इस मामले में सचिन तेंदुलकर से भी आगे हैं विराट कोहली, जानिए डिटेल
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इस मामले में सचिन तेंदुलकर से भी आगे हैं विराट कोहली, जानिए डिटेल

सचिन तेंदुलकर ने बल्लेबाजी के ज्यादातर रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं, लेकिन विराट कोहली के निशाने पर मास्टर ब्लास्टर के कई रिकॉर्ड्स हैं.

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: आज की तारीख में वर्ल्ड क्रिकेट में बात करें तो केवल भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ही अपने बाकी समकालीन दिग्गजों से आगे निकलकर महान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के हर रिकॉर्ड को चुनौती दे रहे हैं. क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में बराबर प्रभुत्व के साथ बल्ले से गेंदबाजों की बखिया उधेड़ रहे विराट कोहली (Virat Kohli) हैं, जो टेस्ट क्रिकेट से लेकर वनडे और टी-20 तक, सभी तरह की क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के अंदाज में रन बना रहे हैं. लेकिन एक बात और है, जो विराट में सचिन से भी ज्यादा खास है. ये बात है, कप्तानी के दबाव में उनकी बल्लेबाजी का निखरकर आना. जी हां, एक बल्लेबाज के तौर पर सचिन तेंदुलकर सरीखे दिखने वाले विराट कोहली कप्तान बनने के बाद उनसे दो कदम आगे दिखाई देते हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि रिकॉर्ड इसके गवाह हैं.

  1. कप्तान के तौर पर सचिन का घट गया था औसत.
  2. विराट का औसत कप्तान बनने पर कई अंक बढ़ा.
  3. समकालीन बल्लेबाजों से चल रहे हैं काफी आगे.

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कप्तान के तौर पर फीका रहा था मास्टर ब्लास्टर का बल्ला
वर्ल्ड क्रिकेट में जब भी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के खेल की समीक्षा होगी तो उनके साथ एक बल्लेबाज के तौर पर महानतम शब्द से कम नहीं लिखा जाएगा, ये बात तो तय है. लेकिन क्रिकेट में भगवान के बराबर दर्जा रखने वाले सचिन के एक पहलू की कमजोरी पर समीक्षक हमेशा टिप्पणी करेंगे और वो है कप्तानी के दबाव में टूटने के चलते उनके खाते में कई हजार रन कम दर्ज होना. 

मास्टर ब्लास्टर ने 200 टेस्ट मैच में 53.78 के औसत से 51 शतक के साथ 15,921 रन बनाए थे, लेकिन कप्तान के तौर पर खेले 25 टेस्ट मैच में वे 51.35 के औसत से महज 7 शतक के साथ 2054 रन ही अपने खाते में जोड़ सके थे. भले ही इसे बहुत बड़ी गिरावट नहीं माना जाए, लेकिन खुद सचिन ने स्वीकार किया था कि कप्तानी के दबाव ने उनकी बल्लेबाजी को प्रभावित किया था और वे अपना नेचुरल गेम नहीं खेल पा रहे थे.

रिकॉर्ड बताता है कप्तानी के बाद कैसे निखरे कोहली
इसके उलट विराट इस मायने में गजब हैं. आंकड़े गवाह हैं कि विराट कोहली ने कप्तान बनने के बाद किस तरह खुद को निखारा है। कप्तान बनने से पहले 159 वनडे मैच में 51.29 के औसत और 89.39 के स्ट्राइक रेट से 22 शतक व 35 अर्धशतक के साथ 6,720 रन बनाने वाले कोहली ने कप्तान बनने के बाद सिर्फ 89 मैच में 74.59 के औसत व 98.80 के स्ट्राइक रेट से 21 शतक व 23 अर्धशतक ठोक दिए हैं. 

इसी तरह टेस्ट मैच में भी कप्तान बनने से पहले 31 मैज में महज 41.13 के औसत से 7 शतक के साथ 2,098 रन बनाने वाले विराट ने बाद में 55 टेस्ट में 61.21 के जबरदस्त औसत से 20 शतक के साथ 5,142 रन बनाए हैं. इतना ही नहीं विराट के करियर के सभी 7 दोहरे शतक भी कप्तान के तौर पर ही सामने आए हैं. टी-20 में भी विराट का जलवा कुछ इसी तरह का है.

डॉन ब्रैडमैन की तरह अव्वल औसत वाले बल्लेबाज
विराट कोहली के खाते में एक बात दर्ज है, जो उनके समकालीन दिग्गज कहे जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ (Stevan Smith), इंग्लैंड के जो रूट (Joe Root)और न्यूजीलैंड के केन विलियमसन (Kane Williamson) के खाते में भी नहीं है. ये बात है क्रिकेट की दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन (Don Brdman) की तरह रन औसत में अपने समकालीनों से आगे निकलकर खेल के दो फॉर्मेट में प्रभुत्व बनाना.

बात यदि टेस्ट क्रिकेट की हो तो शायद स्टीवन स्मिथ विराट कोहली से आगे निकल जाते हैं, लेकिन बात यदि वनडे और टी-20 की हो तो विराट कम से कम 40 पारी खेलने वाले दुनिया के सभी बल्लेबाजों से कहीं आगे रन औसत में नंबर-1 पर खड़े आते हैं. जिस तरह सर डॉन ब्रैडमैन अपने रिटायरमेंट के समय टेस्ट क्रिकेट में 99.94 के रनऔसत के साथ सबसे आगे थे, ठीक उसी तरह विराट कोहली कम से कम इस समय तो वनडे में 60.22 और टी-20 में 50.80 का रनऔसत बनाकर दुनिया में नंबर-1 रनऔसत वाले बल्लेबाज हैं.

जल्द तोड़ देंगे वनडे में सचिन के शतक का रिकॉर्ड
सचिन तेंदुलकर ने जब 463 मैच में 49 वनडे शतकों का रिकॉर्ड कायम किया था तो उस समय कहा गया था कि शायद ही कोई बल्लेबाज कभी इस रिकॉर्ड तक पहुंचेगा. लेकिन विराट कोहली की शतक बनाने की गति देखी जाए तो वे इस रिकॉर्ड को जल्द ही तोड़ते दिखाई दे रहे हैं. वे फिलहाल महज 248 मैच में ही 43 शतक ठोककर दुनिया में शतक बनाने वालों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं. वे हर 5.7 पारी में एक शतक ठोक रहे हैं. ऐसे में यदि महज 31 साल के विराट भी सचिन की तरह 38-39 साल की उम्र तक खेलते हैं तो अगले 9 साल में ये हो सकता है कि वो वनडे में ही शतकों के शतक बना दें.

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