क्रिकेट में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ICC ने उठाया ये कड़ा कदम
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क्रिकेट में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ICC ने उठाया ये कड़ा कदम

आईसीसी ने एक कड़ा कदम उठाते हुए खेल के समय मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में भी संचार उपकरणों, विशेषकर ‘स्मार्ट वाच’ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है

आईसीसी ने क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. (फाइल फोटो)

दुबई : क्रिकेट में भ्रष्टाचार की जड़े पिछले कुछ सालों में काफी गहरी हुईं हैं. आईपीएल में भी दो टीमों को  मैच फिक्सिंग मामले पर ही बैन लग चुका है हालाकि वे टीमें अब आईपीएल में वापसी कर चुकी हैं. लेकिनअंतरराष्ट्रीय किकेट परिषद (आईसीसी)  खेल से भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. आईसीसी ने इसी ओर अगला कदम उठाते हुए खिलाड़ियों और अधिकारियों पर खेल के समय मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में भी संचार उपकरणों, विशेषकर ‘स्मार्ट वाच’ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. 

  1. अब किसी वाईफाई उपकरण का उपयोग नहीं होगा
  2. मैदान और ड्रेसिंग रूम में इस्तेमाल पर लगा बैन
  3. इससे क्रिकेट में भ्रष्टाचार को रोकने में मदद होगी

आईसीसी ने पुष्टि की कि खिलाड़ी और मैच अधिकारियों के क्षेत्र (पीएमओए) दिशानिर्देशों के अंतर्गत मैदान में और पीएमओए के लिेए बनाये गये क्षेत्र में ‘स्मार्ट वाच’ पहनने को अनुमति नहीं दी जाएगी. आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पीएमओए में संचार उपकरणों पर रोक होगी और किसी भी खिलाड़ी को इस तरह संवाद उपकरणों को रखने या इनके इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो इंटरनेट से जुड़े हों.’’ 

खेल की संचालन संस्था ने कहा, ‘‘स्मार्ट वाच जो फोन से या वाई-फाई या फिर किसी भी उपकरण से संचार हासिल कर सकती हो, उसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसलिेए हम सभी खिलाड़ियों को याद दिलायेंगे कि उन्हें मैच के दिन मैदान पर प्रवेश करते ही इस तरह के उपकरणों को अपने मोबाइल के साथ सौंप देना चाहिए.’’ 

मैच फिक्सिंग के किसी भी तरह के आरोपों से बचने के लिेए पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लार्ड्स में पहले टेस्ट के दौरान स्मार्ट वाच पहनने से रोकने के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है.आईसीसी खिलाड़ी को मैदान पर किसी भी संचार के उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं देता और यह बात ड्रेसिंग रूम में भी लागू होती है. अधिकिारियों को विशेष उपकरण इस्तेमाल के लिेए दिए जाते हैं जिससे वे अपने साथियों के साथ बातचीत कर सकते हैं. 

यहां इस बात का जिक्र किया जा सकता है कि टीवी कैमरों में भारतीय कप्तान विराट कोहली को पिछले साल नवंबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान डगआउट में बैठकर वाकी - टाकी पर बात करते हुए देखा गया था.

उल्लेखनीय है कि मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग का साया जब भी क्रिकेट पर पड़ा है क्रिकेट सहित आईसीसी की साख को भी बहुत नुकसान हुआ है. दो साल पहले ही आईसीसी यह मान चुकी है कि अब भ्रष्टाचारी पूरे मैच की फिक्सिंग करने के बजाए स्पॉट फिक्सिंग पर ध्यान दे रहे हैं. आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के तत्कालीन प्रमुख रूनी फ्लानागन ने बताया था कि भ्रष्टाचारी न केवल गेंदबाजों को बल्कि बल्लेबाजों पर भी नजर बनाए हुए थे. 

कई गंभीर मामले हो चुके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिक्सिंग के
इसके अलावा पिछले साल दिसंबर में ब्रिटिश टेबलायड ‘द सन’ ने स्टिंग आपरेशन में कहा था कि भारत के सट्टेबाजों ने समाचार सत्र के खुफिया रिपोर्टरों को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट की स्पाट फिक्सिंग से जुड़ी सूचना बेचने की पेशकश की थी. यह मैच पर्थ में 14 से 18 दिसंबर तक खेला गया था. हालांकि जांच में कुछ भी सामने नहीं आया था. कई बार ऐसे मामले आ चुके हैं जिससे पता चलता है कि स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग की जड़े भारत और पाकिस्तान में ज्यादा गहरी हैं भारत के एस श्रीसंत स्पॉट फिंक्सिंग के ही मामले में प्रतिबंध झेलते हुए कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं. वहीं पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर और सलमान बट पर सपॉट फिक्सिंग मामले में पांच साल का प्रतिबंध लग चुका है. 

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