IND vs SL : यही जीत अगर तेज पिच पर मिलती तो जीत का मजा होता दोगुना
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IND vs SL : यही जीत अगर तेज पिच पर मिलती तो जीत का मजा होता दोगुना

टीम मैनेजमेंट अगर साहस दिखाकर यहां भी तेज उछाल वाली पिच को महत्व देता तो ये दक्षिण अफ्रीका के लिए तैयारी का अच्छा मौका होता.

जीत के बाद एक दूसरे को बधाई देते टीम इंडिया के खिलाड़ी. photo : IANS

नई दिल्ली : नागपुर में भारत ने श्रीलंका को पारी और 239 रनों से हराकर टेस्ट क्रिकेट में अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल की. इससे पहले भारत के नाम सबसे बड़ी टेस्ट जीत का अंतर भी इतना ही था. तब भारत ने बांग्लादेश को हराया था. हालांकि सबसे बड़ी टेस्ट जीत का रिकॉर्ड अब भी इंग्लैंड के नाम बना हुआ है, जो कि उसे 1938 में बनाया था. तब उसे ऑस्ट्रेलिया को ओवल टेस्ट में एक पारी 579 रनों से हरा दिया था. बहरहाल हम आते हैं नागपुर टेस्ट में मिली जीत और टीम इंडिया के प्रदर्शन पर.

  1. श्रीलंका दौरे के बाद दक्षिण अफ्रीका जाएगी टीम
  2. कोहली पहले ही कम समय मिलने की बात कह चुके हैं
  3. तेज पिच रहती हैं दक्षिण अफ्रीका की

निश्चित रूप से टीम इंडिया के बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने इस मैच में कमाल का प्रदर्शन किया और टीम के नाम बड़ी जीत हासिल की. विराट ने अपना 5वां दोहरा शतक लगाया. अश्विन सबसे तेजी से 300 विकेट लेने वाले गेंदबाज बने. और भी तमाम रिकॉर्ड बने. लेकिन इस जीत के बाद भी कुछ सवाल हैं जो भी अब भी जस के तस बने हुए हैं. ये सवाल इसलिए ज्यादा अहम हैं, क्योंकि अभी भले टीम इंडिया अपराजित लग रही हो, लेकिन उसे जल्द ही दक्षिण अफ्रीका का मुश्किल दौरा करना है. जहां हमेशा ही टीम इंडिया का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है.

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श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में जैसे ही टीम इंडिया को एक चौंकाऊ और असमंजस में डाल देने वाली पिच मिली, टीम के सभी धुरंधर 172 रन की मामूली स्कोर पर धड़ाम हो गए. सभी ने पिच की आलोचना की. कमेंट्री बॉक्स में बैठे आशीष नेहरा अकेले खिलाड़ी थे, जिन्होंने कहा था ये पिच दक्षिण अफ्रीका में बहुत काम आएगी. इसके बाद मीडिया रिपोर्ट से ये खबर आई कि अब टीम दोनों टेस्ट में हरी पिच का ही इस्तेमाल करेगी. क्योंकि टीम को दक्षिण अफ्रीका में ऐसी ही पिच मिलेंगी.

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नागपुर में हरी पिच मिली भी. लगा कि इस बार फिर से गेंदबाजों की बल्ले बल्ले होगी. लेकिन ये पिच हाथी के दांतों के समान निकली, जो खाने के और दिखाने के और होते हैं. पिच रनों से भरी हुई थी. अंदाजा लगाइए टीम इंडिया की ओर से चार बल्लेबाजों ने शतक बना दिए. मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा के समय तो फिर भी पिच गेंदबाजों को मदद कर रही थी, लेकिन रविवार को जिस तरह कोहली और रोहित ने रन बनाए उस समय तो इस पिच का दम बिल्कुल निकल चुका था. ये और बात है कि श्रीलंका की ओर से कोई भी बल्लेबाज नहीं चल पाया. हालांकि इसके लिए श्रीलंका बल्लेबाजों की बेजा गलतियां और टीम इंडिया के गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी जिम्मेदार है.

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नागपुर की हरी पिच पाटा पिच के समान ही थी. जैसी पिचों पर अक्सर भारतीय गेंदबाज कमाल करते हैं. यहां हरी घास तो बिछा दी गई, लेकिन मिट्टी ऐसी थी कि पिच में कुछ अनिश्चित नहीं था. यहां टीम इंडिया कोलकाता की तरह एक और रिस्क ले सकती थी. यहां अगर बाउंसी विकेट होता तो दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम को तैयारी का एक और मौका मिल जाता.

यकीन मानिए अगर दक्षिण अफ्रीकी मैनेजमेंट ने कोलकाता की पहली पारी को ध्यान से देखा होगा तो वह निश्चित रूप से टीम इंडिया के स्वागत में ऐसी पिच बनाएंगे, जिसकी हरी घास टीम इंडिया के खिलाड़ियों के चेहरे पीले कर देगी.

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