INDvsSA, Analysis: 2nd day, तेज गेंदबाजों ने एक बार फिर से दे दिया सुनहरा मौका
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INDvsSA, Analysis: 2nd day, तेज गेंदबाजों ने एक बार फिर से दे दिया सुनहरा मौका

दक्षिण अफ्रीका में जोहानिसबर्ग की इस पिच को बल्लेबाजी के लिए सबसे मुश्किल पिच बताया जा रहा है.

जसप्रीत बुमराह ने अपने तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 5 विकेट लिए. फोटो : बीसीसीआई

नई दिल्ली : टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट मैच की जंग में पिच हर पल अपना रंग बदल रही है. सभी इसे सबसे मुश्किल पिच बता रहे हैं. पुजारा तो 187 रनों को 300 के बराबर बता रहे हैं. तो पूर्व कप्तान सौरव गांगुली कह रहे हैं कि आईसीसी ऐसी पिच बनाने की अनुमति न दे. पहली पारी में टीम इंडिया 187 रनों पर ढेर हो गई तो दूसरी पारी में टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने अफ्रीका को नाकों चने चबा दिए. पूरी टीम को 194 रनों पर ढेर कर दिया. अफ्रीका को सिर्फ 7 रनों की मामूली बढ़त मिली.

  1. पहली पारी में टीम इंडिया 187 रनों पर सिमट गई
  2. दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 194 रनों पर ढेर
  3. तेज गेंदबाजों ने चटकाए सभी विकेट
     

जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की घातक गेंदबाजी से भारत ने दक्षिण अफ्रीका को भी 200 रन से कम के स्कोर पर रोककर तीसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन आज यहां शानदार वापसी की. बुमराह ने 54 रन देकर पांच विकेट लिए. वहीं भुवनेश्वर ने 44 रन देकर तीन विकेट लिए. दोनों ने मिलकर 8 विकेट बांटे.

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भारत की पहली पारी तरह दक्षिण अफ्रीका के भी केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे. उसकी पारी अनुभवी हाशिम अमला के इर्द गिर्द घूमती रही, जिन्होंने लगभग चार घंटे क्रीज पर बिताकर 61 रन बनाये. इस बीच उन्होंने नाइटवाचमैन कैगिसो रबाडा के साथ तीसरे विकेट के लिये 66 और वर्नोन फिलैंडर (35) के साथ आठवें विकेट के लिये 44 रन जोड़े. इन तीनों के बाद चौथा बड़ा स्कोर अतिरिक्त रन (23) का रहा.

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कहना होगा एक बार फिर से इस सीरीज में टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने अपना काम बखूबी किया. उन्होंने न सिर्फ मैच में टीम की वापसी कराई, बल्कि यहां से जीत की उम्मीदें भी बांध दीं. अब जिम्मेदारी बल्लेबाजों पर है. दूसरी पारी में टीम इंडिया को पहला झटका जल्दी लगा. पार्थिव ने पारी की शुरुआत की. लेकिन जल्द ही आउट हो गए. लेकिन उसके बाद मुरली और राहुल ने अफ्रीकी गेंदबाजों की एक नहीं चलने दी. दिन का खेल खत्म होने तक टीम ने 49 रन बना लिए.

1996 के बाद बिना स्पिनर दूसरा मौका
1996 के बाद जोहानिसबर्ग में ये दूसरा मौका है, जब एक टेस्ट की दो पारियों में एक भी विकेट किसी स्पिनर ने नहीं लिया. वैसे भी इस मैच में दोनों टीमों ने किसी भी स्पिनर को नहीं खिलाया है. 2006 में न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए टेस्ट मैच में भी किसी भी स्पिनर ने पहली दो पारियों में विकेट नहीं लिए थे. इस टेस्ट की दो पारियों में सभी विकेट तेज गेंदबाजों को ही मिले हैं.

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