INDvsENG: ओवल टेस्ट में टीम इंडिया की हार के 5 कारण
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INDvsENG: ओवल टेस्ट में टीम इंडिया की हार के 5 कारण

ओवल टेस्ट में इंग्लैंड के 464 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के केवल 2 रन पर तीन अहम विकेट गिर गए थे. 

विराट कोहली के लिए यह सीरीज बतौर कप्तान काफी निराशाजनक रही. (फोटो: Reuters)

ओवल (लंदन): भारत-इंग्लैंड के बीच हुई टेस्ट सीरीज के आखिरी मैच में इंग्लैंड की रोमांचक जीत हुई. एक समय में लग रहा था कि टीम इंडिया यह मैच ड्रॉ करने में कामयाब हो जाएगी, लेकिन इंग्लैंड ने 464 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया को 345 रनों पर समेट दिया और 118 रनों से टेस्ट मैच जीतकर सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली. मैच के चौथे दिन ही इंग्लैंड टीम इंडिया पर हावी हो गई थी लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने बढ़िया मुकाबला किया और इंग्लैंड को बड़ी जीत से रोका.

  1. इंग्लैंड ने दिया भारत को जीत के लिए 464 रनों का लक्ष्य
  2. भारत ने जवाब में बनाए हैं तीन विकेट पर 58 रन
  3. केएल राहुल तेजी से खेलकर पहुंचे अर्धशतक के करीब

मैच में टीम इंडिया 464 रनों के कठिन लक्ष्य का पीछा करते हुए अपनी दूसरी पारी की शुरुआत में ही संकट में आ गई थी, जब केवल दो रन के स्कोर पर उसके तीन अहम बल्लेबाज पवेलियन लौट गए. इसके बाद सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (नाबाद 46) ने शानदार बल्लेबाजी की और दिन का खत्म होने तक भारत ने मैच की चौथी पारी में तीन विकेट के नुकसान पर 58 रन बनाकर कुछ हद तक वापसी के संकेत दिए लेकिन पांचवे दिन टीम इंडिया की हार को टाल नहीं सकी. 

यह मैच कई उतार चढ़ाव से भरपूर रहा है हालाकि ज्यादातर इंग्लैंड ही टीम इंडिया पर हावी रहा. टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने भी कुछ मौकों पर वापसी के संकेत दिए. लेकिन आखिरकार इंग्लैंड खुद को मैच में इंग्लैंड को इतना आगे ले गया, कि वहां से टीम इंडिया की वापसी मुश्किल होती चली गई. मैच के चौथे दिन के अंत तक ही इंग्लैंड भारत पर पूरी तरह से हावी हो गया था. टीम इंडिया की हार के पांच कारण खास रहे. 

1  भारतीय बल्लेबाजी, खासकर शीर्षक्रम की नाकामी
इस मैच में टीम इंडिया की हार का सबसे खास कारण टीम इंडिया की बल्लेबाजी में नाकामी ही रहा. भारतीय बल्लेबाज, खास तौर पर शीर्षक्रम, बल्लेबाजी के लिए माकूल पिच पर बुरी तरह नाकाम रही. वह तो हनुमा विहारी और रवींद्र जडेजा ने टीम इंडिया को सम्मानजनक वापसी दिला दी वरना टीम इंडिया की चौथे दिन ही हार हो सकती थी.  शिखर धवन पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में केवल 1 रन बनाकर आउट हुए. चेतेश्वर पुजारा ने भी पहली पारी में केवल 37 रन ही बनाए थे, तो दूसरी पारी में वे खाता खोलने में भी नाकाम रहे. यही हाल

2  भारतीय गेंदबाजों को इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर पूरी तरह से हावी न हो पाना
इस मैच में भारतीय गेंदबाजों ने कोई बहुत खराब गेंदबाजी नहीं, बल्कि बढ़िया गेंदबाजी ही की, लेकिन वे जरूरी मौकों पर अपना श्रेष्ठ नहीं दे सके जो टीम इंडिया के लिए भारी पड़ गया. पहली पारी में कुक और मोईन अली की साझेदारी और दूसरी पारी में कुक और रूट की साझेदारी को न तोड़ पाना भारतीय गेंदबाजों को बहुत महंगा पड़ गया. हालांकि टीम ने चौथे दिन कुक और रूट के आउट होने के बाद इंग्लैंड को तेजी से रन बनाने नहीं दिए, लेकिन तब तक शायद काफी देर हो चुकी थी. 

3  नाजुक मौकों को टीम इंडिया का न भुना पाना, फिल्डिंग में हुई कई अहम चूकें
टीम इंडिया कई मौकों को भुनाने में नाकाम रही. इसमें सबसे उल्लेखनीय अजिंक्य रहाणे का इंग्लैंड के कप्तान जो रूट का कैच छोड़ना रहा. पारी के 56 वें ओवर में जडेजा की गेंद पर अजिंक्य रहाणे ने स्लिप पर रूट का कैच छोड़ा. इस समय तक इंग्लैंड का स्कोर दो विकेट के नुकसान पर 158 रन हो गया था. जो रूट 46 रन पर थे. इसके बाद रूट ने अपना शतक लगाया और कुक के साथ 259 रनों की साझेदारी भी की. इसके अलावा केएल राहुल और ऋषभ पंत का भी मैच में अहम मुकाम पर विकेट गिरा जिससे मैच इंग्लैंड के पक्ष में चला गया. 

4 ईशांत शर्मा का ऐन मौके पर चोटिल होना
ईशांत शर्मा दूसरी पारी में केवल 8 ओवर ही फेंक सके. चौथे दिन केवल एक ही ओवर फेंकने के बाद उनके पैर में तकलीफ हुई और वे फिर मैदान पर गेंदबाजी नहीं कर सके. उन्हें टखने में चोट के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा. ईशांत की अनुपस्थिति का असर टीम इंडिया की गेंदबाजी में साफ तौर पर दिखाई दिया. इसका फायदा एसिस्टर कुक और जो रूट ने बखूबी उठाया और 259 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में ला दिया.

5  विराट कोहली की खराब कप्तानी
इस मैच में विराट की कप्तानी का खासा असर भी दिखा. विराट ने सबसे बड़ी गलती तीसरे दिन ही रिव्यू लेने में जल्दबाजी की और अपने रिव्यू गंवा दिए. गेंदबाजी में बदलाव में भी विराट के फैसले कुछ खास प्रभाव नहीं दिखा सके.  फिल्डिंग पर भी कई मौकों में विराट की चूक दिखाई दी. हालाकि ऐसा नहीं रहा कि विराट हमेशा ही गलत फैसले लेते रहे. कई बार ऐसा भी लगा कि वे बेहतर फैसले ले सकते थे. 

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