INDvsAUS: द्रविड़ ने गांगुली से पूछा, कैसे लगाया शतक और अगले मैच में जमा दिया दोहरा शतक
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INDvsAUS: द्रविड़ ने गांगुली से पूछा, कैसे लगाया शतक और अगले मैच में जमा दिया दोहरा शतक

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार (6 दिसंबर) को सुबह 5.30 बजे से एडिलेड में पहला टेस्ट खेला जाना है. भारत यहां सिर्फ एक टेस्ट जीता है, जिसमें राहुल द्रविड़ ने दोहरा शतक और वीवीएस लक्ष्मण ने शतक बनाया था. 

सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़. (फाइल फोटो)

एडिलेड: चंद घंटों बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होने जा रही है. यह संयोग ही है पहला टेस्ट एडिलेड के उस मैदान पर खेला जा रहा है, जहां भारत जीत दर्ज कर चुका है. हालांकि, भारत यहां 11 टेस्ट में से सिर्फ एक ही जीता है, लेकिन वह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी. यह जीत ऑस्ट्रेलिया में भारत की 22 साल साल बाद मिली पहली जीत थी. दिलचस्प बात यह है कि इस जीत के हीरो वही दो खिलाड़ी थे, जिन्होंने दो साल पहले कोलकाता के ईडन गार्डन पर इतिहास रचा था. ईडन के मुख्य हीरो 281 रन बनाने वाले वीवीएस लक्ष्मण थे और तब राहुल द्रविड़ ने 180 रन बनाकर उनके सहयोगी की भूमिका निभाई थी. लेकिन एडिलेड में इन दोनों ने अपनी भूमिका थोड़ी बदल ली थी. 

टीम इंडिया सौरव गांगुली की कप्तानी में 2003 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई. यह क्रिकेट का वह एरा था, जब स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का दुनियाभर में खौफ था. सौरव गांगुली अपनी किताब अ सेंचुरी इज नॉट इनफ (A Century Is Not Enough) में लिखते हैं, ‘हम जब ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो बतौर कप्तान मेरे दिमाग में यह स्पष्ट था कि वॉ की इस टीम से मुकाबला आसान नहीं होगा. वॉ की यह टीम तो सीरीज के पहले ही टेस्ट में विरोधी टीमों को सिर्फ हराती नहीं थी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी कुचल देती थी. इसलिए मैंने सोचा कि हमें परिणाम से डरे बिना पूरी आक्रामकता के साथ इस टीम का मुकाबला करना चाहिए.’ गांगुली की यह आक्रामकता पहले टेस्ट में दिखी भी और उन्होंने 144 रन की पारी खेलकर मैच ड्रॉ करा लिया. 

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4 विकेट से जीता था भारत
सीरीज का दूसरा टेस्ट 12 दिसंबर से एडिलेड में खेला गया. ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच की पहली पारी में 556 रन का विशाल स्कोर बनाया. भारतीय टीम जब बैटिंग करने उतरी तो उसके कट्टर प्रशंसक भी तब यह दुआ कर रहे थे कि भारत अगर यह मैच ड्रॉ करा ले तो बड़ी बात होगी. लेकिन 2001 के ईडन गार्डन के हीरो वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के इरादे कुछ और ही थे. द्रविड़ ने इस मैच में 233 और लक्ष्मण ने 148 रन बनाए. भारत की पारी 523 पर खत्म हुई. इसके बाद अजित आगरकर (6 विकेट) की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 196 रन पर समेट दी. भारत को 230 रन का लक्ष्य मिला, जो चैंपियन आस्ट्रेलिया के सामने आसान तो नहीं ही कहा जा सकता था. लेकिन राहुल द्रविड़ एक बार फिर दीवार की तरह डट गए और 73 रन पर नाबाद रहते हुए 4 विकेट से मैच जिता लिया. 

