खिलाड़ियों के साथ कोहली की नाइंसाफी
बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, ‘कोहली को पिछले कुछ समय से ड्रेसिंग रूप में पूरा सपोर्ट नहीं मिला है. उनको करीब से देखने वालों का मानना है कि उनकी वर्किंग स्टाइल में लचीलापन नहीं है. साउथम्पटन में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दो स्पिनरों के साथ उतरना हो या 2019 वर्ल्ड कप से पहले चौथे स्थान पर किसी खिलाड़ी को स्थापित नहीं होने देना, उनके अंदर लचीलेपन की कमी देखने को मिलती है. भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में भले ही 2-1 की बढ़त बनाई हो, लेकिन दुनिया के नंबर एक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाने के फैसले पर सवाल उठते हैं.
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट से पहले उन्हें पूरा समर्थन हासिल था, लेकिन उस मैच में भारत के 36 रन पर सिमटने और फिर कोहली के पैटरनिटी लीव पर जाने से काफी चीजें बदल गईं. किसी ने खुलकर नहीं कहा लेकिन भारत ने जब अपनी बेस्ट टीम के साथ खेला और वो ऑस्ट्रेलिया से पिछड़ गई तब खिलाड़ियों का मनोबल गिरा हुआ था. लेकिन खिलाड़ी अधिक एकजुट महसूस कर रहे थे. कोहली जब इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टीम से जुड़े तो उन्हें पता था कि युवा खिलाड़ियों ने अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन से अपनी छाप छोड़ी है.
अच्छे लीडर नहीं है विराट कोहली?
एक पूर्व खिलाड़ी ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा था, 'विराट के साथ समस्या कम्यूनिकेशन की है. महेंद्र सिंह धोनी के मामले में, उसका कमरा 24 घंटे खुला रहता था और खिलाड़ी अंदर जा सकता था, वीडियो गेम खेल सकता था, खाना खा सकता था और जरूरत पड़ने पर क्रिकेट के बारे में बात कर सकता था.' उन्होंने कहा, 'मैदान के बाहर कोहली से कॉन्टैक्ट कर पाना बेहद मुश्किल है’. पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'रोहित में धोनी की झलक है लेकिन अलग तरीके से. वह जूनियर खिलाड़ियों को खाने पर ले जाता है, जब वह निराश होते हैं तो उनकी पीठ थपथपाता है और उसे खिलाड़ियों के मानसिक पहलू के बारे में पता है'.
खिलाड़ियों का साथ नहीं देते कोहली
पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘जहां तक जूनियर खिलाड़ियों का सवाल है तो कोहली के खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वह मुश्किल समय में उन्हें मझधार में छोड़ देते हैं. एक अन्य क्रिकेटर ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट के बाद कुलदीप यादव योजनाओं से बाहर हो गया. ऋषभ पंत जब फॉर्म में नहीं था तो उसके साथ भी ऐसा ही हुआ. भारतीय पिचों पर ठोस प्रदर्शन करने वाले सीनियर गेंदबाज उमेश यादव को कभी यह जवाब नहीं मिला कि किसी के चोटिल नहीं होने तक उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया जाता'.
कोहली पर मंडरा रहा है खतरा
विराट कोहली ने नवंबर 2019 के बाद से एक भी शतक लगाने में नाकाम रहे हैं. कप्तानी का दबाव इतना है कि उनके खेल पर इसका असर पड़ने लगा है. अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वनडे इंटरनेशनल में भी उन्हें ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है और वह इस फॉर्मेट की कप्तानी भी छोड़ सकते हैं. बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, 'विराट को पता है कि अगर टीम यूएई में टी20 वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो उन्हें लिमिटेड ओवरों की कप्तानी से हटाया जा सकता है'.