क्रिकेट जगत में 'दादा' के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने अपने बल्ले का कमाल आईपीएल में भी पेश किया था, जब उन्होंने साल 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ 91 रनों तूफानी पारी खेली.
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नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की आक्रमक कप्तानी और खेल की क्रिकेट जगत में हमेशा चर्चा की जाती है. भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली क्रिकेट के मैदान पर लंबे-लंबे छक्के मारने के लिए काफी प्रसिद्ध रहे. क्रिकेट की दुनिया में दादा के नाम फेमस गांगुली के पास एक मौका ऐसा भी आया था, जब आईपीएल (IPL) के पहले ही सीजन में सौरव गांगुली ने अपनी दादागिरी से विरुद्धी टीम के हौंसले पस्त कर दिए थे.
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साल 2008 में जब आईपीएल के पहले सीजन की शुरुआत हुई थी. तब सबको ऐसा लग रहा था कि यह लीग युवा खिलाड़ियों के लिए एक शानदार अवसर है और पुराने खिलाड़ियों के लिए बड़ी चुनौती. लेकिन जैसे-जैसे आईपीएल-1 (IPL 2008) का कारवां आगे बढ़ा. दिग्गजों ने अपने खेल का जलवा दिखाना शुरू कर दिया. इसी के तहत 11 मई 2008 को हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम पर सौरव गांगुली की अगुवाई में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और हैदराबाद डेक्कन चार्जस के बीच एक मुकाबला खेला गया.
दादा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. लेकिन 4 रन पर 1 विकेट गंवाकर केकेआर की शुरुआत खराब रही. फिर क्रीज पर आए कोलकाता के कप्तान सौरव गांगुली और उसके बाद दादा ने हैदराबाद के गेंदबाजों की जमकर खबर ली. 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' ने इस मैच में अपने आईपीएल करियर की बेस्ट पारी खेलते हुए 57 गेंदों में 11 चौके और 5 छक्के की मदद से 91 रनों की बेजोड़ पारी खेली. सौरव गांगुली ने अपनी इस पारी में मैदान के चारों ओर हवाई शॉट्स खेले. जिसकी वजह से केकेआर 20 ओवर में 204-4 का स्कोर बनाने में सफल रही.
बल्ले के साथ-साथ बाद में सौरव गांगुली ने हैदराबाद की पारी में 2 विकेट भी झटके. गांगुली के इस हरफनमौला खेल के दम पर ही कोलकाता नाइटराइडर्स ने डेक्कन चार्जर्स को 23 रनों से धूल चटा दी थी. सौरव गांगुली की यह पारी बतौर कप्तान उस समय में सबसे बेहतरीन पारियों में से एक थी. इतना ही नहीं अपने उम्दा खेल के लिए सौरव गांगुली को 'मैन ऑफ द मैच' भी चुना गया.