कचरे में मिला जडेजा का मैन ऑफ द मैच का ‘चेक’, एनजीओ ने की बीसीसीआई से यह अपील
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कचरे में मिला जडेजा का मैन ऑफ द मैच का ‘चेक’, एनजीओ ने की बीसीसीआई से यह अपील

तिरुवनंतपुरम वनडे में रवींद्र जडेजा को मिला मैन ऑफ द मैच का रेप्लिका चेक कचरे में मिला है. 

रवींद्र जडेजा ने तिरुवनंतपुरम वनडे में चार विकेट लिए थे, उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला था. (फोटो : IANS)

नई दिल्ली: क्रिकेट में मैच के बाद सम्मान समारोह में लाखों की इनामी राशि बांटी जाती है. आजकल इनमें मैच ऑफ द मैच के अलावा सबसे ज्यादा छक्के, स्ट्राइकर ऑफ द मैच जैसे कई पुरस्कार भी बांटे जाने लगे हैं. इसमें दी जाने वाली राशि चेक से दी जाती है. खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण समारोह में ‘रेप्लिका चेक’ दिया जाता है जो कि वास्तविक नहीं बल्कि केवल प्रतीकात्मक होता है जिसे दर्शक देख सके. लेकिन हैरानी की बात यह है कि आखिर इन बड़े चेकों को होता क्या है. तिरुवनंतपुरम वनडे में भारत के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को दिए गए रेप्लिका चेक कचरे में दिखाई दिया. 

  1. तिरुवनंतपुरम में जडेजा थे मैन ऑफ द मैच
  2. उनको दिया गया रेप्लिका चेक कचरे में मिला
  3. चेक बानाने में प्लास्टिक उपयोग न करने की अपील हुई

भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे सीरीज के आखिरी वनडे में रवींद्र जडेजा मैन ऑफ द मैच रहे. जडेजा ने 34 रन देकर चार विकेट लिए. उनके इस प्रदर्शन पर पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपये दिए गए. जडेजा को भी एक रेप्लिका चेक दिया गया. रेप्लिका चेक वास्तविक चेक नहीं होता और पुरस्कार समारोह के बाद उसका कोई भी मूल्य भी नहीं होत, यहां तक कि उसे यादगार के तौर पर भी नहीं रखा जाता क्योंकि उसके लिए एक अलग से ट्रॉफी प्रदान की जाती है. 

मैच के बाद यह हाल होता है इन चेक का
दरअसल मैच के बाद यह रेप्लिका चेक कचरा में ही जाते हैं. इसी मुद्दे को फेसबुक पर एक प्रकृति नाम की एनजीओ ने उठाया है. एनजीओ ने बीसीसीआई से अपील की है कि वे इस रेप्लिका चेक को बनाने में प्लास्टिक और नॉन बायोडिग्रेडेबल सामग्री का प्रयोग कम करें. 

इस पोस्ट में एक फोटो है जिसमें एक सफाई कर्मचारी इस रेप्लिका चेक को पकड़े खड़ा है. पोस्ट में लिका है कि फोटो सब कुछ कह रही है. 

तिरुवनंतपुरम शायद रवींद्र जडेजा को दिए गए मैन ऑफ द मैच पुरस्कार के रूप में दी गई इस ‘शीट’ को पकड़े उस क्षण को नहीं भूला होगा, जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार खेल से जीती थी. हां हम ऐसे ही मैन ऑफ द मैच या मैन ऑफ द सीरीज को प्रमोशन और फोटो वगैरह खींच कर प्रोत्साहित करते हैं. उसके बाद क्या होता है? यह देखिए, यह किसी और की जिम्मेदारी हो जाती है.

हमेशा कायम रहे यह सम्मान
हम यह क्यों नहीं सोचते कि किसी व्यक्ति को दिया गया सम्मान हमेशा कायम रहे न कि किसी और या प्रकृति की जिम्मेदारी हो जाए. हमें विश्वास है कि बीसीसीआई क्रिकेट मैचों के दौरान प्लास्टिक और नॉन बायोडिग्रेडेबल (जैविक रूप से नष्ट न होने योग्य) सामग्री का उपयोग कम करने के उपाय करेगी. हम जानते हैं कि आप हमें प्ररित कर सकते हैं. 

श्री जयन ने कचरे में ढूंढा यह चेक
अभी के लिए, इस व्यक्ति, श्री जयन के लिए ही  मैन ऑफ द मैच का क्षण होने दें. जयन त्रिवेंद्रम कॉर्पोरेशन में सैनिटरी कर्मचारी हैं. वे तिरुवनंतपुरम नगर पालिका के लिए मैच के बाद सफाई करने लिए नियुक्त 600 कर्मचारियों में से एक हैं. कचरा छांटने के प्रक्रिया अभी भी (8 नवंबर को) जारी है. हमने सैग्रीगेशन यार्ड से यह तस्वीर ली है. जयन तस्वीर में इसी रेप्लिका चेक को लिए खड़े हैं. 

 

गौरतलब है कि समय समयपर  कई बार अपील की जाती रही कि क्रिकेट मैचों के दौरान प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध हो. इसी साल आईपीएल में भी कोलकाता में हुए एक मैच प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगाया गया था. ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है, लेकिन अभी तक नियमित रूप से ऐसा कदम नहीं उठाया गया है. 

तिरुवनंतपुरम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच पांचवा वनडे मैच हुआ था. इस मैच में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को पहली पारी में केवल 32वें ओवर में 104 रनों पर समेट दिया था. इसमें रवींद्र जडेजा ने चार विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई थी. इस मैच में टीम इंडिया ने 15वें ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया था. मैच में होने वाला ब्रेक की नौबत भी नहीं आई थी. 

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