एक ओवर में छह छक्के, सबसे तेज दोहरा शतक, सचिन का 100वां शतक... सबका गवाह है 16 मार्च
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एक ओवर में छह छक्के, सबसे तेज दोहरा शतक, सचिन का 100वां शतक... सबका गवाह है 16 मार्च

16 मार्च क्रिकेट के इतिहास में वह तारीख है, जो रिकॉर्ड बुक में सुनहरे अक्षरों से दर्ज है और उस पर एक दाग भी लगा हुआ है.  

सचिन तेंदुलकर, हर्शेल गिब्स और नवजोत सिंह सिद्धू. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: आमतौर पर जब कभी, कुछ ऐतिहासिक या बड़ी घटना घटती है तो कहा जाता है कि यह तारीख फलां चीज के लिए याद की जाएगी. तब फिर 16 मार्च को क्या कहें ? यह तारीख तो ना जाने कितने ऐतिहासिक पलों की गवाह है. चाहे विश्व कप में छह छक्कों की बात हो या टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक या सचिन तेंदुलकर का 100वां शतक और या फिर 'वाचाल' नवजोत सिंह सिद्धू का एकमात्र दोहरा शतक.... सब कुछ 16 मार्च की तारीख में ही दर्ज है. इन खुशनुमा यादों के साथ बांग्लादेश के युवा क्रिकेटर मंजरुल इस्लाम की सड़क हादसे में दुखद मौत की गवाह भी यही तारीख है. 16 मार्च और क्रिकेट के 5 पन्ने... 

मीरपुर बना 100वें शतक का गवाह 
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 2012 में आज ही के दिन अपने इंटरनेशनल करियर का 100वां शतक बनाया था.वे ऐसा करने वाले पहले क्रिकेटर बने थे और आज भी कोई दूसरा क्रिकेटर यह कारनामा नहीं कर सका है. सचिन तेंदुलकर (114 ) ने बांग्लदेश के खिलाफ मीरपुर वनडे में शतकीय पारी खेलकर 100 शतकों के जादुई आंकड़े को छुआ था. यह उनका आखिरी शतक भी था. 

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गिब्स ने जमाए एक ओवर में 6 छक्के
दक्षिण अफ्रीका के हर्शेल गिब्स (Herschelle Gibbs) ने 2007 में आज ही के दिन एक ओवर में छह छक्के मारे थे. मौका था आईसीसी वनडे विश्व कप का और विरोधी टीम थी नीदरलैंड. गिब्स ने वेस्टइंडीज में हुए इस विश्व कप में पार्टटाइम लेग स्पिनर डेन वान बुंगे की छह गेंदों पर छह छक्के उड़ाए. यह वनडे क्रिकेट में पहला ऐसा मौका था जब किसी ने एक ओवर में छह छक्के जमाए. आज तक कोई भी गिब्स की बराबरी नहीं कर सका है. 

सबसे तेज दोहरा शतक भी नहीं दिला पाया जीत
बात 2002 की है. इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को क्राइस्टचर्च टेस्ट जीतने के लिए 550 रन का असंभव सा लक्ष्य रखा. न्यूजीलैंड की टीम पांचवें, यानी आखिरी दिन लंच के करीब तीन विकेट गंवाकर सवा सौ रन बना पाई थी. तीसरा विकेट गिरने पर नाथन एस्टल (Nathan Astle) मैदान पर उतरे. उन्होंने 153 गेंद पर दोहरा शतक ठोक दिया. यह टेस्ट इतिहास का सबसे तेज दोहरा शतक है. वे जब आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए तो न्यूजीलैंड का स्कोर 451 रन पहुंच चुका था. 

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नवजोत ने जमाया दूसरा सबसे धीमा दोहरा शतक 
नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की बात आते ही कुछ चीजें जेहन में उतरती हैं. शांत क्रिकेटर, मिस्टर सिक्सर, स्पिनरों का दुश्मन नंबर-1, वाचाल कॉमेंटटर और राजनीति में विवादों के मास्टर. क्रिकेट के शौकीनों को बता दें कि सिद्धू ने अपने टेस्ट करियर का एकमात्र दोहरा शतक (201) आज ही के दिन लगाया था, वो भी तेज गेंदबाजों के लिए मशहूर टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ त्रिनिदाद में. उन्हें 200 रन के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 673 मिनट तक बैटिंग करनी पड़ी थी. यह टेस्ट में उस वक्त दूसरा सबसे धीमा शतक था. अब यह इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है. 

22 साल के टेस्ट क्रिकेटर की सड़क हादसे में मौत  
ऊपर के तमाम रोमांचक अनुभवों को समेटे 16 मार्च के लिए 2007 का वह पल बेहद दुखदायी रहा, जब बांग्लादेश के मंजरुल इस्लाम (Manjural Islam) की सड़क हादसे में मौत हो गई. उस वक्त उनकी उम्र महज 22 साल थी. इस तरह वे सबसे कम उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले टेस्ट क्रिकेटर भी हैं. मंजरुल ने अपने तीन साल के इंटरनेशनल करियर में छह टेस्ट और 25 वनडे मैच खेले थे. 

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