2011 तक यहां हारती रही टीम इंडिया, फिर क्या इस मंदिर ने बदल दिया 'भाग्य'?
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2011 तक यहां हारती रही टीम इंडिया, फिर क्या इस मंदिर ने बदल दिया 'भाग्य'?

''इस मंदिर का निर्माण 2011 में किया गया क्योंकि भारतीय टीम और आईपीएल की तत्कालीन स्थानीय फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स इस मैदान पर मैच नहीं जीत रहे थे.'' 

स्टेडियम के अंदर मंदिर ने बदला भारतीय टीम का ‘भाग्य’ (PIC : IANS)

हैदराबाद: जीवन के किसी भी क्षेत्र में जब किसी तरह की परेशानी आती है तो सब कुछ सही करने के लिए भगवान की शरण में जाना आम बात है और खेल भी इससे अछूता नहीं है. लेकिन एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के अंदर मंदिर होना, थोड़ा अजीब लगता है. उप्पल के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में घुसते ही आपको ऐसा मंदिर दिखेगा. इस स्टेडियम में अभी भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा टेस्ट मैच चल रहा है. 

आम दिनों में भले ही किसी का ध्यान इस तरफ नहीं जाए लेकिन मैच के दिनों में अक्सर ही यह मंदिर ध्यान आकृष्ट कर देता है. इस मंदिर के पीछे की कहानी के बारे पूछे जाने पर पुजारी हनुमंत शर्मा ने कहा, ''इस मंदिर का निर्माण 2011 में किया गया क्योंकि भारतीय टीम और आईपीएल की तत्कालीन स्थानीय फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स इस मैदान पर मैच नहीं जीत रहे थे.'' 

उन्होंने कहा, ''यह घरेलू टीमों के लिए अशुभ मैदान साबित हो रहा था. तब पाया गया यहां वास्तुदोष है. भगवान गणेश वास्तुशास्त्र के देवता है. आप 2011 के बाद का रिकॉर्ड देख लो, भारतीय टीम यहां कभी नहीं हारी.'' 

आंकड़ों के अनुसार भारत ने इस मैदान पर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 2005 में खेला था. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस वन-डे मैच में भारत पांच विकेट से हार गया था. इसके बाद भारतीय टीम 2007 और 2009 में ऑस्ट्रेलिया से भी पराजित हो गयी थी. 

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भारत ने 14 अक्टूबर 2011 को यहां इंग्लैंड को हराया और श्रीलंका को भी छह विकेट से पराजित किया. इसी तरह से 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैदान पर खेला गया पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था. इसके बाद भारत ने यहां पर जो तीन टेस्ट मैच खेले उनमें बड़े अंतर से जीत दर्ज की. वर्तमान टेस्ट में वेस्टइंडीज की शुरुआत देखकर लगता है कि यह क्रम आगे भी जारी रहेगा. 

हनमंत से पूछा गया कि क्या भारत का कोई दिग्गज खिलाड़ी यहां पूजा करने के लिए आता है, उन्होंने कहा, ''महेंद्र सिंह धोनी अभ्यास सत्र के बाद यहां आकर भगवान गणेश का आशीर्वाद लेते हैं. जो अन्य नाम मेरे ध्यान में आ रहा है वह कर्ण शर्मा का है.'' 

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