका सिंह लखनऊ की कक्षा 12 की छात्रा है जिन्होंने बैडमिंटन में जूनियर डच ओपन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट और योनेक्स जर्मन ओपन टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व किया था. अजमेर के मयूर स्कूल में पढ़ने वाले मानव ठक्कर ने टेबल टेनिस देश का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने इस दौरान में जापान के योकाहामा में हुए एशिया कप और ट्यूनीशिया में हुए ‘रोड टू ब्यून्स आयर्स’ में भाग लिया था. 

सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘खेलों को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसई की विशेष मुहीम के तहत खिलाड़ियों को अभ्यास और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए छूट दी गयी. इसमें छह खिलाड़ी ऐसे थे जिसने 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा के समय विभिन्न खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया.’’ 

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने भारतीय खेल प्राधिकरण और युवा एवं खेल मामले के मंत्रालय से इसकी पुष्टि की और 10 वीं कक्षा के चार तथा 12 वीं कक्षा के दो खिलाड़ियों को बाद में बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी.’’

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