#Metoo का असर, अब ICC भी बनाएगा यौन उत्पीड़न की नई नीति
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#Metoo का असर, अब ICC भी बनाएगा यौन उत्पीड़न की नई नीति

दुनिया भर में मीटू अभियान के चलते आईसीसी ने भी अपने लिए नई यौन उत्पीड़न नीति बनाने का फैसला किया है.

आईसीसी प्रमुख डेव रिचर्डसन ने आईसीसी की यौन उत्पीड़न के लिए नीति बनाने के फैसले की जानकारी दी.

नई दिल्ली: दुनिया भर में इन दिनों मीटू कैंपेन छाया हुआ है. पिछले साल हॉलीवुड में यौन उत्पीड़न के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक अभियान के तरह शुरु हुआ मीटू इन दिनों भारत में भी शुरु होकर तेजी से बढ़ रहा है. इसके असर से भारत में क्रिकेट भी अछूता नहीं रह पाया और भारत में ही कुछ श्रीलंकाई क्रिकेटरों के नाम आ गए. हड़कंप तब मचा जब बीसीसीआई के वर्तमान सीईओ राहुल जौहरी का नाम इस मीटू अभियान में सामने आ गया.  मीटू की इस हलचल का असर अब आईसीसी में दिखाई देने वाला है.  जल्द ही आईसीसी अब यौन शोषण या उत्पीड़न को लेकर नई नीति लेकर आने वाला है. 

  1. सिंगापुर में 3 दिन की बैठक हुई है आईसीसी की
  2. बैठक में नई यौन उत्पीड़न नीति बनाने का फैसला
  3. खिलाड़ी सहित सपोर्ट स्टाफ पर भी लागू होगी नीति

हाल ही में  सिंगापुर में आयोजित आईसीसी की तीन दिवसीय बोर्ड मीटिंग में यौन उत्पीड़न के विषय पर चर्चा की गई. आईसीसी ने एक बयान जारी कर बताया कि यौन उत्पीड़न के खिलाफ बचाव के लिए गवर्निंग बॉडी नई पॉलिसी लेकर आएगी. अब आईसीसी के नए दिशानिर्देशों में मैदान से बाहर आचरण के बारे में क्रिकेटरों को शिक्षित करना शामिल किया जाएगा जिससे यौन उत्पीड़न और 'बच्चों और कमजोर व्यस्कों' को डराना-धमकाना रोका जा सके.

खिलाड़ियों के अलावा सपोर्ट स्टाफ भी दायरे में आएंगे नीति के
बयान के मुताबिक, आईसीसी इवेंट बिहेवियर ऐंड वेलफेयर पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से भी शामिल किया जाएगा. यह विशेष रूप से, आईसीसी या स्थानीय आयोजन समिति की तरफ से या उनके लिए आईसीसी कार्यक्रमों में शामिल होने वाले खिलाड़ियों, प्लेयर सपॉर्ट स्टाफ और अन्य लोगों के लिए ऑफ-फील्ड आचरण के मानकों के तौर पर होगा. आईसीसी सीईओ डेव रिचर्ड्सन ने कहा, 'बोर्ड और कमिटी क्रिकेट को सभी के लिए सुरक्षित जगह बनाने के लिए एक साथ हैं, फिर चाहे वे खेल रहे हों या किसी भी पद पर काम कर रहे हों.' 

बयान में महिलाओं का जिक्र तक नहीं!
हैरानी की बात है कि आईसीसी के बयान में महिलाओं का जिक्र कहीं नहीं आया है और न ही महिला क्रिकेट के संबंध में कोई बात की गई है. हालाकि रिचर्डसन ने बोर्ड की मंशा तो जता दी है लेकिन अभी औपचारिक रूप से कुछ भी सामने नहीं आया है. इसके अलावा आईसीसी की बैठक पर राहुल जौहरी के मीटू कैंपेन में फंसने की घटना का कितना असर हुआ है यह भी स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना तय है कि इस घटना का असर न हुआ हो ऐसा तो हुआ ही नहीं होगा. 

यह मामला था जौहरी का
कुछ दिन पहले ही एक ट्विटर हैंडल पर एक महिला द्वारा लिखे गए पत्र के स्क्रीनशॉट्स जारी किए गए थे, जिसमें राहुल जौहरी पर उस अज्ञात महिला लेखक से यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इस पर संज्ञान लेते हुए सीओए ने जौहरी से आरोपों की सफाई देने के लिए सात दिन का समय दिया था. 
आरोप लगने के बाद से उन्होंने एक भी बार बीसीसीआई मुख्यालय स्थित अपने ऑफिस में कदम नहीं रखा है और इसी वजह से जौहरी आईसीसी की बैठक में भी हिस्सा नहीं ले सके थे. जौहरी ने भी सीओए से अपील की थी कि वे सिंगापुर में इसी सप्ताह के अंत में होने वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.

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