 

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वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर (फोटो: PTI) 

आगरकर के 6 विकेट, आकाश का लाजवाब कैच 
सचिन तेंदुलकर इस मैच के बारे में अपनी किताब प्लेइंग इट माय वे (Playing It My Way) लिखते हैं, ‘राहुल असाधारण अंदाज में खेले. लक्ष्मण का खेल भी लाजवाब था. इससे हमें मार्च 2001 में ईडन गार्डन में राहुल और लक्ष्मण की साझेदारी याद आ गई. हालांकि इस बार भूमिकाएं बदल गई थी क्योंकि राहुल ने दोहरा शतक जमाया और लक्ष्मण ने शतक. मैं केवल 6 गेंद (1 रन) खेल पाया. ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी मुंबई के साथी अजित आगरकर के नाम रही. उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए हमारे लिए मैच तैयार किया. हमने कुछ आश्चर्यजनक कैच भी लिए. अजित की गेंद पर आकाश चोपड़ा ने जो कैच लिया था, वह देखते ही बनता था. मैंने भी लेग स्पिन गेंदबाजी करते हुए दो महत्वपूर्ण योगदान दिया. स्टीव वॉ और डेमियन मार्टिन को स्लिप में कैच करा दिया. अब जीतने का दारोमदार बल्लेबाजों पर था. राहुल एक बार फिर चमके और मैंने लेग स्पिनर स्टूअर्ट मैकगिल की गेंद पर एलबीडब्ल्यू होने से पहले 37 रनों का योगदान दिया.

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आकाश चोपड़ा की बैटिंग भी बेहतरीन थी 
सचिन तेंदुलकर आगे लिखते हैं, ‘हमें सीरीज में 1-0 की बढ़त मिल गई थी. हम देर तक ड्रेसिंग रूम में बने रहे. हर पल का आनंद लिया. इतिहास में कभी भी हमने ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-0 की बढ़त नहीं ली थी. हमने खेल के हर पहलू में ऑस्ट्रेलिया को पटकनी दी थी. अब हमारे पास सीरीज जीतने का बहुत अच्छा मौका था, बशर्ते हम आगे भी अपनी सर्वश्रेष्ठ स्तर पर खेलते रहे. राहुल और लक्ष्मण शानदार फॉर्म में थे. वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली दोनों ने ही दोनों टेस्ट मैच में महत्वपूर्ण योगदान दिया. हमारे दूसरे आकाश चोपड़ा ने भी नई गेंद को पुराना करने का अच्छा काम किया था. 

भगवान की तरह बैटिंग कर रहे हैं द्रविड़ : गांगुली
सौरव गांगुली अपनी किताब (A Century Is Not Enough) में लिखते हैं, ‘मैच के बाद कोलकाता के एक रिपोर्टर ने मुझसे कहा कि राहुल द्रविड़ का कहना है कि जब ऑफ साइड के बाहर खेलने की बात हो तो वे (गांगुली) ‘ऑफ साइड के खुदा’ हैं. अब आप द्रविड़ की बैटिंग के बारे में क्या कहना चाहेंगे? मैंने जवाब दिया कि राहुल भगवान की तरह बैटिंग कर रहे हैं.’ 

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सौरभ ने अपनी किताब में यह भी लिखा है, ‘जब मैंने पहले टेस्ट मैच में शतकीय की पारी खेली, तो राहुल द्रविड़ ने मुझे लॉबी में ही रोक लिया. उन्होंने पूछा कि तुमने यह शतक कैसे बनाया. आखिर इसके लिए क्या होमवर्क किया. मैं ऐसा क्या करूं कि अगले टेस्ट में शतक बना पाऊं.’ गांगुली ने अपने जवाब के बारे में नहीं लिखा है. लेकिन यह अब इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है  कि राहुल द्रविड़ ने अगले मैच में ना सिर्फ शतक बनाने की इच्छा पूरी की, बल्कि इसे दोहरे शतक में बदला और भारत को ऑस्ट्रेलिया में 22 साल बाद मैच जिताया. 

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