विवाद पर मदनलाल आए कोच के बचाव में, कहा- मिताली के दुश्मन नहीं पोवार
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विवाद पर मदनलाल आए कोच के बचाव में, कहा- मिताली के दुश्मन नहीं पोवार

मिताली राज-रमेश पोवार विवाद पर मदनलाल मिताली राज से सहमत नहीं हैं.

मदन लाल का मानना है कि कोच और कप्तान ही श्रेष्ठ होते हैं.  (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: मिताली राज-रमेश पोवार विवाद पर अब पूर्व क्रिकेटर और कोच मदनलाल का बयान आया है. मदनलाल का कहना है कि खेल में कई बार टीम के हित में कड़े फैसले लेने पड़ते हैं और खिलाड़ियों को इसे व्यक्तिगत तौर पर नहीं लेना चाहिए. वेस्टइंडीज में आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिताली को बाहर रखने के कारण विवाद पैदा हुआ था. भारत को इंग्लैंड ने उस मैच में आठ विकेट से हराया था. मिताली ने आरोप लगाया कि कोच रमेश पोवार उनका करियर बर्बाद करना चाहते हैं. 

  1. टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में नहीं खेलीं थी मिताली
  2. हरमनप्रीत और कोच पवार ने बताया था इस रणनीति का हिस्सा
  3. मिताली राज ने लगाए थे उन्हें दरकिनार करने सहित कई आरोप

कोच पोवार का कार्यकाल 30 नवंबर को ही खत्म हुआ है. एएनआई की खबर के मुताबिक, मदनलाल ने कहा कि पोवार मिताली के दुश्मन नहीं हैं और खिलाड़ी को अपने  टी20 खेल में ढलने पर ध्यान देना चाहिए न कि कीचड़ उछालने में उलझना चाहिए. मदनलाल ने यह भी कहा वे कोच जो कोई स्टैंड ले लेते हैं, उनसे बेहतर डमी कोच को नियुक्त करना बेहतर होता है.  इसके अलावा मदनलाल ने यह भी कहा कि बार बार कोच बदलना खेल के लिए ठीक नहीं होता, यह गलत संदेश देता है. 

सहमत नहीं मिताली के आरोपों से
मदनलाल मिताली के उन आरोपों से सहमत नजर नहीं आए कि पोवार ने उन्हें बाहर रखने के लिए फैसले लिए. पुरुषों की टीम का उदाहरण देते हुए पूर्व कोच ने कहा, “कल को रवि शास्त्री किसी खिलाड़ी को बाहर कर दें तो क्या आप उन्हें भी हटा देंगे? चीजें इस तरह से काम नहीं करतीं. वे (कोच) भी दबाव में रहते हैं. प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता है. आप ऐसे ही किसी को बाहर नहीं बिठा देते. मैं परफॉर्मेंस में विश्वास करता हूं, और बोर्ड को भी इसी का विश्लेषण करना चाहिए.”

कोई खेल से बड़ा नहीं होता
मिताली के आरोपों पर उन्होंने कहा, “खेल से कोई बड़ा नहीं होता. क्या इस बात की गारंटी थी कि यदि मिताली को खिलाया जाता तो टीम फाइनल में पहुंच ही जाती. ये एक टीम गेम होता है व्यक्तिगत गेम नहीं. मैं हमेशा मानता हूं कि कप्तान और कोच सबसे बड़े होते हैं. उन्हें हालातों के मुताबिक फैसले लेने पड़ते हैं.” मदन लाल ने पोवार की इस बात पर सहमति जताई की टी20 खेल में मिताली धीमा खेल रहीं थी. उनके मुताबिक मिताली को टी20 प्रारूप के मुताबिक ढलना होगा.

चला आरोपों का सिलसिला
इस मामले ने जल्द ही तूल पकड़ लिया था. कोच पोवार ने मिताली के रवैये पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि मिताली अलग-थलग रहने वाली खिलाड़ी हैं, जिन्हें संभालना मुश्किल है. उन्होंने यह भी कहा था कि मिताली ने बैटिंग ऑर्डर बदलने का विरोध भी किया था. मामले में मिताली और पोवार के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला. टी20 विश्व कप में बल्लेबाजी क्रम को लेकर संन्यास की धमकियों, नखरों और टीम में अव्यवस्था फैलाने के कोच रमेश पोवार के आरोपों पर जवाब देते हुए मिताली राज ने कहा, ‘‘यह मेरे जीवन का सबसे काला दिन है.’’ 

बर्बाद करना चाहते हैं पोवार, मिताली का आरोप
मिताली ने पहले पोवार पर आरोप लगाया था कि वे उन्हें बर्बाद करना चाहते थे जबकि कोच ने टी20 विश्व कप पर अपनी रिपोर्ट में टूर्नामेंट के दौरान उनके रवैये पर सवाल उठाए. भारत को सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने हराया और उसी मैच में मिताली को बाहर किए जाने पर विवाद उठा था. मिताली और कोच के बीच के इस विवाद ने भारतीय महिला क्रिकेट को झकझोर दिया है. मिताली ने पहले पोवार को प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी पर पक्षपात का आरोप लगाया. उसने कहा कि डायना ने उनके खिलाफ अपने पद का दुरूपयोग किया जबकि पोवार ने उन्हें अपमानित किया. 

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