टीम इंडिया को अपनी पेसबुक 'भुवी, शमी और बुमराह' पर पूरा भरोसा है. स्पिन गेंदबाजी का जिम्मा कुलदीप और चहल संभालेंगे. सबसे ज्यादा नजरें केदार जाधव पर लगी हुई हैं.
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नई दिल्ली: 30 मई से ब्रिटेन में शुरू होने वाले क्रिकेट के 'महाकुंभ' में भाग लेने के लिए टीम इंडिया रवाना हो गई है. विशेषज्ञों की राय में भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में पहुंचने के प्रबल दावेदार हैं. टीम इंडिया को अपनी पेसबुक 'भुवी, शमी और बुमराह' पर पूरा भरोसा है. स्पिन गेंदबाजी का जिम्मा कुलदीप और चहल संभालेंगे. सबसे ज्यादा नजरें केदार जाधव पर लगी हुई हैं.
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी के मुताबिक केदार जाधव इंग्लैंड के हालात के अनुकूल विदेशी बल्लेबाजों के लिए मुसीबत साबित हो सकते हैं. इंडियन एक्सप्रेस पर लिखे एक आलेख में तिवारी ने खुलासा किया कि उन्होंने आईपीएल के दौरान केदार जाधव के एक्शन को कॉपी किया था.
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तिवारी के मुताबिक, "मुझे भी केदार जाधव जैसी साइड आर्म ऑफ ब्रेक करने की जरूरत हुई थी. मुख्य रूप से, मैं लेग स्पिनर हूं लेकिन आईपीएल में कुछ लोगों ने भरोसा जताया. मुश्किल परिस्थतियों में कप्तान हमेशा पार्ट टाइमर गेंदबाज की बजाय विशेषज्ञ को गेंद सौंपता है. फिर मैंने कुछ हटकर करने की सोची. अचानक मेरे मन में केदार जाधव का ख्याल आया. मैंने टीवी पर उसके एक्शन को देखा. मैंने सोचा कि मुझे भी यह आजमाना चाहिए. मैंने रणजी ट्रॉफी में उनके एक्शन को आजमाया और फायदा पाया."
जाधव के एक्शन की तारीफ करते हुए तिवारी ने कहा, "उनका एक्शन तब बहुत खतरनाक होता है जब पिच से बहुत ज्यादा बाउंस नहीं मिलता. यह बैटिंग ट्रैक पर काम नहीं आएगा. उनका यह एक्शन ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के खिलाफ ज्यादा प्रभावी है. एशियाई बल्लेबाजों को इससे ज्यादा मुश्किल नहीं होगी क्योंकि वे कई तरह के स्पिनर को खेलते रहते हैं."
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तिवारी ने अपना मत रखते हुए कहा, "इस तरह की गेंदबाजी का सबसे बड़ा लाभ नेचुरल एंगल होता है - इसे कंधे के ऊपर से रिलीज किया जाता है. बाल गिरकर इधर या उधर जाती है तब पांव बल्लेबाज का उस तरफ नहीं जाता है. यही वजह है कि आप देखेंगे कि केदार जाधव की गेंदों पर बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू या बोल्ड हो जाते हैं. "
टीम इंडिया के लिए 12 वनडे खेल चुके तिवारी ने कहा, "इस बॉलिंग एक्शन से पूरी शरीर में तनाव होता है. पूरे दिन इस एक्शन में गेंदबाजी करना आसान काम नहीं है. गैर-एशियाई टीमों के खिलाफ जाधव को खिलाना टीम इंडिया के लिए फायदेमंद रहेगा. जाधव उनके लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकते हैं. विदेशी बल्लेबाज पहले ही अपना पांव बदल देते हैं. इसलिए कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ज्यादा सफल हैं."