अजहर ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे एक घंटे तक इंतजार कराया. यह काफी शर्मनाक था. मैं हैदराबाद का खिलाड़ी रहा हूं और 10 साल भारतीय टीम का कप्तान रहा हूं.''
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हैदराबाद: हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) ने मोहम्मद अजहरुद्दीन के अपनी आम सभा की विशेष बैठक (एसजीएम) में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी, जिससे विवाद खड़ा हो गया और पूर्व भारतीय भी कप्तान नाराज हैं. एचसीए अध्यक्ष जी विवेक ने कहा कि अनधिकृत क्रिकेट इकाई से कथित तौर पर जुड़ने के कारण रविवार की एसजीएम में अजहरुद्दीन को शुरू में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं दी गई. विवेक ने कहा, ‘‘वह प्राक्सी वोटर था. उसके कार्ड पर निलंबित सचिव ने हस्ताक्षर किया था.’’ लोढा समिति की सिफारिशों को पारित करने के लिए एसजीएम बुलाई गई थी.
विवेक ने आरोप लगाए कि अजहरूद्दीन बीसीसीआई द्वारा गैर मान्यता प्राप्त क्रिकेट इकाई के ब्रांड दूत बनकर एचसीए के खिलाफ अभियान चला रहे थे. बता दें कि उन्हें एक घंटे तक रोक के रखा गया और कांग्रेस नेता वी हनुमंत राव के हस्तक्षेप के बाद ही बैठक के स्थल में घुसने की स्वीकृति दी गई.
HCA Row: अजहरुद्दीन को एक घंटे तक खड़े रखा बाहर, भावुक होकर बोले- मैं भारत का कप्तान रहा हूं
एचसीए अध्यक्ष जी विवेक के इस बयान के बाद अजहरुद्दीन ने अपनी सफाई दी है. अजरूद्दीन ने कहा, यह कार्ड वैध था. 3 जनवरी को यही इश्यू किया था और इस पर सचिव के हस्ताक्षर भी हैं. मुझे यह जानकारी कैसे होगी कि सचिव 5 जनवरी को निलंबित होने जा रहे हैं.
It is valid card, it's been signed by the secretary & issued to me on Jan 3rd. How am I going to know that secretary is going to be suspended on Jan 5th: Former Indian cricket team Mohd. Azharuddin on not being allowed initially at SMG meeting of Hyderabad Cricket Association pic.twitter.com/mePO0yVIl5
— ANI (@ANI) January 9, 2018
एचसीए अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में लोढा समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया गया. उन्होंने इन खबरों को खारिज किया कि काफी सदस्य बैठक से अजहरुद्दीन को प्रतिबंधित करने के पक्ष में नहीं थे.
अजहरुद्दीन का सामने आया दर्द
विवेक ने कहा, ‘‘जब तक आप इन्हें (लोढा समिति की सिफारिश) स्वीकृति नहीं देंगे तब तक बीसीसीआई आपको पैसा नहीं देगा.’’ इस बीच 54 साल के अजहर ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे एक घंटे तक इंतजार कराया. यह काफी शर्मनाक था. मैं हैदराबाद का खिलाड़ी रहा हूं और 10 साल भारतीय टीम का कप्तान रहा हूं. ये लोग जो संघ को चला रहे हैं उन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता. उन्होंने अपने जीवन में कभी बल्ला या गेंद नहीं उठाई.’’
कांग्रेस की टिकट पर चुने गए थे सांसद
आपको बता दें कि इससे पहले पिछले वर्ष अजहर ने हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था. हालांकि, वे अध्यक्ष नहीं बन पाए थे. अजहरुद्दीन साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने जा चुके हैं.
अजहर ने 90 के दशक में 47 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की. उनका अंतरराष्ट्रीय करियर सन 2000 में मैच फिक्सिंग कांड के आरोपों के चलते समाप्त हुआ था. बीसीसीआई ने इन आरोपों के चलते ही उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने यह प्रतिबंध समाप्त कर दिया.