युवराज सिंह का छलका दर्द, कहा- धोनी और कोहली ने नहीं की ज्‍यादा मदद, गांगुली से मिला भरपूर समर्थन
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युवराज सिंह का छलका दर्द, कहा- धोनी और कोहली ने नहीं की ज्‍यादा मदद, गांगुली से मिला भरपूर समर्थन

युवराज सिंह ने अपने वनडे करियर में 304 मैच में खेले हैं. इसमें से उन्होंने 110 सौरव गांगुली और 104 मैच महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले हैं.

युवराज सिंह ने सौरव गांगुली की कप्तानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था. (फोटो-IANS)

नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने रिटायरमेंट के बाद अपनी बार कहा है कि अपने क्रिकेट करियर के दौरान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली (Virat Kohli) की तुलना में सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) की तरफ से उन्हें ज्यादा मदद मिली. युवराज ने साल 2000 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए चैंपियंस लीग मुकाबले से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद अपने करियर के अलग-अलग मौके पर वो राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, धोनी और कोहली की कप्तानी में भी खेले.

  1. क्रिकेटर युवराज सिंह ने किया खुलासा
  2. सौरव गांगुली ने की सबसे ज्यादा मदद
  3. कोहली, धोनी से भी ज्यादा मदद की

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युवराज ने कहा, मैं काफी वक्त तक सौरव गांगुली की कप्तानी में खेला हूं और उन्होंने मेरा काफी सपोर्ट किया है. इसके बाद माही (धोनी) ने कप्तानी संभाली. ऐसे में ये चुन पाना मुश्किल है कि कौन अच्छा है. सौरव के साथ मेरी तमाम यादें जुड़ी हैं क्योंकि उन्होंने मेरा काफी सपोर्ट दिया. मुझे माही और विराट (कोहली) से इस तरह का समर्थन नहीं मिला.

युवराज ने अपने वनडे करियर में 304 मैच खेले. इसमें से उन्होंने 110 गांगुली की कप्तानी में और 104 धोनी की कप्तानी में खेले. 38 साल के युवराज का मानना है कि मौजूदा वक्त में भारतीय क्रिकेट टीम को किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जोकि खिलाड़ियों के मैदान के बाहर के मुद्दों पर बात कर सके ताकि मैदान के अंदर खिलाड़ी अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें.

उन्होंने कहा, इस भारतीय टीम को एक ऐसे अच्छे शख्स की जरूरत है जोकि मैदान के बाहर के मुद्दों पर खिलाड़ियों से बातचीत कर सके. उनके आफ फील्ड मुद्दों का प्रभाव मैदान पर पड़ता है. उन्हें एक ऐसे मनोवैज्ञानिक की जरूरत है जोकि उनके निजी मुद्दों पर उनसे बातचीत कर सके.

उन्होंने कहा, उन्हें बेहतर इंसान बना सके. हमारे पास पैडी उप्टॉन थे जोकि जीवन से जुड़े दूसरे मुद्दों पर भी बात करते थे. वह असफलता के डर जैसे मामलों पर भी बातचीत करते थे और इससे काफी मदद मिलती थी. टीम को संभवतया उनके जैसे शख्‍स की जरूरत है.
(इनपुट-आईएएनएस)

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