क्रिकेट के इन 5 रिकार्ड्स को तोड़ना मुश्किल ही नहीं बेहद मुश्किल है, जानिए डिटेल
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क्रिकेट के इन 5 रिकार्ड्स को तोड़ना मुश्किल ही नहीं बेहद मुश्किल है, जानिए डिटेल

क्रिकेट में कई रिकॉर्ड्स हर साल बनते हैं और हर बार टूट जाते हैं, लेकिन इतिहास में कई ऐसे रिकॉर्ड हैं जिनको तोड़ पाना बेहद मुश्किल नजर आता है.

क्रिकेट के इन 5 रिकार्ड्स को तोड़ना मुश्किल ही नहीं बेहद मुश्किल है, जानिए डिटेल

नई दिल्ली: कहावत है कि रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं. लेकिन यह भी सच है कि बहुत सारे रिकॉर्ड हर खेल में ऐसे हैं, जिन्हें आज भी टूटने का इंतजार है. क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है. क्रिकेट में भी दर्जनों रिकॉर्ड हैं, जिन्हें तोड़ने के लिए हर खिलाड़ी बेकरार रहता है. एक दिन शायद ये रिकार्ड टूट भी जाएं. लेकिन इस जेंटलमैन गेम के कम से कम 5 रिकॉर्ड ऐसे हैं, जिनका टूटना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन दिखाई देता है.

  1. सचिन का शतकों का रिकॉर्ड तोड़ना मुश्किल.
  2. सर डॉन ब्रैडमैन ने टेस्ट में 99.94 में का औसत.
  3.  जैक हॉब्स के 199 प्रथम श्रेणी शतक का रिकॉर्ड.

मास्टर ब्लास्टर के 34 हजार इंटरनेशनल रन

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल लंबे इंटरनेशनल करियर के दौरान टेस्ट, वनडे और इकलौते टी-20 मैच को मिलाकर कुल 664 मैच में 34,357 रन खाते में जमा किए थे. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 15,921 रन, वनडे में 18,426 रन और टी-20 में 10 रन बनाए थे. उनके रनों के इस पहाड़ को तोड़ना कम से कम फिलहाल तो नामुमकिन ही लग रहा है. करीब 32 साल के हो चुके भारतीय कप्तान विराट कोहली ही इस होड़ में सबसे आगे है. लेकिन अब तक करीब 21 हजार इंटरनेशनल  रन बना चुके विराट को भी इसके लिए कम से कम 40 साल की उम्र तक खेलना होगा, जो भागमभाग वाली क्रिकेट को देखते हुए मुश्किल दिखाई देता है.

क्रिकेट के भगवान के ही 51 टेस्ट शतक

क्रिकेट के भगवान कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 51 टेस्ट शतक और कुल 100 इंटरनेशनल शतक की ऐसी दीवार खड़ी की है, जिसे पार कर पाना नामुमकिन जैसा ही है. इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 70 शतक बना चुके विराट कोहली हो सकता है कि सचिन के 100 इंटरनेशनल शतक का रिकार्ड तोड़ दें, लेकिन अभी तक 27 टेस्ट शतक बना चुके विराट के लिए 51 टेस्ट शतक की सीमा लांघना बहुत बड़ा टास्क होगा.

ब्रैडमैन के 99.94 टेस्ट औसत का माउंट एवरेस्ट

सचिन तेंदुलकर से पहले किसी भी बल्लेबाज के लिए खेल के स्तर को नापने का पैमाना महान आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डान ब्रैडमैन के प्रदर्शन को माना जाता था. निर्विवादित रूप से क्रिकेट इतिहास के इस सबसे महान बल्लेबाज ने महज 52 टेस्ट की महज 80 पारियों में 99.94 के औसत से 6996 रन बनाए थे. यदि वे अपनी आखिरी टेस्ट पारी में 0 पर आउट  नहीं होते तो उनका औसत पूरे 100 रन का होता. टेस्ट क्रिकेट में इस औसत को 'माउंट एवरेस्ट शिखर' सरीखा माना जाता है, जिसे छूना भी नामुमकिन जैसा काम है. यह कितना बड़ा लक्ष्य है इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि ब्रैडमैन के अलावा दुनिया का कोई भी बल्लेबाज आज तक 65 के औसत को भी नहीं छू पाया है. यदि कम से कम 10 टेस्ट को पैमाना माने तो दुनिया में महज 6 बल्लेबाज 60 के औसत को पार कर पाए हैं.

जैक हॉब्स के 199 प्रथम श्रेणी शतक

इंग्लैंड के महान बल्लेबाज जैक हॉब्स ने अपने प्रथम श्रेणी मैचों (टेस्ट क्रिकेट से इतर घरेलू ट्राफियां) के करियर में 834 मैच की 1325 पारियों में 199 शतक ठोकने का कारनामा किया था. दुनिया का कोई भी बल्लेबाज इसके करीब पहुंचता दिखाई नहीं दिया है और न ही ऐसी कोई संभावना ही दिखाई दे रही है. हॉब्स ने सबसे ज्यादा 61,760 प्रथम श्रेणी रन का रिकॉर्ड भी बनाया था और ये रिकार्ड टूटने के भी कोई आसार नहीं हैं.

जिम लेकर के टेस्ट मैच में 19 विकेट

इंग्लैंड के ही आफ स्पिनर जिम लेकर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1956 में मैनचेस्टर टेस्ट मैच में 19 विकेट लेने का रिकार्ड बनाया था, जो कभी नहीं  टूट पाएगा. इस रिकार्ड के न टूट पाने की गारंटी इसी बात से ली जा सकती है कि किसी भी गेंदबाज को ऐसा करने के लिए टेस्ट मैच की दोनों पारियों में सभी 10 विकेट चटकाने होंगे. यह कितना मुश्किल है, ये जानने के लिए बता दें कि टेस्ट क्रिकेट के 143 साल के इतिहास में महज दो बार गेंदबाजों ने किसी पारी में सभी 10 विकेट लिए हैं. एक बार खुद जिम लेकर ने ही 19 विकेट लेने के दौरान यह कारनामा किया था, जबकि दूसरी बार करीब 43 साल बाद 1999 में टीम इंडिया के लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में सभी 10 विकेट लिए थे.

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