भारत के बेहतरीन ऑलराउंडर में से एक रॉबिन सिंह की एक बार सात साल बाद टीम इंडिया में वापसी हुई थी.
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नई दिल्ली: 14 सितंबर को टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर रहे रॉबिन सिंह का जन्मदिन है. रॉबिन ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिनकी जीवन ही किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता है. टीम इंडिया में शामिल होने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था. इतना ही नहीं एक बार तो वापसी में उनको सात साल तक लग गए थे. रॉबिन सिहं उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें उनकी फील्डिंग स्किल्स के लिए भी जाना जाता है.
वर्तमान में आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम के कोच रॉबिन सिंह ने 1981-82 सीजन में तमिलनाडु के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया था. टीम इंडिया के लिए उन्होंने 136 वनडे खेले और 2336 रन बनाए और 69 विकेट लिए. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 137 करीब 6997 रन बनाए और 172 विकेट लिए.
भारत में नहीं वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद में पैदा हुए थे रॉबिन सिंह
रॉबिन सिंह का मूल नाम रवीन्द्र रामनारायण सिंह है. वे 14 सितंबर 1963 को वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद में पैदा हुए थे . भारतीय मूल के होते हुए उनके पुरखे पिछले 150 साल से वेस्ट इंडीज़ में रह रहे थे. क्रिकेट की शुरुआत तो साल की उम्र में उन्होंने त्रिनिदाद में ही की थी. वे वेस्ट इंडीज में स्कूल और क्लब लेवल पर क्रिकेट खेलते थे.
आसान नहीं था वेस्टइंडीज से भारत का सफर
वेस्ट इंडीज में एक बार इंडिया से हैदराबाद ब्लू नाम की क्रिकेट टीम टूर्नामेंट खेलने आई थी. तब रॉबिन सिंह त्रिनिदाद की ओर से उस मैच में खेले थे. उनके बढ़िया प्रदर्शन को देख कर अकबर इब्राहिम नाम के शख्स ने उन्हें भारत आने का न्यौता दिया था. रॉबिन 19 साल की उम्र में, 1982 वे मद्रास आए थे. उनके लिए भारत के लोग, भाषा, खाना, सभी कुछ बिलकुल नया था.
भारत की नागरिकता मिलने में लग गया समय
मद्रास में रॉबिन ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ मद्रास में इकोनॉमिक्स की डिग्री ली. यह पढ़ाई करते करते ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया.इसके बाद वे चेन्नई के होकर ही रह गए. उन्होंने भारत में क्रिकेट खेलना तो शुरू कर दिया लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता ही काफी देर से मिली. 1989 में जब उन्हें भारत की नागिरकता मिली, तभी उनका वेस्ट इंडीज टूर के लिए टीम इंडिया में सिलेक्शन भी हो गया था.
केवल दो मैच खेले और 7 साल तक रहे टीम इंडिया से बाहर
रॉबिन सिंह ने 11 मार्च 1989 को इंडिया के लिए पहला मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ ही खेला था, लेकिन उस सीरीज में उन्हें सिर्फ दो मैचों में ही मौका मिला था. दोनों ही मैचों में वे 7 नंबर पोजीशन पर खेलने आए थे. उन मैचों में वे कोई प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सके थे. इसके बाद तो जैसे उन्हें भुला ही दिया गया था, लेकिन अपने प्रदर्शन से ही रॉबिन सिंह ने सात साल बाद टीम इंडिया वापसी करने में कामयाबी हासिल की. उन्हें 1996 में टाइटन कप में मौका मिला और फिर अगले पांच साल, 2001 तक वे लगातार टीम का हिस्सा रहे.