नई दिल्ली: क्रिकेट इतिहास में यूं तो एक से बढ़कर एक गेंद फेंकी गई हैं, लेकिन यदि किसी एक खास गेंद को सभी विशेषज्ञ मिलकर आज तक की सबसे बेहतरीन गेंद का दर्जा देने लगें तो अपने आप ही उस गेंद और उसे फेंकने वाले की हैसियत का अंदाजा हो जाता है. ऐसी ही एक गेंद 27 साल पहले 4 जून, 1993 के दिन मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट स्टेडियम की पिच पर फेंकी गई थी.
ये बॉल फेंकने वाले गेंदबाज थे ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न, जिन्होंने अपनी इस गेंद पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और उनके इतिहास में स्पिन गेंदबाजी को खेलने में सबसे बेहतरीन माने जाने वाले बल्लेबाज माइक गैटिंग को आउट कर दिया था. वार्न ने गैटिंग को इस अंदाज में अपनी गेंद पर आउट किया कि पूरा क्रिकेट जगत इसे ‘सदी की गेंद’ (Ball of the Century) कहने के लिए मजबूर ही नहीं हुआ बल्कि वॉर्न को भी शोहरत के उस शिखर पर बैठा गया कि आज भी उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा लेग स्पिनर कहकर याद किया जाता है.
KEZ v GATTINGhttps://t.co/sHLFvMm7iq
Ball of the Century pic.twitter.com/mobisQo311
— weCricket (@wecricket_) December 8, 2019
शेन वार्न खेल रहे थे अपना पहला एशेज मुकाबला
दरअसल ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जा रहे ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज के इस पहले टेस्ट के साथ ही शेन वार्न दोनों देशों के प्रतिद्वंद्विता के इस ऐतिहासिक प्लेटफार्म पर पहली बार कदम रख रहे थे. यह शेन वार्न का पहला एशेज मुकाबला था. इससे पहले उन्होंने अपने करियर में कोई खास सफलता हासिल नहीं की थी, इसी वजह से उनके कंधों पर बहुत बड़ा दबाव भी था. मैच में पहले ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी की और मार्क टेलर के 124 रन के बावजूद पूरी टीम 289 रन पर लुढ़क गई. इसके चलते ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव बढ़ गया था.
#Ashes Moment: @ShaneWarne’s 1st ball vs England in Tests ended up being called the “Ball of the Century”- 1993/OldTrafford to Mike Gatting. Pitched well outside led stumps and hit the top of the off stump. Truly a great moment for leg spin. #PlayToughFacts #Trivia #Cricket pic.twitter.com/t4gJbnfVhG
— Play Tough (@play_tough) August 1, 2019
वॉर्न ने फेंकी एशेज इतिहास की अपनी पहली गेंद
इसी दबाव के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलेन बार्डर ने शेन वॉर्न को गेंद थमाई. ये उनके बाद में किए गए बहुत सारे यादगार प्रदर्शनों से पहले एशेज इतिहास में उनकी ओपनिंग गेंद थी. सामने बल्लेबाजी के लिए खड़े थे माइक गैटिंग. गैटिंग के बारे में आपको बता दें कि क्रिकेट खेलने के दौरान ही उनकी नाक टूटकर टेढ़ी हो गई थी. ये काम वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग के बाउंसर ने किया था, जिन्हें व्हिस्परिंग डेथ यानी शांत मौत के नाम से जाना जाता था. गैटिंग गोल मटोल शरीर वाले खिलाड़ी थे, जिन्हें देखकर पहली नजर में क्रिकेटर होने जैसा अनुभव नहीं होता था. ऊपर से नाक टूट जाने के कारण उनके चेहरे का बदला हुआ नक्शा किसी को भी पहली नजर में मुस्कुराने के लिए मजबूर कर सकता था. ऐसी ही मुस्कान शेन वॉर्न के चेहरे पर भी अपनी पहली एशेज गेंद फेंकने से पहले गैटिंग को देखकर दिखाई दी, लेकिन मौके के दबाव ने उन्हें गंभीर बना दिया.
अविश्वसनीय गेंद फेंकी वॉर्न ने
वॉर्न ने गैटिंग को अपनी लेग स्पिन के टर्न से चौंकाने का फैसला किया और अपने दो-तीन कदमों वाले सादे से रनअप को पूरा करने के बाद उन्होंने गेंद को गैटिंग के पैड की तरफ फुल फ्लाइट में छोड़ दिया. हवा में नमी और तेज गेंदबाजों की तरफ से चमकाए गए एक हिस्से के कारण गेंद ने हवा में लेग साइड की तरफ और ज्यादा ड्रिफ्ट (हल्का सा स्विंग जैसा प्रभाव) किया. गैटिंग ने उस गेंद को वाइड समझते हुए बड़े ही लापरवाह अंदाज में अपना बायां पैर आगे निकालकर बचाव की मुद्रा में खड़े हो गए. बस यही वो पल था जब गैटिंग चूक गए और गेंद ने करीब 180 डिग्री का टर्न लेते हुए उनके पैरों के पीछे से करीब 2 गज की दूरी तय करते हुए स्टंप को लेकर उड़ती चली गई. इस गेंद ने जहां इंग्लैंड की इस मैच में 179 रन से हार और सीरीज में 4-1 से धोए जाने की स्क्रिप्ट लिख दी, वहीं क्रिकेट विशेषज्ञों की चर्चा से बाहर हो चुकी कलाई की गेंदबाजी को भी दोबारा जीवनदान दे दिया.