पुरूष और महिला टीम को समान वेतन देना वाला चौथा देश बना ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे और न्यूजीलैंड में पहले से लागू है नियम
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नई दिल्ली. पूरी दुनिया में महिलाओं और पुरुषों के बीच बराबरी को लेकर कई तरह की बात कि जाती है और इस लैंगिक भेदभाव को हटाकर पुरुषों और महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन मिले, इसके लिए कई कई कोशिशें की जा रही हैं. खेल जगत की बात करें तो भारत में भी कई बार यह सवाल उठ चुके है कि पुरुष और महिला खिलाड़ियों का भुगतान समान होना चाहिए.
सिर्फ भारत ही नहीं अन्य कई देशों में भी इसकी लड़ाई जारी है. इसी बीच ब्राजील ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. ब्राजील फुटबॉल फेडरेशन ने महिला टीम को पुरुष टीम के बराबर वेतन देने का फैसला किया है. यानी नेशनल टीम की ओर से खेलते हुए पुरूष और महिलाओं को एक बराबर वेतन दिया जाएगा.
Hats off to @CBF_Futebol
Not only has it put @DudaLuizelli & @PelleAline in major roles within Brazilian women's football, but it has announced that female & male players will be paid the same while on international duty
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— FIFA Women's World Cup (@FIFAWWC) September 3, 2020
इसका मतलब साफ है कि नेमार जैसे दिग्गज खिलाड़ी और महिला खिलाड़ी मार्ता, फोरमिगा और अन्य महिला टीम की खिलाड़ियों के बीच अब कोई फर्क नहीं रह जाएगा. बता दे कि ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे और न्यूजीलैंड कुछ ऐसे देश हैं जहां पहले से ही यह नियम लागू है. वहीं अमेरिका में अब भी इसकी लड़ाई जारी है.
ब्राजील फुटबाल परिसंघ (CBF) के प्रमुख रोजेरियो काबोलो ने कहा है कि, ‘लिंग भेद नहीं है, सीबीएफ पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार कर रहा है’ सीबीएफ ने कहा, ‘फैसले के बारे में मार्च में महिला टीम और उनके स्वीडिश कोच को सूचित किया गया था. यह व्यवस्था अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भाग लेने वाली टीमों के साथ-साथ अगले पुरुष और महिला वर्ल्ड कप में भी लागू की जाएगी’.
बता दे कि पुरुष और महिला फ़ुटबॉल खिलाड़ियों के बीच असमानता तब से सुर्खियों में रही है जब संयुक्त राज्य अमेरिका की महिला टीम ने पिछले साल यू.एस. सॉकर पर मुकदमा दायर किया था और लैंगिक भेदभाव के लिए आवाज उठाई थी.
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