Gautam Gambhir का Pakistan को करारा जवाब- हमारे लिए सैनिक जरूरी, क्रिकेट कोई मायने नहीं रखता
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Gautam Gambhir का Pakistan को करारा जवाब- हमारे लिए सैनिक जरूरी, क्रिकेट कोई मायने नहीं रखता

गंभीर ने कहा, 'मैंने देश के लिए खेलकर और मैच जीतकर कोई उपकार नहीं किया है, लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति को देखें, जो सियाचिन या पाकिस्तान (Pakistan) सीमा पर हमारा बचाव कर रहा है और थोड़े से पैसे लेकर ही अपनी जान जोखिम में डाल रहा है. असल में तो वही हमारे देश के सबसे महान नायक हैं.'

Gautam Gambhir (File)

नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के बीच क्रिकेट को फिर से शुरू करने के विचार का कड़ा विरोध किया है. गंभीर का मानना है कि जब तक पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सीमा पार आतंकवाद को बंद नहीं कर देता, तब तक भारत को इस पड़ोसी देश के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए. गौतम गंभीर ने कहा, 'आखिरकार, क्रिकेट कोई मायने नहीं रखता, बल्कि हमारे सैनिक रखते हैं.'

  1. पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीर का बड़ा बयान
  2. गंभीर ने कहा- पाकिस्तान से क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए 
  3. क्रिकेट कोई मायने नहीं रखता, बल्कि हमारे सैनिक रखते हैं

जम्मू एवं कश्मीर में बढ़े आतंकी हमले

हालांकि अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहे पाकिस्तान (Pakistan) का दावा है कि उसने अपने देश में पनप रहे आतंकी समूहों पर शिकंजा कसा है, लेकिन उसने जम्मू-कश्मीर में हथियारबंद आतंकवादियों को भेजना जारी रखा है. पिछले कुछ हफ्तों में नव निर्मित केंद्र शासित प्रदेश में नागरिकों और सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकी हमले भी बढ़े हैं.

गंभीर बोले- हमारे सैनिक मायने रखते हैं 

गंभीर (Gautam Gambhir) ने तर्क दिया कि भारतीय क्रिकेटरों को देश के लिए खेलने के लिए अच्छा-खासा भुगतान किया जाता है, लेकिन सैनिक देश की निस्वार्थ रूप से रक्षा करते हैं. गंभीर ने कहा, 'मैंने देश के लिए खेलकर और मैच जीतकर कोई उपकार नहीं किया है, लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति को देखें, जो सियाचिन या पाकिस्तान सीमा पर हमारा बचाव कर रहा है और थोड़े से पैसे लेकर ही अपनी जान जोखिम में डाल रहा है. असल में तो वही हमारे देश के सबसे महान नायक हैं.'

गंभीर बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहते थे

गंभीर (Gambhir) बचपन से ही भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन जब वह स्कूल में थे और उन्होंने घरेलू स्तर पर खेली जाने वाली प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी में खेलना शुरू किया तो उनके माता-पिता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए खेलने के लिए मनाया था. गंभीर ने उस बात को याद करते हुए कहा, 'यह देश के लिए खड़े होने का एक और तरीका था, इसलिए मैं सहमत हो गया.'

सेना की वर्दी के लिए उनका प्यार बरकरार है

हालांकि सेना और भारतीय सेना की वर्दी के लिए उनका प्यार बरकरार है, लेकिन उन्होंने भारत में नागरिकों के लिए बनी प्रादेशिक सेना में शामिल होने के लिए किसी भी मानद पेशकश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने सैनिकों की वर्दी को पवित्र बताते हुए कहा कि इसे पहनने वाले सैनिक अपना खून बहाते हैं, देश की रक्षा करते हुए अपने जान का भी बलिदान दे देते हैं. उन्होंने कहा, 'ऐसा कोई व्यक्ति, जो इस कदर बलिदान नहीं देता है, तो फिर उसे इस वर्दी नहीं पहनना चाहिए.'

'पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं' 

बाएं हाथ के पूर्व सलामी बल्लेबाज का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद के कारण जम्मू-कश्मीर में गोलियां खाने वाले सैनिकों के लिए बोलना प्रत्येक भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी है. मालूम हो कि क्रिकेटर गौतम गंभीर की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2010 से 2011 के बीच सभी छह वनडे मैच जीते हैं.

गंभीर ने कहा, 'वे हमारी रक्षा के लिए अपनी जान दे देते हैं. कम से कम हम उनके साथ खड़े तो हो ही सकते हैं.' गंभीर ने जोर देते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को नहीं रोकता है, तब तक भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए. गंभीर एकमात्र भारतीय और उन चार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों में शामिल हैं, जिन्होंने लगातार पांच टेस्ट मैचों में शतक जमाए हैं.

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