भारत में जब सौरभ नेत्रावलकर का क्रिकेट करियर नहीं बढ़ा तो पढ़ने के लिए अमेरिका पहुंच गए. अब वहां के टॉप क्रिकेटर हैं.
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नई दिल्ली : कहते हैं कि सभी की नियति तय होती है. मुंबई के रहने वाले क्रिकेटर सौरभ नेत्रावलकर की नियति भी तय थी. वह शुरू से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे. 2010 तक वह अंडर-19 टीम में खेले. उस साल खेले गए वर्ल्डकप में उन्होंने 9 विकेट लिए. सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों में वह शामिल थे. उस समय उन्हें और उनके खेल को जानने वाले लोग उन्हें सीनियर टीम में देखना चाहते थे. सभी को लगता था कि वह भारत के अगले स्ट्राइक बॉलर होंगे. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. उनके साथ के खिलाड़ी जैसे लोकेश राहुल, जयदेव उनदकट इस समय टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं.
सौरभ का क्रिकेट करियर भारत में चाहकर भी आगे नहीं बढ़ पाया. उन्हें सिर्फ एक फर्स्ट क्लास मैच में खेलने का मौका मिला. लिस्ट-ए में वे सिर्फ 16 मैच खेल सके. इसके अलावा उन्हें और मौका नहीं मिला. जब सौरभ को लगा कि उनका क्रिकेट करियर आगे नहीं बढ़ेगा तो उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया और आगे की पढ़ाई के लिए 2015 में अमेरिका चले गए.
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वहां सौरभ ने न्यूयॉर्क के कोर्नेल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. यहीं पर उन्होंने एक दिन दोस्त के कहने पर स्थानीय क्रिकेट मैच में हिस्सा लिया. इसके बाद उनका अमेरिकी क्रिकेट से नाता जुड़ गया. सौरभ यहां पर शौकिया तौर पर क्रिकेट खेलने लगे. मई-2016 में उनका कोर्स समाप्त हो गया.
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इसके बाद सौरभ नेत्रावलकर को सैन फ्रांसिस्को में ऑरैकल में जॉब मिल गई. इसी दौरान वह एक क्रिकेट क्लब से भी जुड़ गए. यहां से उनका क्रिकेट से लगाव फिर से इतना गहरा हुआ कि 2016 में वह अमेरिकन नेशनल चैंपियनशिप में नॉर्थ वेस्ट रीजन की ओर से खेले. जल्दी ही उन्होंने अमेरिका की ओर से खेलने की पात्रता हासिल कर ली. 31 जनवरी 2018 को उन्होंने अमेरिका के लिए पहला इंटरनेशनल मैच भी खेल लिया है.