ये है टीम इंडिया के टेस्ट इतिहास की बेस्ट प्लेइंग इलेवन, जानिए कौन होंगे कैप्टन?
Advertisement

ये है टीम इंडिया के टेस्ट इतिहास की बेस्ट प्लेइंग इलेवन, जानिए कौन होंगे कैप्टन?

भारत के लिए बहुत से क्रिकेटर्स ने शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन इनमें से कुछ ही खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने महानता के आयाम स्थापित किए हैं.

एमएस धोनी, विराट कोहली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत के लिए बहुत से क्रिकेटर्स ने शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन इनमें से कुछ ही खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने महानता के आयाम स्थापित किए हैं. सन 1932 से लेकर आज तक टीम इंडिया (Team India) के लिए खेलने वाले बहुत से खिलाड़ियों ने अनेकों बार अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से रिकॉर्ड बनाए हैं और कई बार टीम को जीत दिलाई है, लेकिन भारत के टेस्ट इतिहास के सबसे बेहतरीन 11 खिलाड़ी कौन से हैं ये आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी वजह से आज हम आपको भारत की बेस्ट टेस्ट प्लेइंग इलेवन बताने जा रहे हैं. क्या आप सोच सकते हैं कौन होगा इस टेस्ट टीम का कप्तान? जानने के लिए पढ़िए हमारी ये पूरी स्टोरी.

  1. सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 200 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 15,921 रन बनाए.
  2. विराट कोहली ने टेस्ट करियर में अब तक 86 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 7240 रन बनाए हैं.
  3. अनिल कुंबले ने अपने लंबे करियर में 132 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 619 विकेट लिए.
  4.  

 1. सुनील गावस्कर 
इस टेस्ट टीम के ओपनर होंगे महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपने पैरों पर खड़ा करवाने में अहम भूमिका निभाई. आपको बता दें कि सुनील गावस्कर बिना हेलमेट पहने ही बल्लेबाजी किया करते थे और अपनी मास्टर क्लास बल्लेबाजी से टीम को जीत हासिल करा देते थे. उनकी बल्लेबाजी को लोग आज भी याद किया करते हैं. गावस्कर ने साल 1971 से 1987 तक के अपने करियर में 125 टेस्ट मैच खेले जिनमें 10122 रन बनाए. जहां घरेलू मैचों में उनकी औसत: 50.16 है तो विदेशी धरती पर उनकी औसत 52.11 रही.

2.  वीरेंद्र सहवाग 
इस टीम में गावस्कर के जोड़ीदार होंगे विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag). जहां एक तरफ गावस्कर अपनी मजबूत तकनीक की मदद से एक मोर्चा संभालेंगे तो वहीं दूसरी तरफ सहवाग अपनी धुआंधार बल्लेबाजी के दम पर टीम को एक मजबूत शुरुआत देंगे. अगर देखा जाए तो ये जोड़ी एक-दूसरे को कॉम्पलीमेंट करती है. सहवाग ने अपने करियर में कुल 104 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 8,586 रन बनाए. घरेलू मैदानों पर उन्होंने 54.13 की औसत से और विदेशी धरती पर 44.65 की औसत से रन बनाए. ये कमाल उन्होंने साल 2001 से 2013 तक के अपने करियर में किया.

3.  राहुल द्रविड़ 
अब बात करते हैं द वॉल यानि राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की, जो अपनी मजबूत तकनीक और संयम के लिए जाने जाते थे. द्रविड़ अक्सर टीम इंडिया को मुश्किल घड़ियों से बाहर निकाल लाते थे. उन्होंने अपने करियर के दौरान 13 हजार से ज्यादा रन, 100 से ज्यादा शतकीय साझेदारियां और टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा गेंद खेलने का रिकॉर्ड अपने नाम किया हुआ है. इसलिए राहुल को 'मिस्टर भरोसेमंद' भी कहा जाता है. द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 13,288 रन बनाए. जहां घरेलू मैदानों पर द्रविड़ ने 51.35 और विदेशी धरती पर 53.03 औसत से रन बनाए हैं.

4. सचिन तेंदुलकर 
गॉड ऑफ क्रिकेट सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को आज किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है. उन्होंने अपने 24 साल के इंटरनेशनल करियर में जो मुकाम हासिल किया वो शायद ही कोई और कर पाएगा. आज सचिन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक और सबसे ज्यादा मैच खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने अपने करियर में 200 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 15,921 रन बनाए. सचिन की घरेलू मैदानों पर औसत 52.67 और विदेशी धरती पर औसत 54.71 है.

5. विराट कोहली 
टीम इंडिया के मौजूदा कैप्टन विराट कोहली (Virat Kohli) को आज दुनिया का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज माना जाता है. क्रिकेट के कई दिग्गज तो उन्हें सचिन तेंदुलकर से भी बेहतर बताते हैं. विराट का अभी तक का करियर लाजवाब रहा है. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में अब तक 86 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें 7,240 रन बनाए हैं. जहां घरेलू मैचों में विराट की औसत 68.42 तो विदेशी धरती पर उनकी औसत 44.36 है.
 
