श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के नाम टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड है.
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नई दिल्ली: क्रिकेट के इतिहास में 28 अगस्त के हस्ताक्षर बोल्ड अक्षरों में दर्ज हैं. 27 साल पहले आज ही के दिन एक पतले-दुबले लड़के ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. वह पहले टेस्ट में तीन और दूसरे टेस्ट में सिर्फ एक विकेट ले सका. ऑस्ट्रेलियाई उसे आसानी से खेल रहे थे और दोनों ही मैच में इस गेंदबाज में कुछ भी खास नजर नहीं आया. लेकिन कुछ ही बरसों में यह खिलाडी दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में शुमार हो चुका था. जब उसने 22 जुलाई 2010 को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा तब उसके खाते में 800 विकेट दर्ज थे.
हम बात कर रहे हैं श्रीलंका (Sri Lanka) के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) की. मुरली ने अपना पहला मैच 28 अगस्त 1992 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला. मुरली का का शुरुआती करियर प्रभावशाली नहीं था. लेकिन कप्तान अर्जुन रणतुंगा (Arjuna Ranatunga) को इस गेंदबाज पर पूरा यकीन था. इसमें कोई शक नहीं कि आज जब मुथैया मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में कामयाबी के शिखर पर है तो इसमें रणतुंगा के उस यकीन का भी योगदान है.
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चकिंग का आरोप लगा
मुरलीधरन पर करियर की शुरुआत में ही चकर होने का आरोप लगा. 1995 में मेलबर्न टेस्ट में अंपायरों ने मुरली की सात गेंदों को नोबॉल करार दिया. कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने इसका तीखा विरोध किया और मैच बीच में छोड़ने की धमकी तक दे डाली. बहरहाल, यह विवाद तब खत्म हो गया, जब मुरलीधरन के बॉलिंग एक्शन को आईसीसी ने हरी झंडी दे दी. इसके बाद ही मुरली का करियर परवान चढ़ा.
आखिरी गेंद पर लिया 800वां विकेट
मुरलीधरन ने 2010 में आखिरी टेस्ट मैच भारत के खिलाफ खेला. उन्होंने इस मैच में 8 विकेट लिए. पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में तीन विकेट. मुरलीधरन ने इस मैच की आखिरी गेंद पर प्रज्ञान ओझा को आउट किया. यह उनके टेस्ट करियर का 800वां विकेट भी था.
विश्व कप खेलकर कहा- अलविदा
मुरलीधरन ने वनडे क्रिकेट में आखिरी मैच विश्व कप के फाइनल के रूप में खेला. भारत ने 2011 में खेले गए इस मैच में श्रीलंका को हराकर ट्रॉफी जीती. मुरलीधरन इस मैच में एक भी विकेट नहीं ले सके और नतीजा यह हुआ कि श्रीलंका यह मैच आसानी से हार गया. मुरलीधरन के नाम टेस्ट की तरह वनडे में भी दुनिया में सबसे अधिक 534 विकेट लेने का रिकॉर्ड है.