नई दिल्ली : क्रिकेट की दुनिया में इस समय बॉल टैंपरिंग के मुद्दे ने इस जेंटलमैन गेम की छवि को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने अफ्रीका के खिलाफ इस कृत्य को अंजाम दिया. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया समेत पूरी दुनिया में इन खिलाड़ियों की जमकर आलोचना हुई. शायद यही कारण रहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सख्त कदम उठाते हुए अपनी टीम के दो बड़े खिलाड़ी स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने हाल में कहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ये गलती हर हाल में जीतने के कारण की.
इस खेल को सिर्फ इन्हीं चेहरों के आधार पर न आंके. इस खेल ने ऐसे ऐसे वाकये और चेहरे दिए हैं, जिन्होंने वाकई में साबित किया है कि ये एक जेंटलमेन गेम हैं और इस खेल को खेलने वाले वाले खिलाड़ी वाकई में सफेद ड्रेस के साथ न्याय करते हैं. क्रिकेट का इतिहास कई वाकयों से भरा पड़ा है, जब खिलाड़ियों ने हार को गले लगा लिया, लेकिन चीटिंग नहीं की. इनमें कपिल देव, बिशन सिंह बेदी और कर्टनी वाल्श जैसे नाम हैं.
स्मिथ-वॉर्नर के बैन पर भड़के वॉर्न, बोले- सजा देने से पहले दिमाग लगाए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया
1. जब कपिल ने चौके को छक्का मान लिया और टीम इंडिया एक रन से मैच हार गई
1987 में चेन्नई में टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे मैच हो रहा था. ऑस्ट्रेलिया पहले खेलने उतरी और उसने 6 विकेट पर 270 रन बनाए. ऑस्ट्रेलियाई पारी में एक मौका ऐसा आया, जब तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए डीन जोंस ने एक आसमान शॉट जड़ा. बॉल बाउंड्री के पास गिरी और अंपायर ने इसे चौका करार दिया. इस मैच में जोंस ने 39 रन बनाए. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव से कहा, ये चौका नहीं ये छक्का है. कपिल ने उनका मान रखते हुए अंपायर से उसे छक्का मानने को कहा. आखिर में टीम इंडिया ये मैच सिर्फ एक रन से हारी. कहना होगा डीन जोंस का एक शॉट टीम पर भारी पड़ गया.
2. जब वॉल्श ने अब्दुल कादिर को रनआउट नहीं किया...
1987 वर्ल्डकप में वेस्ट इंडीज के महान गेंदबाज कर्टनी वॉल्श पाकिस्तान के खिलाफ गेंदबाजी कर रहे थे और मैच के दौरान वॉल्श गेंदबाजी करते हुए रुक गए. वह जब बॉलिंग करने के लिए आए कादिर अपनी पिच छोड़कर आगे निकल गए. वॉल्श के पास कादिर को आउट करने का मौका था. क्योंकि वो लगभग दूसरे छोर तक जा पहुंचे थे. उस वक्त पाकिस्तान को जीत के लिए सिर्फ 2 रनों की दरकार थी. लेकिन वॉल्श ने ऐसा नहीं किया और वो फिर से रनअप लेने लगे. पाकिस्तानी टीम ने कर्टनी की अगली बॉल पर मैच जीतने में कामयाबी हासिल की. लेकिन वॉल्श आज तक इस चीज के लिए याद किए जाते हैं.
3. जब इमरान खान ने श्रीकांत को नॉटआउट दिलाया
पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच में अंपायर ने टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज के श्रीकांत को गलत आउट करार दे दिया. 1989 में लाहौर में खेले गए इस वनडे मैच में वकार यूनिस की गेंद पर उन्हें आउट करार दिया गया. श्रीकांत भी इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए जाने लगे. लेकिन इमरान खान ने उन्हें क्रीज में वापस जाने को कहा. उन्होंने अंपायर से फैसला बदलने की मांग की. इसके बाद श्रीकांत वापस आए. हालांकि वह अगली ही गेंद पर आउट हो गए.
4. अंपायर के आउट देने के बाद भी बल्लेबाज को बुला लिया गुंडप्पा विश्वनाथ ने
गुंडप्पा विश्वनाथ अपने उसूलों के कितने पक्के थे, इस बात का उदाहरण उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मैच में दिया. 1979-80 में गोल्डन जुबली टेस्ट मैच खेला जा रहा था. इंग्लैंड के बल्लेबाज बॉब टेलर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, तभी उन्हें अंपायर ने आउट दे दिया. वह जाने लगे, लेकिन गुंडप्पा को लगा कि अंपायर से गलती हुई है, तो उन्होंने बल्लेबाज को वापस बुलवा लिया. उसके बाद भी उन्होंने अपनी टीम के लिए कीमती रन बनाए, और इसी कारण टीम इंडिया को मैच में हार का सामना करना पड़ा.
5. जब धोनी ने इयान बेल को फिर से दिया बल्लेबाजी का मौका
टीम इंडिया 2011 में इंग्लैंड दौरे पर थी. दूसरे टेस्ट मैच में इयान बैल 137 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे तो वो क्रीज से निकले. एक भारतीय बॉलर ने गेंद को पकड़कर बेल्स को गिरा दिया. अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया, अंपयारों ने टी-ब्रेक की घोषणा कर दी. टी-ब्रेक के दौरान इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट ने धोनी की अप्रोच किया और अंपायर के फैसले पर फिर से रिव्यू करने को कहा. ब्रेक के बाद दर्शकों को हैरानी हुई जब इयान बैल बल्लेबाजी करने के लिए उतरे.