'स्टेन गन' के बिना ही फिलेंडर ने बरसा दिए टीम इंडिया पर 'गोले', ऐसे रचा चक्रव्यूह
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'स्टेन गन' के बिना ही फिलेंडर ने बरसा दिए टीम इंडिया पर 'गोले', ऐसे रचा चक्रव्यूह

दक्षिण अफ्रीका के सबसे घातक तेज गेंदबाज डेल स्टेन की गैरमौजूदगी में भी टीम इंडिया बेहद कम स्कोर पर ऑलआउट हो गई. इस बार वर्नोन फिलेंडर की आग उगलती गेंदें टीम इंडिया के बल्लेबाजों के लिए काल साबित हुई.

केपटाउन टेस्ट मैच की दोनों पारियां मिलाकर विराट कोहली महज 33 रन बना सके. तस्वीर साभार: Reuters

नई दिल्ली: घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने के बाद दक्षिण अफ्रीका पहुंची भारतीय टीम को पहले टेस्ट मैच में ही शर्मनाक तरीके से मुंह की खानी पड़ी है. केपटाउन टेस्ट मैच में जीत के लिए मिले 208 रनों के टारगेट के सामने पूरी टीम इंडिया महज 135 रनों पर ही सिमट गई. इस मैच में स्टार बल्लेबाजों से सजी टीम इंडिया को सस्ते में समेटने में तेज गेंदबाज वर्नोन फिलेंडर ने अहम रोल निभाया. गौर करने वाली बात यह है कि दक्षिण अफ्रीका के सबसे घातक तेज गेंदबाज डेल स्टेन की गैरमौजूदगी में भी टीम इंडिया बेहद कम स्कोर पर ऑलआउट हो गई. इस बार वर्नोन फिलेंडर की आग उगलती गेंदें टीम इंडिया के बल्लेबाजों के लिए काल साबित हुई.

  1. दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 286 रन बनाए
  2. भारत ने अपनी पहली पारी में 209 रन बनाए
  3. मैच के चौथेे दिन 200 रनों के लक्ष्य के सामने टीम इंडिया 135 रनों पर ऑलआउट हुई

फिलेंडर ने इस तकनीक से भारतीय बल्लेबाजों को किया टारगेट
ये तो हम सभी जानते हैं कि भारतीय बल्लेबाज तेज गेंदबाजी के सामने बिखर जाते हैं, लेकिन यहां फिलेंडर ने भारत की दूसरी कमजोरी पर नजरें गड़ाकर निशाना साधा. क्रिकेट एक्सपर्ट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीकी मैदान पर पर चौथी पारी में पिच धीमी हो जाती है. आमतौर पर धीमी पिच पर फिलेंडर की तकनीक ज्यादा घातक नहीं होती है. शायद चोटिल होकर बीच मैच से बाहर हुए डेल स्टेन ने टीम इंडिया का पुलिंदा बांधने के लिए फिलेंडर को तकनीक बताई और वह कारगर साबित हुई.

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केटटाउन टेस्ट: वर्नोन फिलेंडर ने दूसरी पारी में भारत के 6 और पहली में 3 विकेट लिए. तस्वीर साभार: IANS

टीम इंडिया की कमजोर नस पर फिलेंडर ने साधा निशाना
तेज पिचों पर जब भारतीय बल्लेबाजों को ऑफ स्टंप पर गेंदें फेंकी जाती है तो वह बेबस साबित होती है. फिलेंडर ने टीम इंडिया की इसी कमजोर नस को भांप लिया और उसी पर निशाना साधा. टीम इंडिया के पिछले दक्षिण अफ्रीकी दौरों पर नजर डालें तो डेल स्टेन ने भी इसी तकनीक को अपनाकर भारतीय टीम को बेबस किया था. इस बार भी टीम इंडिया की यही कमजोरी सामने आई है.

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भुवनेश्वर-बुमराह की गेंदें देखकर विरोधी ने बनाया होगा प्लान
दक्षिण अफ्रीका जब दूसरी पारी में बैटिंग कर रही थी तो भारत के भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह काफी घातक साबित हुए. भारत के दोनों गेंदबाज बल्लेबाज के शरीर से दूर गेंदें डाल रहे थे, जो कारगर साबित हुए. भारतीय टीम जब बैटिंग करने आई तो र्दक्षिण अफ्रीकी बॉलरों ने भी यही तकनीक अपनाई.

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सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारत को 72 रनों से हराने के बाद दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों ने कुछ इस अंदाज में जश्न मनाया. तस्वीर साभार: Reuters

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ओवर कांफिडेंस भी टीम इंडिया पर पड़ी भारी
पिछले साल भारतीय टीम ने ज्यादातर सीरीज होम ग्राउंड पर खेली और जीत दर्ज की. इसके बाद भारत के कोच रवि शास्त्री से लेकर कप्तान विराट कोहली तक कहने लगे थे कि अब टीम इंडिया तेज पिचों पर भी जीत दर्ज करने के लिए तैयार है. केपटाउन टेस्ट मैच में शिखर धवन, मुरली विजय और रोहित शर्मा ने दोनों पारियों में जिस तरह से अपना विकेट गंवाया उसे देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि उन्हें पिच की सही परख नहीं थी. वे भारतीय पिचों की तरह शॉट सलेक्शन करते दिखे.

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