टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने कई खिलाड़ियों का करियर बनाया है. रोहित शर्मा, शिखर धवन, सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका करियर धोनी की वजह से बना है.
Trending Photos
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को क्रिकेट में सब कुछ हासिल करा दिया. कई खिलाड़ी तो ऐसे हैं जिनके करियर धोनी की वजह से ही बने और आज वो वर्ल्ड क्रिकेट के बड़े सितारे हैं. रोहित शर्मा, विराट कोहली, शिखर धवन, सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और भी कई बड़े नाम ऐसे हैं जिनका करियर धोनी ने ही बनाया है. लेकिन आपको बता दें कि कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिनका करियर धोनी की वजह से ही खत्म हो गया. आइए एक नजर डालते हैं उन्हीं खिलाड़ियों पर.
दिनेश कार्तिक का करियर भी धोनी की वजह से ही खराब हो गया. धोनी की वजह से कार्तिक को टीम में खास मौके नहीं मिल पाए. 17 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू करने वाले कार्तिक ने 2004 में विकेटकीपर के रूप में भारतीय टीम अपनी जगह बनाई. हालांकि धोनी ने जैसे ही टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया तब से कार्तिक बाहर ही हो गए. आज कार्तिक एक मशहूर कमेंटेटर बन गए हैं.
कार्तिक के जैसे ही नमन ओझा का करियर भी धोनी की वजह से ही खत्म हुआ. ओझा को उसी वक्त टीम में जगह मिलने वाली थी जब धोनी ने अपना डेब्यू किया, लेकिन फिर माही के आ जाने से उन्हें जगह नहीं मिल पाई. बाद में श्रीलंका के खिलाफ उन्हें 2010 में पहली बार भारत के खिलाफ खेलने का मौका मिला. इसके 5 साल बाद 2015 में श्रीलंका के ही खिलाफ उन्होंने अपना पहला टेस्ट खेला. लेकिन धोनी के चलते उन्हें ज्यादा मौके मिले ही नहीं और वो सिर्फ आईपीएल और घरेलू क्रिकेट तक ही सीमित रह गए.
बंगाल की ओर से खेलने वाले दीपदास गुप्ता भी एक अच्छे विकेटकीपर थे. लेकिन जैसा बाकी खिलाड़ियों के साथ हुआ वैसा ही उनके साथ भी हुआ. धोनी ने जैसे ही टीम में अपनी जगह बनाई दास गुप्ता कहीं गुम ही हो गए. उनका करियर टीम इंडिया के लिए महज एक साल का रहा. फिलहाल वो एक मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर हैं.
पार्थिव पटेल को भी धोनी से पहले बतौर विकेटकीपर टीम में शामिल किया गया था. बता दें कि पार्थिव टीम इंडिया के लिए खेलने वाले सबसे कम उम्र के विकेटकीपर बल्लेबाज थे. लेकिन जैसे ही धोनी ने टीम में एंट्री मारी पार्थिव को भी ज्यादा मौके नहीं मिले. पार्थिव ने इसी बीच आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन धोनी जैसे खिलाड़ी की जगह टीम में ले पाना मुश्किल था.