कर्नाटक को रणजी क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने वाले कृष्णप्पा गौतम ने खींचा सबका ध्यान
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कर्नाटक को रणजी क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने वाले कृष्णप्पा गौतम ने खींचा सबका ध्यान

बल्लेबाजों के हावी रहते कर्नाटक और रेलवे मैच में कृष्णप्पा गौतम के शानदार प्रदर्शन ने कर्नाटक को जीत दिला दी

कृष्णप्पा गौतम ने रणजी ग्रुप मैच में रेलवे को हराने में खास भूमिका निभाई है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : मकाबला रणजी ट्रॉफी के ग्रुप-ए के मैच में कर्नाटक और रेलवे के बीच था. मैच में बल्लेबाज हावी थे पहले कर्नाटक ने 434 रन का पहाड़ खड़ा किया. फिर रेलवे को 333 रन पर रोक लिया. दूसरी पारी में कर्नाटक ने चार विकेट के नुकसान पर 275 रनों पर अपनी पारी घोषित करते हुए रेलवे के सामने 377 रनों का लक्ष्य रखा. यहां तक मैच में बल्लेबाजों का बोलबाला था. जिसमें मयंक अग्रवाल ने रणजी ट्रॉफी के इस सत्र में अपने 1000 रन पूरे कर लिए. लेकिन किसे पता था कि एक गेंदबाज बल्लेबाजों की इस इबारत के ऊपर अपनी इबारत लिख कर उनका प्रदर्शन फीका कर देगा.

  1. पूरे मैच में बल्लेबाज ही हावी रहे
  2. गौतम ने अंतिम दिन लिए सात विकेट
  3. ड्रा होते मैच में जीत दिला दी गौतम ने

पहली पारी में कर्नाटक की टीम जब गेंदबाजी करने आई तो रेलवे बड़े स्कोर (434) के दबाव में थी. कर्नाटक के गेंदबाजों ने  जरूर रेलवे को 333 रन पर आउट कर टीम को 101 रन की बढ़त दिला दी. लेकिन इसमें लगभग सभी गेंदबाजों का योगदान रहा. सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए श्रेयस गोपाल ने.

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इसके बाद नंबर आता है कृष्णप्पा गौतम का. गौतम ने  27 ओवर में 70 रन देकर तीन विकेट लिए. लेकिन तब तक किसी को अंदाजा भी नहीं था कि कृष्णप्पा गौतम की यह महज शुरुआत ही है. बल्लेबाजों के हावी रहते इस मैच में गौतम पर किसी का ध्यान ही नहीं गया क्योंकि दूसरी पारी में भी कर्नाटक के बल्लेबाजों ने (खास तौर पर मयंक अग्रवाल का दूसरी पारी में भी शतक) अपना दबदबा कायम रखते हुए एक बार फिर रेलवे को बड़ा लक्ष्य दे दिया.

कृष्णप्पा गौतम की कहानी शुरु हुई जब रेलवे की टीम दूसरी पारी में 377 रन के लक्ष्य का पीछा करने मैदान पर उतरी. इस पारी में गौतम ने ताबड़तोड़ सात विकेट लेकर पूरी रेलवे की टीम को मजह 167 रन पर समेट दिया. इस पारी में गौतम के आंकड़े कुछ यूं थे : 26 ओवर, 7 मेडन, 72 रन और 7 विकेट. औसत था 2.77 रन प्रति ओवर.

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ऑफ स्पिनर गौतम ने अपनी ऊंचाई का पूरा फायदा उठाते हुए पिच से अपने लिए हल्का सा उछाल निकलवाते हुए यह कामयाबी हासिल कर ली, जबकि पिच स्पिनर्स के लिए किसी तरह से भी सहायक नहीं थी. बल्लेबाजी के आंकड़ों से भी यही झलकता है. गौतम ने अपनी लाइन टाइट रखी और बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा जो उनको विकेट दे गया. 
जीत के बाद गौतम ने माना कि विकेट धीमा था और टर्न नहीं कर रहा था. लेकिन चीजें हमारे पक्ष में गईं ये खुशी की बात है. 

पहली बार है जब गौतम ने एक मैच में दस विकेट लिए हैं
29 साल के कृष्णप्पा गौतम ने रणजी के छह ग्रुप मैचों में 27 विकेट लिए हैं. लेकिन यह पहली बार है जब कृष्णप्पा गौतम ने एक मैच में दस विकेट लिए हैं. उसके प्रदर्शन से साफ है कि किस तरह कर्नाटक की इस रणजी में सफलता के पीछे केवल बल्लेबाजों का ही नहीं बल्कि गेंदाबाजों का भी योगदान है. गौतम कहते हैं कि पिछले सीजन में उन्होंने असम के खिलाफ 5 विकेट लिए थे. वे अपने प्रदर्शन से काफी संतुष्ट नजर आए. 

हालांकि इससे पहले कृष्णप्पा गौतम जब भी चर्चा में आए तो अपने अच्छे प्रदर्शन की वजह से नहीं. सितंबर में ही उन्हें  बीसीसीआई की इजाजत लिए बिना कर्नाटक प्रीमियर लीग में टी20 मैच खेलने का खामियाजा भुगतना पड़ा था जब उन पर दिलीप ट्रॉफी और भारत ए सीरीज में खेलने से प्रतिबंध लगा दिया गया था.

अब आगे देखना चाहते हैं गौतम 
लेकिन कृष्णप्पा गौतम अब आगे देखना चाहते हैं. उनकी नजर फिलहाल रणजी के अगले मैच पर है जहां कर्नाटक ने रेलवे को 209 रनों से हराते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर ली है. क्वार्टर फाइनल में उसका सामना ग्रुप-सी की उपविजेता मुंबई से होगा. 
लेकिन कर्नाटक के इस ऑफ स्पिनर को भारतीय चयनकर्ता अब नजर अंदाज नहीं कर पाएंगे. उन्हें कृष्णप्पा गौतम के प्रदर्शन का भी ध्यान रखते हुए चयन करने होंगे. 

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