हेनरिक क्लासेन का कहना है कि इस मैच में उनका सपना पूरा हो गया और यह अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है.
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सेंचुरियन : भारत के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में दक्षिण अफ्रीका को मिली जीत में अहम भूमिका निभाने वाले हेनरिक क्लासेन का कहना है कि इस मैच में उनका सपना पूरा हो गया और यह अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है. क्लासेन अपने घरेलू मैदान सेंचुरियन में अपनी टीम को मैच में जीत दिलाने के लिए मदद करना चाहते थे और बुधवार रात को सुपरस्पोर्ट पार्क स्टेडियम में खेले गए मैच में दक्षिण अफ्रीका को मिली जीत से उनका यह सपना पूरा हो गया.
हेनरिक ने बुधवार रात को अपने करियर का दूसरा टी-20 मैच खेला और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे अधिक 69 रन बनाने के साथ ही टी-20 करियर का पहला अर्धशतक भी लगाया. इस मैच में जीन पॉल ड्युम्नी ने 64 रनों की पारी खेली, जिसके दम पर दक्षिण अफ्रीका ने भारत को छह विकेट से हरा दिया और तीन टी-20 मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली.
क्लासेन ने कहा, "दबाव के दौरान शॉट मारना काफी शानदार होता है, लेकिन उस पल में आप इसके आनंद का अनुभव नहीं ले सकते. आपको नहीं पता कि अगली गेंद कैसी होगी और ऐसे में आपको अपनी योजनाएं तैयार रखनी होती हैं. मैं घर जाकर इस मैच को जरूर देखूंगा."
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इस शानदार पारी के बावजूद क्लासेन को ऐसा नहीं लगता कि वह राष्ट्रीय टीम के लिए मुख्य खिलाड़ी बनने जा रहे हैं. वह फिलहाल इस बारे में नहीं सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, "अगर आप अब्राहम डिविलियर्स, फाफ डु प्लेसिस और क्विंटन डी कॉक को देखें, तो ये सभी विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं. मेरे लिए यह समय मेरे करियर का सबसे महत्वपूर्ण पल है. अगर यह मेरा आखिरी मैच भी होगा, तो मैं खुश हूं. अपने घर में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने का मेरा सपना पूरा हो गया है और अब मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है.
डुमिनी ने मिटाया डर
मैच के दौरान अपने अंदर का भय मिटाने के लिए क्लासेन ने जेपी डुमिनी को श्रेय दिया और कहा कि उनकी मैच विजेता पारी में कप्तान की भूमिका अहम रही. क्लासेन ने 30 गेंदों पर 69 रन बनाए जिससे दक्षिण अफ्रीका ने छह विकेट से जीत दर्ज करके तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की. उन्होंने डुमिनी के साथ तीसरे विकेट के लिये 97 रन की साझेदारी की.
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क्लासेन ने कहा, ‘‘मेरी पारी में डुमिनी की भूमिका अहम रही. मैंने जो पहला या दूसरा ओवर खेला तो उसने मुझसे कहा कि इस ओवर में दस रन बनने चाहिए. उसने कहा कि अपनी नैसर्गिक क्रिकेट खेलूं और गेंदबाजों पर हावी होकर बल्लेबाजी करूं. सौभाग्य से आज यह रणनीति चल गयी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से जेपी ने मुझसे कहा कि इस ओवर में 20 रन बनने चाहिए, उससे मेरे अंदर का डर बाहर निकल गया. इसके अलावा चित शांत रखना भी जरूरी था. एक समय ऐसा था जब मैं अच्छे शॉट लगा रहा था.’’
(इनपुट आईएएनएस)