Brisbane Test में चोट के बावजूद Ajinkya Rahane को गेंदबाजी के लिए मना नहीं कर पाए Navdeep Saini
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Brisbane Test में चोट के बावजूद Ajinkya Rahane को गेंदबाजी के लिए मना नहीं कर पाए Navdeep Saini

तेज गेंदबाज नवदीप सैनी (Navdeep Saini) ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ सिडनी टेस्ट (Sydney) में डेब्यू किया था, लेकिन ब्रिसबेन टेस्ट (Brisbane Test) में उन्हें चोट लग गई, वो अप इस चोट से तेजी से रिकवर कर रहे हैं.

नवदीप सैनी ब्रिसबेन टेस्ट में चोटिल हो गए थे (फोटो-BCCI)

नई दिल्ली: ग्रोइन की चोट की वजह से तेज गेंदबाज नवदीप सैनी (Navdeep Saini) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट (Brisbane Test) में अपना बेस्ट प्रदर्शन नहीं कर सके थे. फिर भी इतने बड़े मौके पर फिर खेलने का मौका नहीं मिल पाने के डर से उन्होंने कप्तान के पूछने पर चोट के बावजूद 5 ओवर डाले.

  1. तेज गेंदबाज नवदीप सैनी मौका नहीं खोना चाहते थे
  2. कप्तान रहाणे के पूछने पर गेंदबाजी के लिए 'हां' कहा
  3. ब्रिसबेन में जीत के वक्त ऋषभ पंत के साथ क्रीज पर थे सैनी

कई सालों के इंतजार के बाद ऑस्ट्रेलिया (Australia) में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले 28 साल के सैनी ने कहा,‘अजिंक्य भैया ने पूछने पूछा कि क्या मैं चोट के बावजूद गेंदबाजी कर सकता हूं , मुझे तो हां कहना ही था.’ ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने जब गाबा में विजयी रन बनाये तो दूसरे छोर पर नवदीप सैनी (Navdeep Saini) थे.

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सिडनी (Sydney) में अपने पहले टेस्ट में 4 विकेट लेने के बाद सैनी को गाबा (Gabba) पर आस्ट्रेलिया की पहली पारी में चोट लगी और वह 7.5 ओवर ही डाल सके. भारतीय टीम इससे पहले ही खिलाड़ियों की फिटनेस समस्या से परेशान थी. नवदीप सैनी ने कहा,‘मैं ठीक था लेकिन अचानक चोट लग गई. मैने सोचा कि इतने अहम मैच में चोट क्यों लगी जब मुझे इतने साल बाद खेलने का मौका मिला था.’

उन्होंने कहा,‘मैं बस यही चाहता था कि चोट के बावजूद खेल सकूं. इस तरह का मौका शायद दोबारा कभी न मिले. कप्तान रहाणे ने पूछा कि क्या मैं खेल सकूंगा. मुझे दर्द था लेकिन मैने कहा कि मैं जो कर सकूंगा, करूंगा. अब मैं ठीक हो रहा हूं और जल्दी ही फिट हो जाऊंगा.’ अब तक 10 टी20 और 7 वनडे खेल चुके सैनी इंग्लैंड के खिलाफ 5 फरवरी से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के पहले 2 मैचों के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं हैं.

 

अपने 4  टेस्ट विकेटों में से सबसे कीमती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा,‘सभी विकेट खास हैं लेकिन पहला विकेट कभी नहीं भूल सकते. जब तक वह नहीं मिल जाता, आप पहले विकेट के बारे में ही सोचते रहते हैं.’ आस्ट्रेलियाई पिचों पर मिलने वाले उछाल से रोमांचित होना स्वाभाविक है. ऐसे में शॉर्ट गेंद डालने का लालच आता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट सिर्फ इतना ही नहीं है. इसमें संयम रखकर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है.’

उन्होंने कहा, ‘आस्ट्रेलिया में अच्छे प्रदर्शन के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है. वो आखिर तक हार नहीं मानते. भारतीय टीम प्रबंधन काफी सहयोगी था जिसमें कप्तान और रोहित भैया शामिल थे. उन्होंने कहा कि वैसे ही गेंदबाजी करूं, जैसी रणजी ट्रॉफी में करता हूं.’

मोहम्मद सिराज से तालमेल के बारे में उन्होंने कहा,‘वो मेरे सबसे जिगरी दोस्तों में से हैं. हमने भारत-ए के लिये काफी क्रिकेट साथ खेला है. हम गेंदबाजी के बारे में काफी बात करते हैं. वह पहले मैच में मेरी काफी मदद कर रहा था. उसने अपने पिता के निधन के बाद रूककर दिखाया कि वह कितना मजबूत है. उसकी उपलब्धि टीम के लिए काफी अहम है.’
(इनपुट-भाषा)

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