डैमेज कंट्रोल में लगे ऑस्ट्रेलियाई कोच लैंगर, कहा बॉल टेम्परिंग अंतरराष्ट्रीय समस्या
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डैमेज कंट्रोल में लगे ऑस्ट्रेलियाई कोच लैंगर, कहा बॉल टेम्परिंग अंतरराष्ट्रीय समस्या

ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर का मानना है कि बॉल टेम्परिंग अंतरराष्ट्रीय समस्या है और इसके लिए दुनियाभर में बन रहीं प्रतिकूल पिचें भी दोषी हैं.

जसटिन लैंगर का मानना है कि दुनियाभर में बन रही तेज पिचें भी बॉल टेम्परिंग के  लिए जिम्मेदार हैं.

सिडनी: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस साल मार्च में बॉल टेम्परिंग मामले से अपनी टीम पर लगे दागों को अभी पूरी तरह से धो भी नहीं पाया था कि उसके नए कोच ने एक अजीब बयान दे दिया है. ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान कोच जस्टिन लैंगर ने दावा किया है कि गेंद से छेड़छाड़ वैश्विक समस्या है और इसका एक कारण मददगार पिचों का नहीं होना है. लैंगर ने अपने बयान में बॉल टेम्परिंग मामले में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के मैदान पर रेगामाल ले जाने पर भी हैरानी जताई. 

  1. मार्च में बॉल टेम्परिंग से शर्मिंदा हुई थी ऑस्ट्रेलिया
  2. कप्तान स्मिथ और वार्नर पर लगा एक साल का बैन
  3. कोच लेहमन को भी छोड़ना पड़ा था पद

लैंगर ने हालांकि साथ ही कहा कि उनके मार्गदर्शन में कभी ऐसी घटना नहीं हुई. इस साल दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद डेरेन लीमैन के पद छोड़ने पर कोच बनाए गए पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज लैंगर टीम के बर्ताव में सुधार करने और उसे सम्मान वापस दिलाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

यह अकेली घटना नहीं है
लैंगर ने कहा कि जब उन्हें यह पता चला कि केपटाउन में तीसरे टेस्ट के दौरान गेंद के हालात बदलने के लिए जानबूझकर खिलाड़ी रेगमाल मैदान पर लेकर गए तो वह स्तब्ध थे. लेकिन उन्होंने कहा कि यह एकमात्र घटना नहीं है. बुधवार शाम फाक्स स्पोर्ट्स पर टीम के अपने पूर्व साथी एडम गिलक्रिस्ट को दिए साक्षात्कार में लैंगर ने कहा, ‘‘मुझे एक सेकेंड के लिए भी समझ नहीं आया कि हम मैदान पर रेगमाल कैसे ले गए. मेरी नजर में इसमें कोई समझदारी नहीं है.’’ 

आजकल की पिचें भी जिम्मेदार
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हालांकि यह पता है कि लोगों के गेंद से छेड़छाड़ करने का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहा है. यह असली चिंता है.’’ लैंगर ने कहा कि गेंद से छेड़छाड़ की समस्या का एक कारण दुनिया भर में बन रही प्रतिकूल पिचें भी हैं जिसके कारण अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भी ऐसा किया जाता है. गेंद की चमक को बरकरार रखने के लिए लार या पसीने का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन किसी भी तरह के बाहरी तत्व का इस्तेमाल प्रतिबंधित है.

यह था पूरा मामला
इसी साल मार्च के महीने में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के दौरान केपटाउन में तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन जब अफ्रीकी पारी का 43वां ओवर चल रहा था. उसी समय ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बेनक्रॉफ्ट एक चिप जैसी चीज के साथ कैमरे पर पकड़े गए. कहा गया कि ये गेंद की चमक उड़ाने वाली चिप है. इसे उन्होंने गेंद पर घिसा. हालांकि, मैदानी अंपायरों ने इस बारे में उनसे बातचीत की. अंपायरों के पास जाने से पहले बैनक्राफ्ट को अपने अंत:वस्त्र में छोटी सी पीली चीज रखते हुए देखा गया था. जब अंपायर उनसे बात करने के लिए पहुंचे तो उन्होंने पैंट की जेब में हाथ डालकर दिखाया और यह कोई दूसरी चीज थी. वह धूप के चश्मे को साफ करने के लिए मुलायम कपड़े जैसा लग रहा था. इस वाक्ये के टीवी पर आते ही पूरे क्रिकेट जगत में तूफान खड़ा हो गया था. इसके बाद टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी ली थी. 

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