INDvsENG: क्यों पिच नहीं पढ़ पा रहे विराट कोहली, प्लेइंग XI बनी टीम इंडिया की अनसुलझी पहेली
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INDvsENG: क्यों पिच नहीं पढ़ पा रहे विराट कोहली, प्लेइंग XI बनी टीम इंडिया की अनसुलझी पहेली

भारतीय टीम ने इंग्लैंड दौरे पर चौथा टेस्ट छोड़कर सारे मैच में प्लेइंग इलेवन बदला है. अब तक के नतीजों से साफ है कि वह ऐसा करने से पहले पिच पढ़ने में गलती कर रही है. 

विराट कोहली (फाइल फोटो)

लंदन: बैटिंग में लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहे विराट कोहली की बतौर कप्तान पहली पहचान प्लेइंग इलेवन में बदलाव की है. उन्होंने अब तक 39 टेस्ट में कप्तानी की है. इसमें लगातार 38 मैच में अपनी प्लेइंग इलेवन बदल चुके हैं. साउथम्पटन में खेला गया पिछला मैच बस इसका अपवाद है, जब उन्होंने टीम नहीं बदली. टीम बदलने से जुड़े सवालों पर कप्तान या टीम मैनेजमेंट का रटारटाया एक ही जवाब होता है कि उन्होंने ऐसा पिच, मौसम और खिलाड़ी की फॉर्म को देखकर किया. जवाब पर भरोसा नहीं करने का कोई कारण नहीं है. लेकिन यह तय है कि कम से कम विदेशी दौरों पर टीम इंडिया पिच को पढ़ने में बार-बार गलती कर रही है. भारत और इंग्लैंड 7 नवंबर से पांचवें टेस्ट में आमने-सामने होंगे. 

  1. पहला टेस्ट केवल 31 रन से हारी थी टीम इंडिया
  2. दूसरे टेस्ट में पारी और 159 रनों से मिली थी हार
  3. तीसरे टेस्ट में वापसी कर 203 रनों से जीता था भारत

टीम प्रबंधन भी नहीं दे पा रहा कप्तान का साथ 
हम इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में देख सकते हैं कि टीम इंडिया के कॉम्बिनेशन में कुछ ना कुछ कमी रह जा रही है. खासकर टीम स्पिनर चुनने में गलती कर रही है. यह गलती पिच सही ढंग से नहीं पढ़ पाने से हो रही है. हालांकि, इसके लिए सिर्फ कप्तान विराट कोहली को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. उनका साथ देने के लिए टीम में तीन-तीन कोच मौजूद हैं. हेड कोच रवि शास्त्री तो तेजतर्रार और शातिर कोच-खिलाड़ी में गिने जाते हैं. लेकिन ये सभी पिच पढ़ने में नाकाम रहे हैं.

जानिए, सिर्फ पिच नहीं पढ़ पाने के चलते कैसे हार गई टीम इंडिया

1 चौथा टेस्ट: टीम इंडिया का खली स्पिनर की कमी 
साउथम्पटन में खेले गए मैच में दोनों टीमों की प्लेइंग XI में कहने को तो बस एक ही फर्क था. यह अंतर था दोनों टीमों के स्पिनरों का. मेजबान इंग्लैंड इस मैच में दो स्पिनरों को लेकर मैदान पर उतरा. जबकि, स्पिन अटैक के दम पर 100 से अधिक टेस्ट जीत चुकी भारतीय टीम के प्लेइंग इलेवन में एक ही स्पिनर था. मजेदार बात यह रही है मैच में सारा अंतर इंग्लैंड के इस 'एक्स्ट्रा' स्पिनर मोईन अली (9 विकेट लिए) ने ही पैदा किया. जाहिर है, टीम इंडिया से पिच पढ़ने में गलती हो गई थी. 

2 दूसरा टेस्ट: जबरन उतार दिया दूसरा स्पिनर 
लॉर्ड्स में खेले गए इस मैच के पहले दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो सका. दूसरे दिन भी बादल छाए हुए थे. भारतीय टीम प्रबंधन इस आसान से दिख रहे समीकरण को नहीं समझ सका. उसने मैच में दो स्पिनर उतारे. अश्विन के साथ कुलदीप यादव को मौका दिया. पिच पर स्पिनर के लिए कोई मदद नहीं थी. उस पर मौसम की मार. हाल 'करेला, वो भी नीम चढ़ा' वाला हो गया. कुलदीप यादव तो क्या मैच में किसी भी स्पिनर को विकेट नहीं मिला. एक मैच बाद कुलदीप को टीम से ही बाहर कर दिया गया. 

2 पहला टेस्ट: कुलदीप और पुजारा को ना चुनना महंगा पड़ा 
इस मैच में बर्मिंघम की पिच पर स्पिनर के लिए मदद थी. लेकिन टीम इंडिया शायद पहले से तय कर चुकी थी कि वह एक स्पिनर और चार पेसर के साथ उतरेगी. इस मैच में विराट ब्रिगेड ने सिर्फ एक स्पिनर अश्विन को मौका दिया. अश्विन मैच में दोनों टीम की ओर से सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. उन्होंने मैच में सात विकेट झटके. भारत को पहली पारी में आठवें और दूसरी पारी में चौथे ओवर में ही कामयाबी दिलाई. लेकिन अश्विन की मदद के लिए दूसरे छोर पर कोई स्पिनर नहीं था. इसका नतीजा यह रहा कि भारत यह मैच 31 रन से हार गया. वैसे तो इस मैच में चेतेश्वर को भी ना चुना जाना गलती थी, पर इसकी चर्चा फिर कभी...

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