6. सौरव गांगुली 
इस टीम के कैप्टन होंगे सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) क्योंकि 'दादा' ने टीम को उस वक्त संभाला जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग की बदनामी झेल रही थी. सचिन तेंदुलकर के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टीम पूरी तरह से बिखर चुकी थी, ऐसे में गांगुली ने टीम को संभाला और एक बार फिर से टीम को जीत की डगर पर पहुंचाया. सौरव ने साल 1996 से लेकर साल 2008 तक अपने क्रिकेट करियर में 113 टेस्ट मैच खेले और 7,212 रन बनाए. घरेलू मैदानों पर उन्होंने 42.97 और विदेशी धरती पर 41.56 की औसत से रन बनाए. साथ ही कप्तान के रूप में उनकी जीत प्रतिशत घरेलू मैदानों पर 47.61% और विदेशी धरती पर 39.28% रही.

 7. कपिल देव 
भारत की किसी भी टीम में कपिल देव (Kapil Dev) शामिल न हों ये तो हो ही नहीं सकता, क्योंकि उन जैसा ऑलराउंडर आज तक भारत में नहीं हुआ. कपिल ने न सिर्फ अपनी गेंदबाजी से बल्कि अपनी बल्लेबाजी से भी टीम इंडिया को अनगिनत मैच जिताए. कई सालों तक कपिल के नाम दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी था, जिसे बाद में वेस्टइंडीज के कोर्टनी वॉल्श ने तोड़ दिया था. कपिल ने अपने करियर के दौरान 131 टेस्ट मैचों में 434 विकेट और 5,248 रन बनाए. घरेलू मैदानों पर उनकी गेंदबाजी की औसत 26.49 और विदेशों में 32.85 रही.

8. महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni)
जिस तरह कपिल देव किसी भी भारतीय टीम में खुद-ब-खुद शामिल हो जाते हैं उसी तरह एमएस धोनी के बिना भी कोई भारतीय टीम नहीं बन सकती. वैसे तो धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से समय से पहले ही सन्यास ले लिया था, मगर जितने भी दिन धोनी ने टेस्ट क्रिकेट खेला बड़े ही शान से खेला. चैन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए गए उनके धुआंधार दोहरे शतक को भला कौन भूल सकता है?

धोनी की निचले क्रम में बल्लेबाजी जितनी भारत के लिए महत्वपूर्ण थी उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण थी उनकी विकेटकीपिंग. अपनी विकेट कीपिंग के द्वारा उन्होंने कई बार भारतीय गेंदबाजों को विपक्षी टीम के बल्लेबाजों के लिए रणनीति बनाने में मदद की और यही एमएस धोनी की सबसे बड़ी ताकत थी. धोनी ने अपने करियर में 90 मैच खेले जिनमें उन्होंने 4,876 रन बनाए. धोनी ने घरेलू मैदानों पर 45.76 और विदेशी मैदानों पर 32.84 की औसत से रन बनाए.

9. अनिल कुंबले 
इस टीम की गेंदबाजी की अगुवाई करेंगे अनिल कुंबले(Anil Kumble). वो न सिर्फ इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले सिर्फ दूसरे गेंदबाज है, इसके साथ ही वो टेस्ट में 600 विकेट लेने वाले पहले और इकलौते भारतीय गेंदबाज भी हैं. कुंबले ने साल 1990 से 2008 तक के अपने लंबे करियर में 132 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 619 विकेट लिए. घरेलू मैदानों पर उनकी गेंदबाजी औसत 24.88 और विदेशों में 35.85 की रही.

10. हरभजन सिंह 
इस टीम में कुंबले के स्पिन जोड़ीदार होंगे हरभजन सिंह (Harbhajan Singh). भज्जी की गेंदबाजी को शायद ही कोई भारतीय कभी भुला पाएगा. स्टीव वॉ की उस ऑस्ट्रेलियाई टीम को, जिसे उस दौर में कोई नहीं हरा सकता था ऐसी टीम को भी हरभजन ने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. साल 2001 में खेली गई उस मशहूर सीरीज में हरभजन ने 32 विकेट लेकर टीम इंडिया की जीत में सबसे अहम भूमिका निभाई थी. इसी सीरीज में हरभजन टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज भी बने थे. हरभजन ने अपने करियर में 103 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 417 विकेट लिए. घरेलू मैदानों पर उनकी औसत: 28.76 और विदेशी धरती पर 38.90 रही.

11. जहीर खान 
इस टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की शुरुआत करेंगे जहीर खान (Zaheer Khan). उन्होंने उस समय भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी की कमान संभाली थी जब जवागल श्रीनाथ ने इस खेल को अलविदा कह दिया था. जहीर ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर भारतीय टीम को वेस्ट इंडीज और इंग्लैड जैसे देशों में सीरीज जितवाने में अहम भूमिका निभाई. जहीर ने साल 2000 से 2014 तक के अपने करियर में 92 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 311 विकेट लिए. घरेलू मैदानों पर उनकी औसत 35.87 और विदेशी धरती पर 31.47 रही.

Trending news