रोहित शर्मा साल 2007 से टीम इंडिया का हिस्सा रहें है, लेकिन वो तब तक कामयाब नहीं हुए थे जब तक धोनी ने उन्हें ओपनिंग के लिए नहीं भेजा था.
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नई दिल्ली: टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा मौजूदा वक्त में सीमित ओवर के क्रिकेट में दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं. आज के दौर में विपक्षी टीम तब तक बैकफुट पर रहती है, जब तक यह इंडियन ओपनर क्रीज पर डटा रहता है. लेकिन कहते हैं न हर किसी की एक न एक कहानी या ऐसा दौर होता, जहां से सब कुछ बदल जाता है. तो आइये जानते हैं उस मैच की कहानी, जिसके बाद 'हिटमैन' रोहित शर्मा रातों-रातों क्रिकेट की दुनिया के सुपरस्टार बन गए.
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दरअसल रोहित साल 2007 से टीम इंडिया का हिस्सा रहें है. कई सालों तक रोहित शर्मा अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाए. लेकिन क्रिकेट में एक अच्छा मैच आपकी तकदीर बदलने का काम करता है और यह कहावत रोहित शर्मा के लिए सही साबित हुई. साल 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने रोहित शर्मा को पहली बार ओपनिंग करने भेजा और फिर क्रिकेट की दुनिया को नया बादशाह मिल गया.
रोहित ने उस मैच बतौर ओपनर साउथ अफ्रीका के खिलाफ 81 गेंदों में 8 चौके और 1 छक्के की सहायता से 65 रनों की पारी खेली. साथ ही इस चैंपियन ट्रॉफी में रोहित शिखर धवन के बाद सबसे अधिक रन बनाने बाले दूसरे भारतीय भी रहे है. हिटमैन ने चैंपियन ट्रॉफी 2013 के 5 मैचों 177 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे.
हालांकि रोहित शर्मा ने इस टूर्नामेंट में कोई लंबी पारी नहीं खेली थी. लेकिन बतौर सलामी बल्लेबाज शर्मा जी ने जिस शैली के साथ अपना खेल दिखाया, उस आधार पर क्रिकेट जगत को एक नया रोहित शर्मा मिल गया था. इस बात की पुष्टि खुद रोहित शर्मा ने कई मौके पर की है कि अगर धोनी उनको उस मैच में ओपनिंग के लिए न भेजते तो शायद आज रोहित क्रिकेट में इतने कामयाब न होते. मौजूदा समय में रोहित शर्मा के पास वनडे में 3 दोहरे शतक हैं, जोकि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इसके अलावा टी20 इंटरनेशनल में रोहित के नाम सबसे ज्यादा 4 शतक दर्ज हैं.