BCCI के अधिकारी हैरान, टैक्स विवाद में शशांक मनोहर के रुख पर जताई आपत्ति
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BCCI के अधिकारी हैरान, टैक्स विवाद में शशांक मनोहर के रुख पर जताई आपत्ति

भारत में जब 2016 में टी-20 विश्व कप खेला गया था तब मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष थे.

शशांक मनोहर की चेयरमैनशिप वाली आईसीसी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को चेतावनी दी है. (फोटो: IANS)
शशांक मनोहर की चेयरमैनशिप वाली आईसीसी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को चेतावनी दी है. (फोटो: IANS)

नई दिल्ली: शशांक मनोहर की चेयरमैनशिप वाली अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपनी वार्षिक आय में से बीसीसीआई को दिए जाने वाले अंश में से 2016 टी-20 विश्व कप के दौरान मिली टैक्स छूट का हिस्सा घटाएगी. इस पर बीसीसीआई के अधिकारी हैरान हैं और उन्होंने मनोहर के कदम पर सवाल खड़े किए हैं क्योंकि टी-20 विश्व कप के दौरान मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष थे.

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि भारत में जब 2016 में टी-20 विश्व कप खेला गया था तब मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष थे और वह भलीभांति जानते हैं कि भारत में टैक्स नीति किस तरह से काम करती है और अब यह बेहद खराब है कि आईसीसी चेयरमैन ने इस मुद्दे पर भारतीय बोर्ड की तरफ अलग रुख अख्तियार किया है.

टी-20 विश्व कप के दौरान BCCI अध्यक्ष थे मनोहर
अधिकारी ने कहा, "आईसीसी के बाकी लोगों की अपेक्षा शाशांक इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं क्योंकि वह भारत की मेजबानी में 2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप के दौरान बीसीसीआई के अध्यक्ष थे." उन्होंने कहा, "आप इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि जब बीसीसीआई आईसीसी से रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा ले रही थी तब कई तरह के समझौते हुए थे."

टैक्स में छूट देने की क्या जरूरत
अधिकारी ने कहा, "उन्होंने रेवेन्यू मॉडल में कुछ बदलाव किए थे लेकिन उनका भारत पर कोई असर नहीं पड़ा था. अगर ऑस्ट्रेलिया को यह कहा जा सकता है कि वह टैक्स छूट के लिए सिर्फ सर्वश्रेष्ठ तरीके निकाले तो बीसीसीआई को पूरी तरह से टैक्स में छूट देने की क्या जरूरत है."

इसकी जरूरत भी नहीं थी?
एक और अधिकारी ने कहा कि आईसीसी चेयरमैन को इस मुद्दे पर फैसला लेने से पहले अपनी पूरी बातों को याद कर लेना चाहिए. अधिकारी ने कहा, "उस समय शशांक मनोहर ने विदर्भ क्रिकेट संघ को विश्व कप के दौरान महिलाओं के मैच और अन्य मैच आयोजित कराने के लिए एक निश्चित रकम दिलाई जबकि उनके लिए इसकी जरूरत भी नहीं थी? पूरे लेनदेन में वह ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने में सफल रहे और अब उन्हें अपनी स्थिति के बारे में दोबारा सोचना चाहिए."

आईसीसी की कोई दिशा नहीं है
एक और अधिकारी ने कहा कि अगर इसी तरह की चीजें जारी रहीं तो सदस्य विकल्प की तरफ देखना शुरू कर देंगे. उन्होंने कहा, "आईसीसी ऐसी संस्था बन गई है जिसकी कोई दिशा नहीं है और अगर वह सावधान नहीं रहते हैं तो, क्रिकेट जगत अलग तरह की चीजों के बारे में सोच सकता है."

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