एंडी रॉबर्ट्स ने बताई बुमराह की सबसे बड़ी खासियत, कहा- भारत में फिर नहीं होगा ऐसा बॉलर
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एंडी रॉबर्ट्स ने बताई बुमराह की सबसे बड़ी खासियत, कहा- भारत में फिर नहीं होगा ऐसा बॉलर

सर एंडी रॉबर्ट्स वेस्टइंडीज की उस बॉलिंग यूनिट का हिस्सा थे, जिसमें माइकल होल्डिंग, जोएल गार्नर, कॉलिन क्राफ्ट और मैल्कम मार्शल शामिल थे.

जसप्रीत बुमराह ने 2018 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. वे तब से 11 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और इनमें 55 विकेट ले चुके हैं. (फोटो: iANS)

नई दिल्ली: जसप्रीत बुमराह ने वेस्टइंडीज के खिलाफ (India vs West Indies) पहले टेस्ट की दूसरी पारी में पांच विकेट झटके. इसके साथ ही उन्होंने अपने छोटे से करियर में ही वह उपलब्धि अपने नाम कर ली, जो वसीम अकरम जैसे दिग्गज अपने पूरे करियर में हासिल नहीं कर पाए. जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) उन चुनिंदा गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज में पांच-पांच विकेट का हॉल अपने नाम किया है. वेस्टइंडीज की पेस चौकड़ी में शामिल रहे सर एंडी रॉबर्ट्स (Andy Roberts) ने बताया कि आखिर बुमराह में ऐसी क्या खासियत है, जो उन्हें इतना खतरनाक बनाती है. 

सर एंडी रॉबर्ट्स ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया, ‘मेरे समय में भारत का आक्रमण स्पिन आधारित था. यह अच्छा था, पर वे इसके दम पर विदेश में नहीं जीत पाते थे. भारत में कपिल देव जैसे गेंदबाज भी आए. लेकिन हमें कभी नहीं लगा कि वे बुमराह जैसा खतरनाक गेंदबाज पैदा कर पाएंगे. मैंने जितने भारतीय गेंदबाजों को देखा है वह उनमें सबसे बेहतरीन है.’ एंडी रॉबर्ट्स ने 1974 से 1983 के बीच 47 टेस्ट खेले और इनमें 202 विकेट लिए. 

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एंडी रॉबर्ट्स ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘बुमराह को अनोखा रनअप और एक्शन उन्हें खतरनाक बनाता है. बुमराह के इस गैरपारंपरिक रनअप और एक्शन के चलते बल्लेबाज को संभलने में वक्त लगता है. कई बार इससे बल्लेबाजों की मानसिक लय टूट जाती है. लेकिन इससे भी ज्यादा एक और अहम चीज है जो बुमराह को खतरनाक बनाती है. वह है, उसका गेम सेंस.’ रॉबर्ट्स उस बॉलिंग यूनिट का हिस्सा थे, जिसमें माइकल होल्डिंग, जोएल गार्नर, कॉलिन क्राफ्ट और मैल्कम मार्शल शामिल थे. 

जसप्रीत बुमराह ने 2018 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. वे तब से 11 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और इनमें 55 विकेट ले चुके हैं. एंडी रॉबर्ट्स ने कहा, ‘एक पल के लिए बुमराह के एक्शन को भूल जाइए. इसके बावजूद वह क्लासिक बॉलर है. वह गेंद को इनस्विंग कराता है. आउटस्विंग भी कराता है. उसके पास गति है. उसके पास सटीक यार्कर है. सबसे बड़ी बात यह कि उसे पता है कि कब कहां पर कैसी गेंदबाजी करनी है. वह क्विक लर्नर है. उसने छोटे से करियर में तेजी से चीजें सीखी हैं.’ 

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क्या बुमराह वेस्टइंडीज की उस टीम में शामिल हो सकते थे, जो अपनी तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर थी? इस सवाल के जवाब में रॉबर्ट्स ने कहा कि यकीनन ऐसा संभव था. उसका रनअप, एक्शन विंडीज की टीम को विविधता देता. उन्होंने कहा, ‘उनका एक्शन अजीब है और मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा. मुझे उनके एक्शन की मैकेनिक्स को समझना पड़ेगा. लेकिन यदि वह उस दौर में विंडीज में पैदा हुआ होता तो हम उसे टीम में जरूर शामिल करते. बुमराह की विविधता ही एक ऐसी चीज है, जो हमारी टीम में नहीं थी. मुझे नहीं लगता कि भारत दुबारा बुमराह जैसा गेंदबाज पैदा कर पाएगा. 

एंब्रोस को याद आए कर्टनी वॉल्श 
कर्टली एंब्रोस ने कहा कि बुमराह को देखकर उन्हें कर्टनी वॉल्श की याद आती है. वह बहुत अच्छे से अपनी गेंदों की लेंथ बदलते हैं. लेकिन ऐसा करते वक्त उनकी लाइन हमेशा सटीक रहती है. इससे बल्लेबाज की मुश्किल बढ़ जाती है. एंब्रोस ने कहा, ‘मैंने विश्व कप में उन्हें (बुमराह) को गेंदबाजी करते देखा है. वे समय और परिस्थिति के मुताबिक अपनी गेंदबाजी तेजी से बदलते हैं. यह ऐसी खासियत है, जिसे सीखने में बरसों लग जाते हैं. लेकिन बुमराह ने ऐसा बहुत जल्दी सीख लिया है.’

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