महेंद्र सिंह धोनी राजस्थान के खिलाफ मैच में नो बॉल पर विवाद होने पर मैदान के भीतर जाकर अंपायरों से बहस करने लगे थे.
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जयपुर: राजस्थान की टीम के खिलाफ गुरुवार को हुए इंडियन टी20 लीग (आईपीएल) के मैच में महेंद्र सिंह धोनी का अंपायर के साथ विवाद हुआ जिसे लेकर पूर्व खिलाड़ियों ने नाराजगी जाहिर की है. विवाद के कारण धोनी पर जुर्माना भी लगाया गया और उनकी 50 प्रतिशत मैच फीस काट ली गई. हालांकि, चेन्नई यह मैच चार विकेट से जीतने में कामयाब रहा. यह धोनी की आईपीएल में बतौर कप्तान 100वीं जीत थी.
चेन्नई की पारी के आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर अंपायर उल्हास गांधे ने बेन स्टोक्स की फुल टॉस गेंद को बीमर मानकर नो बॉल दिया लेकिन तुंरत ही वे इससे मुकर गए. इसके बाद, बल्लेबाज रवींद्र जडेजा अंपायर से बात करने लगे. तब तक धोनी सीएसके के डगआउट से उठकर मैदान में आ गए. वे काफी गुस्से में दिख रहे थे. उन्होंने दोनों मैदानी अंपायरों से बहस भी की, लेकिन दोनों अंपायर अपने फैसले पर कायम रहे और चेन्नई को नो बॉल नहीं मिली.
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इंग्लैंड के कप्तान माइकल वॉन समेत कई क्रिकेटरों ने धोनी की इस हरकत के लिए आलोचना की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है. एक कप्तान को डगआउट से बाहर आकर पिच पर नहीं पहुंचना चाहिए. बतौर कप्तान आपको अंपायर के फैसले का सम्मान करना चाहिए. यह विरोध करने का बहुत बुरा उदाहरण था. हो सकता है कि भविष्य में कभी उन्हें अपनी इस गलती का अहसास हो.’ पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने भी धोनी के विरोध के तरीके को गलत बताया.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर माइकल स्लेटर ने कहा, ‘मैं नहीं कह सकता कि मैंने ऐसा होते हुए पहले कभी देखा है. आप कभी भी कप्तान को पिच पर आकर अंपायर से चर्चा करते हुए नहीं देखेंगे. अविश्वसनीय.’ आकाश चोपड़ा, हेमांग बदानी ने भी धोनी के विरोध के तरीके को गलत बताया.
पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने भी स्लेटर की बातों को दोहराते हुए कहा, ‘उनके पास चौथे अंपायर और मैच रैफरी से बात करने का पूरा अधिकार है. लेकिन मैच के बीच में इस तरह से मैदान पर आना सही नहीं है. आपके साथ गलत हुआ है, यह सोचकर आप वो चीजें नहीं कर सकते जिसकी आपको आज्ञा न हो.’
(आईएएनएस)