B'Day Special: जोंटी रोड्स- फिल्डिंग को क्रिकेट में नई ऊंचाइयां देने वाला नाम
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B'Day Special: जोंटी रोड्स- फिल्डिंग को क्रिकेट में नई ऊंचाइयां देने वाला नाम

जोंटी रोड्स शनिवार को अपना 50 साल के हो गए हैं. 

जॉन्टी रोड्स ने कई बार हैरत अंगेज फिल्डिंग कर रन आउट किए हैं और मैच पलटे हैं.  (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के बेहतरीन फील्डर जोंटी रोड्स शनिवार को 50 साल के हो गए हैं. रोड्स का क्रिकेट की दुनिया में खास मुकाम है. वे दुनिया के पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जो केवल अपनी फील्डिंग के दम पर अपने देश की नेशनल टीम में चुने गए थे. फील्ड में जहां रोड्स खड़े हो जाते थे, उस दिशा में गेंद जाने के बाद बल्लेबाज रन चुराने से पहले दस बार सोचते थे. रोड्स ही थे जिन्होंने क्रिकेट में फिल्डिंग को नई ऊंचाइयां दी थी.

भारत से खास रिश्ता
हाल ही में रोड्स ने टीम इंडिया के फील्डिंग कोच के लिए आवेदन किया है.  भारत से उनका खास रिश्ता है. उन्हें यहां कल्चर और खाना बहुत पसंद है. वे जब भी हैदराबाद जाते हैं बिरयानी जरूर खाते हैं.  रोड्स की बिटिया का जन्म अप्रैल 2015 में मुंबई में हुआ था. उन्होंने अपनी बेटी का नाम ही इंडिया रख दिया. जब इंडिया दो साल की हुई तब पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उसे बधाई दी थी. वे बचपन से ही भारत आते रहे हैं. उन्हें भारत में दक्षिण अफ्रीका का ब्रांड एम्बैडेसर भी बनाए जा चुके हैं. 

वह खास मैन ऑफ तद मैच
1993 में जब दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर जॉन्टी रोड्स को वेस्ट इंडीज के खिलाफ मैच में टीम के प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इस मैच में जॉन्टी रोड्स ने फील्डिंग में जोरदार शानदार प्रदर्शन किया और 'मैन ऑफ द मैच' के अवार्ड अपने नाम किया. उस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 40 ओवर में 180 रन बनाए. वेस्टइंडीज की बैटिंग के दौरान डेरेल कुलीनन चोटिल हो गए और जॉन्टी रोड्स को मैदान में उनकी जगह फील्डिंग करने आए.  उसके बाद जॉन्टी रोड्स ने शानदार फील्डिंग करते हुए वेस्टइंडीज के 5 प्लेयर्स को पवेलियन भेज दिया.

दक्षिण अफ्रीका ने यह मैच 41 रन से मैच जीत गई थी और जॉन्टी रोड्स को 'मैन ऑफ द मैच' से नवाजा गया था. इस मैच में जॉन्टी ने जिस पांच महान बल्लेबाज का कैच लिया उसमे ब्रायन लारा, फील सिमंस, डेस्मंड हैन्स, एंडरसन कम्मिंस और जिमी एडम्स शामिल थे. इससे पहले जोंटी ने यह उपलब्धि फर्स्ट क्लास मैच में हासिल की थी. उस मैच में उन्होंने सात कैच लपके थे.

मिर्गी रोग से भी पीड़ित थे रोड्स
जॉन्टी रोड्स एक समय पर एपिलेप्सी की बीमारी से पीड़ित थे. इसके बाद उन्हें कई सारी सावधानियां बरतने को कहा गया था. जॉन्टी बताते हैं कि बचपन में क्रिकेट खेलने के दौरान हेलमेट पहनने वाले वे एकमात्र बच्चे हुआ करते थे. चूंकि जॉन्टी को एपिलेप्सी का माइल्ड रूप था, इसलिए उन्हें दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन इसके ट्रिगर से उन्हें बचकर रहना पड़ता था. 

नेशनल हॉकी प्लेयर भी रह चुके हैं जोंटी
रोड्स बचपन में हॉकी ज्यादा खेलते थे. वे बाद में देश की राष्ट्रीय टीम में भी चुने गए जो कि ओलंपिक के लिए बनाई गई थी, लेकिन यह टीम क्वालीफाई नहीं कर सकी. उनकी हॉकी की फिटनेस क्रिकेट में भी फील्ड के दौरान दिखी. 

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