सचिन तेंदुलकर का ये रिकॉर्ड टूट पाना क्यों नामुमकिन सा है?
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सचिन तेंदुलकर का ये रिकॉर्ड टूट पाना क्यों नामुमकिन सा है?

सचिन ने अपने 24 साल के करियर में न जाने कितने रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं, लेकिन एक ऐसा रिकॉर्ड भी है जिसे आज के जमाने के क्रिकेटर शायद ही तोड़ पाएं

सचिन तेंदुलकर का ये रिकॉर्ड टूट पाना क्यों नामुमकिन सा है?

नई दिल्ली: यूँ तो सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के नाम अनगिनत वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं जिनमें से कई रिकॉर्ड्स का टूटा जाना लगभग नामुमकिन लगता है. कोई कहता है कि सचिन का 100 शतकों का रिकोर्ड कोई नहीं तोड़ सकता, तो कोई कहता है कि उनका वनडे क्रिकेट में  18,426 रन बनाने का रिकॉर्ड किसी से नहीं टूटेगा. किसी के मुताबिक इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा चौके लगाने का उनका रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाएगा. लेकिन अगर पैनी निगाह से देखें तो ये सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं.

  1. सचिन ने करियर की शुरूआत 1989 में की थी.
  2. सचिन 200 टेस्ट खेलने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं.
  3. कोहली ने 12 सालों में अबतक 86 टेस्ट खेले हैं.

विराट कोहली अभी 31 साल के हैं और वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 21000 से ज्यादा रन और 70 सेंचुरी बना चुके हैं और अगर उनकी फॉर्म इसी तरह से कुछ साल बरकरार रही तो वो दिन दूर नहीं जब सचिन के लगभग सभी रिकोर्ड विराट अपने नाम कर लेंगे. पर इन सबके बीच सचिन का एक रिकॉर्ड फिर भी विराट की पहुँच से या दुनिया के किसी भी बल्लेबाज़ की पहुँच से हमेशा दूर रहेगा. आखिर कौन सा है ये रिकॉर्ड? आइए जानते हैं हमारी इस स्टोरी में.

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आप सभी जानते हैं कि सचिन ने अपने करियर की शुरूआत साल 1989 में की थी. पाकिस्तान के खिलाफ अपना डेब्यू करने वाले सचिन ने 2013 में क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कहा. वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेलने तक सचिन ने क्रिकेट के मैदान पर एक लंबा सफर तय किया था. ये सफर इतना लंबा था कि उन्होनें 24 साल तक भारतीयों का रोमांच बढ़ाया और इसी लंबे करियर की वजह से सचिन क्रिकेट के इतिहास में 200 टेस्ट खेलने वाले पहले खिलाड़ी बनें और वो आज तक इस मुकाम को हासिल करने वाले इकलौते खिलाड़ी भी हैं.

सचिन के इस रिकॉर्ड को तोड़ना अब किसी के लिए मुमकिन नहीं है और ऐसा इसलिए नहीं है कि आज के खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलना भूल गए हैं या फिर उन्हें मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और कगिसो रबाडा जैसे तेज गेंदबाज़ों से डर लगता है. इसकी असली वजह हैं क्रिकेट के 3 फॉरमैट और क्रिकेटर्स के छोटे होते करियर. अब आप सोच रहे होंगे कि मैं कहना क्या चाहता हूँ?

असल में बात ये है कि आज टी20, आईपीएल, बीबीएल के इस दौर में जब दर्शकों और क्रिकेट प्रबंधकों में टी20 क्रिकेट का क्रेज़ है, ऐसे दौर में भला कौन सा क्रिकेटर 200 टेस्ट मैच तक पहुँच पाएगा. कौन सा क्रिकेटर 24 साल तक अपने देश के लिए क्रिकेट खेल पाएगा. कौन सा क्रिकेटर एक इंजरी के बाद दूसरी, तीसरी और चौथी इंजरी से सचिन की तरह लड़ पाएगा और बार-बार उसी ज़ज्बे के साथ मैदान पर वापसी कर पाएगा जिस तरह सचिन ने की. टेनिस एल्बो, कमर दर्द, पैर की अंगुली का फ्रै‌क्चर और न जाने कितनी और चोटों का सामना सचिन ने किया पर जब भी वो लौटे तो हमेशा उन्होनें वैसी ही बल्लेबाज़ी की जैसी वो हमेशा किया करते थे.

अगर हम आज के खिलाड़ियों की बात करें तो 2008 में अपना करियर शुरू करने वाले विराट कोहली ने 12 सालों में अबतक 86 टेस्ट मैच खेले हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ ने 73 टेस्ट और डेविड वॉर्नर ने 84 टेस्ट खेले हैं. वहीं 2019 में रिटायर होने वाले हाशिम अमला ने 124 टेस्ट खेले हैं. अगर पुराने खिलाड़ियों की बात की जाए तो रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉ 168 टेस्ट खेलकर रिटायर हो गए वहीं साउथ अफ्रीका के जैक कैलिस अपने देश के लिए 166 टेस्ट खेल सके.

इनके बाद नंबर आता है हमारे अपने राहुल द्रविड़ का जिन्होनें अपने करियर के दौरान 164 टेस्ट खेले. जब इतने बड़े-बड़े नाम सचिन के 200 टेस्ट के रिकोर्ड से मीलों दूर रह गए तो आज के खिलाड़ी उस रिकोर्ड तक कैसे पहुँच पाएंगे? वैसे भी यंग क्रिकेटर्स पैसों के चक्कर में टी20 क्रिकेट की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं और ऐसे में टेस्ट क्रिकेट उनकी प्राथमिकता नहीं है. नए क्रिकेटर्स के इसी माइंडसेट की वजह से हम ये यकीन से कह सकते हैं कि सचिन का 200 टेस्ट खेलने का रिकोर्ड कभी नहीं टूटेगा. क्या आप हमारी बात से सहमत हैं?

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